Athrav – Online News Portal
दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा’, लेकिन मोदी जी तो आईना साफ करते नहीं, तोड़ देते हैं, आईना-लाइव वीडियो-सुने।

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अमूमन हम लोग शेरो-शायरी से बचते हैं, मैं तो कम से कम बचता हूं। लेकिन एक शेर बड़ा पसंद आया, तो आज मैंने वो ट्वीट भी किया, कि ‘उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आईना साफ करता रहा’, लेकिन यहाँ मोदी जी तो आईना साफ नहीं करते, तोड़ देते हैं, आईना। बीबीसी पर कल आपने देखा क्या हुआ, सर्वे हो रहा है। हमारे साहब को इतना नहीं मालूम कि बीबीसी कोई प्रॉफिट-लॉस का रेवेन्यू मॉडल नहीं है। जितने भी सब्सक्राइबर हैं बीबीसी के, वो एक लाइसेंस फीस पोस्ट ऑफिस में जमा कराते हैं। पोस्ट ऑफिस वो लाइसेंस फीस बीबीसी को दे देता है और उससे तनख्वाहें चलती हैं, कोई प्रॉफिट-लॉस नहीं होता उसमें। उसमें इंकम टैक्स विभाग भारत का उसका कोई रोल ही नहीं है। इससे साहब को क्या फर्क पड़ रहा है, उन्हें तथ्यों से कोई मतलब नहीं। साहब के अतीत पर कोई प्रकाश डाल दे या कोई अतीत को सामने खंगाल कर ले आए, तो वो उस आदमी का, उस मीडिया हाउस का भविष्य बर्बाद कर देंगे। ये है इनकी असलियत।

2014 से पहले तो साहब इसी बीबीसी के बारे में भाषण दिया करते थे कि अरे हम तो भरोसा ही बीबीसी पर करते हैं, आज क्या हुआ? तो खुद इतिहास खंगाल-खंगाल करके सरनेम पर चले जाएंगे कि गांधी हो या नेहरू हो और इनकी पार्टी और इनकी विचारधारा हजारों साल पुराना इतिहास सबको याद दिलाती रही है। अरे साहब, आपके साथ ये बुरा हुआ। 20 साल पुराना इतिहास अगर बीबीसी ने निकाल दिया, तो आपको क्या परेशानी हो गई? जी-20 पर जो हमें रोटेशनल प्रेसिडेंटशिप मिली, चेयरमैनशिप मिल रही है हिंदुस्तान को, सबके लिए गर्व का विषय है। मगर मदर ऑफ डेमोक्रेसी इंडिया, बिल्कुल है मदर ऑफ डेमोक्रेसी इंडिया, लेकिन इंडिया का जो प्रधानमंत्री है, वो फादर ऑफ हिपोक्रेसी क्यों बना हुआ है? जब मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, तो विश्व में आप क्या छवि बना रहे हैं इस तरह से रेड डालकर, इस तरह से इंकम टैक्स की टीम भेजकर बीबीसी पर? क्या मिल जाएगा आपको, क्या छवि बहुत निखर जाएगी आपकी? आप सबको मालूम होगा, क्योंकि आप सबसे बावस्ता है, आपसे रिलेटेड है ये बात कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 2021 में हम 142 वीं रैंक पर थे, 2022 में हम 150 वीं रैंक पर चले गए। हमारे पड़ोसी देश हमसे बेहतर हो गए। तो कल जो इन्होंने बीबीसी के साथ किया, आपको क्या लगता है कि हम वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में और बढ़ जाएंगे, इसमें हमारी रैंकिंग सुधर जाएगी?

