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अपराध नोएडा

फाइनेंस कंपनियों के लोन धारको को लोन की किस्त पर करोनाकाल के कारण 50 की छूट का आफ़र देकर ठगों ने ऐंठ लिए 50 लाख 

अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट 
फाइनेंस कंपनियों लोन लेने वाले ग्राहकों का डाटा को हैक कर ठगी करने वाले दो साइबर कैफे संचालकों को सेक्टर- 58 थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के दो मास्टरमाइंड अभी भी फरार है, उनके पुलिस तलाश कर रही है। आरोपियों से पूछताछ से पता चला है, कि इन लोगों ने एक हज़ार से ज्यादा ग्राहकों के लोन की किस्त पर करोना काल में 50 की छूट का आफ़र देकर अपने बैंक खातों में जमा कर दी थी।  पुलिस ने आरोपियों के पास 12 डेबिट कार्ड 12 मोबाइल लैपटॉप सहित अन्य सामान बरामद किया है। 

पुलिस की गिरफ्त में बैठे हुए राहुल और गुड्डू कुमार नोएडा की सेक्टर-58 पुलिस ने 40 फुटा रोड उत्तम नगर, दिल्ली से गिरफ्तार किया है।  एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि 3 जून को थाना सेक्टर- 58 में सेक्टर-62 में संचालित एक फाइनेंस कंपनी के अधिकारी दीपक ने शिकायत की थी कि उनकी कंपनी ग्राहकों को लोन देती है। कुछ ठगों ने उनकी कंपनी का डाटा हैक करके उनके ग्राहकों से संपर्क किया। आरोपियों ने खुद को कंपनी का अधिकारी बताकर ग्राहकों से लोन की किश्त के लाखों रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के मोबाइल नंबर को सर्विलांस के माध्यम से ट्रेस किया तो पता चला किस दिल्ली के उत्तम नगर स्थित एक साइबर कैफे के दो संचालक राहुल और गुड्डू हैं इस ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। पुलिस की तहक़ीक़ात में पता चला है कि आरोपियों ने पांच फाइनेंस कंपनियों का डाटा चोरी कर उनके 1000 से अधिक ग्राहकों से 50 लाख  की ठगी की है।  आरोपी डाटा चोरी करने के बाद संबंधित ग्राहकों को फोन करते थे उनसे कहते थे कि उनकी किस्त लंबित पड़ी है। कंपनी ने कोरोना के कारण उनके लोन की किस्त 50% माफ कर दी है। इसके बाद आरोपी किस्त की 50% रकम अपने खाते में जमा करा लेते थे गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के बैंक खातों को सीज करा दिया गया है। उनके खाते में करीब 12 लाखों से ज्यादा रकम जमा है। एडीसीपी ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि इस गैंग का मास्टरमाइंड सोनू और एक अन्य आरोपी है जो अभी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।  यह दोनों मास्टरमाइंड साइबर कैफे की संचालकों के साथ सांठगांठ कर यह ठगी का कारोबार चला रहे थे और ग्राहकों से वसूले गए पैसे का 25 परसेंट साइबर कैफे देते थे जबकि 75 परसेंट अपने पास रखते थे। और पिछले 2 साल से यह फर्जीवाड़ा कर रहा थे।

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