अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबादःआर्थिक अपराध शाखा, एनआईटी फरीदाबाद की टीम ने आज बैंक के साथ 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में तीन आरोपितों को अरेस्ट किया है। अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम शिव , निवासी गांव अहमदपुर, फरीदाबाद, राकेश,निवासी नंगला एन्क्लेव, एनआईटी फरीदाबाद व कुलदीप, निवासी जवाहर कॉलोनी, फरीदाबाद हैं।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि अरेस्ट किए गए आरोपितों में शिव, राकेश व कुलदीप का नाम शामिल है। आरोपितों ने वर्ष-2017 में सेक्टर-23 स्थित इंडियन बैंक से फर्जी दस्तावेज के आधार पर 50 लाख रुपए का लोन लिया था। पुलिस को दी लिखित शिकायत में बैंक मैनेजर ने बताया कि आरोपितों द्वारा वर्ष-2017 में जमा कराए गए दस्तावेज के अनुसार आरोपित शिव ने एसजीएम नगर में एक 250 गज का प्लॉट श्रीमती कमलजीत कौर से खरीदा है जिसके सेल डीड इन्होंने बैंक में जमा करवा दी। दस्तावेज जमा होने के पश्चात बैंक ने 50 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट आरोपितों द्वारा बताए गए श्रीमती कमलजीत कौर के फर्जी बैंक अकाउंट के नाम पर काट दिया। लोन की 50 लाख रुपए की राशि कमलजीत कौर के खाते में न जाकर आरोपितों द्वारा दिए गए फर्जी अकाउंट में चली गई।
लोन की राशि प्राप्त होने के कुछ महीनों तक आरोपितों ने किस्त जमा की परंतु बाद में जब किस्त आनी बंद हो गई तो दिसंबर 2020 में बैंक मैनेजर ने जाकर जब उक्त प्लॉट का दौरा किया तो पता चला कि यह प्लॉट कमलजीत कौर ने वर्ष 2018 में किसी रश्मि रानी को बेचा था। इसके पश्चात बैंक अपने तौर पर मामले की जांच करता रहा और जनवरी 2022 में बैंक की शिकायत के आधार पर आरोपितों के खिलाफ षड्यंत्र तथा नकली दस्तावेज तैयार करके धोखाधड़ी करने की धाराओं के तहत पुलिस थाना मुजेसर में मुकदमा दर्ज करवाया गया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए फरीदाबाद पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जब कमलजीत कौर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जो दस्तावेज आरोपितों द्वारा बैंक में जमा करवाए गए हैं वह फर्जी है। उन्होंने वर्ष 2017 में यह प्लॉट किसी को नहीं बेचा बल्कि वर्ष-2018 में उन्होंने यह प्लॉट रश्मि रानी को बेच दिया था। इसके पश्चात आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने मामले में पर्याप्त सबूतों के आधार पर तीनों आरोपितों को 19 अप्रैल को अरेस्ट कर लिया। आरोपितों को अदालत में पेश करके 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। प्राथमिक पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि बैंक में लोन के लिए दी गई एप्लीकेशन शिव कुमार के नाम पर थी तथा फर्जी दस्तावेज बनाने में आरोपित राकेश तथा कुलदीप भी शामिल थे। इस मामले में शामिल अन्य आरोपितों के बारे में पूछताछ की जा रही है और यदि इसमें किसी अन्य का संलिप्त होना पाया गया तो उसे भी जल्द अरेस्ट किया जाएगा।
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