आज कह रहे हैं साहब विदेशी साज़िश हो गई। ‘दैनिक भास्कर’ ने क्या कर दिया था,जब उन पर रेड हो गई थी,वो भी विदेशी साज़िश थी? ‘न्यूज़क्लिक’ क्या विदेशी साजिश का हिस्सा था? ‘न्यूजलॉन्ड्री’ क्या विदेशी साजिश का हिस्सा था? पहले एक चैनल पर रेड डालते हैं, फिर उनका दोस्त वो न्यूज चैनल खरीद लेता है, ये कौन सी साजिश है, ये कौन सा टूल किट है? मैं नाम ले लेता हूं, कई बार नहीं लेता हूं, आप समझते हैं मैं किस चैनल की बात कर रहा हूं। ऐसे कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे, जिसमें पहले रेड होती है, वो मीडिया हाउस हो, वो कई पोर्ट हो, वो कोई एयरपोर्ट हो। पहले एजेंसी जाएगी साहब की, पायलट एस्कॉर्ट होता है ना, वीआईपी सड़क पर चलते हैं तो, ये मोदी साहब का पायलट एस्कॉर्ट है। मोदी साहब का नहीं, अडानी जी का पायलट एस्कॉर्ट है। पहले जाती है एजेंसी, फिर जाते हैं अडानी जी, हो गया काम। तो मीडिया के साथ भी वही हो रहा है, जो पारादीप पोर्ट के साथ हुआ या मुंबई हवाई अड्डे के साथ हुआ, लगातार…, इनका टूल किट जिसे हम कहते हैं। मैं और भी उदाहरण दूंगा, जहाँ पहले इनका पायलट एस्कॉर्ट गया, फिर ये खुद गए, इनके दोस्त गए। अंबुजा सीमेंट, एसीसी अल्ट्राटेक सीमेंट, पहले छापा, फिर दोस्त। कितना अच्छा मॉडल है, देखिए। एनडीटीवी, क्विंट, कहाँ इन्होंने ऐसा नहीं किया, मुझे बताइए।तो अब जो कल इन्होंने किया है, हमें चिंता देश की छवि की है। पहले आपने फिल्मों पर बैन लगाए कि यहाँ स्ट्रीमिंग नहीं हो सकती। अब पता नहीं हिंडनबर्ग का दिल्ली में ऑफिस है, इंडिया में कहीं है या नहीं, होता तो अब तक एजेंसी पहुंच चुकी होती। अब पता नहीं कोशिश कर रहे होंगे कि कैसे उन देशों में जाकर अपनी एजेंसी को भेजें। मुझे लगता है कि इनको ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स…, फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन्स तो इनकी बन ही गई हैं…, अब अलग-अलग देशों में शाखाएं बना देनी चाहिए। जैसे आरएसएस की शाखाएं होती हैं ना, वैसे ही ईडी की शाखा अमेरिका में, इंग्लैंड में। शायद फिर हिंडनबर्ग जैसे लोगों को भी चुप करा सकते हैं। मजाक बना दिया है देश में। He has made a mockery of this country. We are not a banana republic and we will never be. लेकिन आप जो इस देश में कर रहे हैं, फिलिप कोटलर अवॉर्ड, ना पहले सुना, ना बाद में सुना। पूरा तंत्र जागृत हो गया, अरे साहब, मोदी जी की जय-जयकार हो गई, फिलिप कोटलर अवॉर्ड मिल गया, तब विदेशी साजिश नहीं होती। ऐसे-ऐसे अखबार, जिनका कभी नाम नहीं सुना विदेशों में, कहीं उन्होंने पेज वन पर छाप दिया कि मोदी जी महान हैं, तो बस उसी को लेकर पूरे देश में डिबेट्स हो रही होती हैं। विश्व गुरु, जो अब तक तो देश की मीडिया को काबू करता था, अब विदेश की मीडिया पर भी रेड डालता है। विश्व गुरु, ऐसे बनते हैं विश्व गुरु! पूरे विश्व की मीडिया पर रेड डालेगा ऐसा विश्व गुरु हमारा? मजाक बना दिया है। हंस रहे हैं लोग हम पर, और दुख होता है जब भारत जैसे देश के प्रधानमंत्री की हंसी उड़ती है, इस तरह से। अफसोस होता है, भले ही विपक्ष हों हम। प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री होता है। अपनी हंसी खुद उड़वाए जा रहे हैं। मुझे याद आया कि लंदन में ही एक नजारा मैडम तुसाद म्यूजियम में इनकी मोम की एक छवि बनी, मोदी जी की। वो नजारा आप याद करिए, खड़े होकर उसको निहार रहे थे, अपनी ही छवि को, आप लोग सब कैमरा टीम गई थी, सब फोटो खिंच रहे थे, तब कोई विदेशी साजिश नहीं थी। कोई अवॉर्ड मिल जाए, कोई रिकॉग्नाइजेशन मिल जाए, कोई विदेशी साजिश नहीं! कहीं कोई सच निकल कर आ जाए, साजिश हो गई, टूल किट हो गया, राष्ट्र विरोधी हो गए।अगर ‘बीबीसी’ राष्ट्र विरोधी है, ‘द वायर’ भी राष्ट्र विरोधी है, ‘द न्यूज मिनट’ भी राष्ट्र विरोधी है। इन सब पर इनकम टैक्स रेड हुई हैं। ‘न्यूज लॉन्ड्री’, ‘क्विंट’, ‘एनडीटीवी’, ‘भारत समाचार’, ‘न्यूज क्लिक’, ‘दैनिक भास्कर’, ये सब राष्ट्र विरोधी हैं, क्यों- क्योंकि इन्होंने कभी हिम्मत जुटाकर कुछ सच लिख दिया। अब ये टूल किट इनका चलेगा नहीं, ये मॉडल इनका चलेगा नहीं, क्योंकि पूरा विश्व हंस रहा है।8 अप्रैल 2013 को मोदी साहब ने कहा था- डीडी, आकाशवाणी इन सब पर तो हम भरोसा ही नहीं करते, हमें तो बीबीसी पर भरोसा है। कहाँ, क्या हो गया साहब, अब बीबीसी पर भरोसा क्यों नहीं है? सत्ता में आते ही भाषा बदल दी।एडिटर्स गिल्ड ने कल एक स्टेटमेंट जारी किया। बीबीसी पर इंकम टैक्स के छापों की निंदा की। कांग्रेस पार्टी उस स्टेटमेंट का समर्थन करती है, स्वागत करती है और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जो सत्ता का हथौड़ा बार-बार मारा जा रहा है, हम उसका खुलकर, डटकर विरोध करते रहेंगे। स्टार्टअप इंडिया तक तो ठीक है, लेकिन ये ‘शट अप इंडिया’ तो हम होने नहीं देंगे और उसमें हम आपका भी सहयोग चाहते हैं, क्योंकि आपकी कलम पर कमल का इतना बड़ा प्रभाव हो, इतना दबाव हो, ये मुझे नहीं लगता कि आप लोगों को बर्दाश्त करना चाहिए।

Related posts

नवनिर्वाचित युवा कांग्रेस शहरी अध्यक्ष नितिन लखन सिंगला को बधाई देने वालों का लगा तांता, सालों बाद मना ऐसा शानदार जश्न

Ajit Sinha

आईआईआईटी, दिल्ली में आज से स्कूली बच्चों के लिए हुई स्पेशल समर कैम्प की शुरुआत

Ajit Sinha

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हाथरस की लड़की के साथ हुई गैंग रेप के बाद हुई मौत पर यूपी के सीएम पर साधा निशाना- वीडियो सुने।

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x