अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:आगामी मानसून में शहर में जल निकासी के विभिन्न प्रबंधों को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा धरातल पर निरन्तर गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रयासों के इसी क्रम में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे एनएच 48 पर नरसिंहपुर क्षेत्र में जलनिकासी के वैकल्पिक समाधान की दिशा में जिला प्रशासन ने बड़ी सफलता प्राप्त की है। नरसिंहपुर में जलभराव वाले क्षेत्र को अब ओपन ड्रेन के जरिए बादशाहपुर ड्रेन से जोड़ने का कार्य जीएमडीए ने शुरू कर दिया।
डीसी अजय कुमार ने सोमवार की शाम नरसिंहपुर में ओपन ड्रेन के निर्माण कार्य का स्वयं भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को इस कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। इस ड्रेन की मदद से अब नरसिंहपुर एरिया में बरसात के दिनों में होने वाले जलभराव की त्वरित निकासी सुनिश्चित की जा सकेगी। इस दौरान दोनों पॉइंट्स को कनेक्टिविटी देने के लिए 750 मीटर के पैच पर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई भी गई। ओपन ड्रेन के लिए आवश्यक 6 मीटर चौड़ाई तक की खाली जगह उपलब्ध होते ही ड्रेन के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो गई। जिला प्रशासन के समन्वय से क्षेत्र साफ होने के बाद, जीएमडीए के जल निकासी प्रभाग द्वारा तुरंत खुदाई का काम शुरू कर दिया गया।डीसी अजय कुमार ने बताया कि वर्तमान में एनएच 48 पर नरसिंहपुर में ड्रेन के निर्माण के लिए एचएसआईआईडीसी ने भी अपनी जमीन देने पर सहमति दी। ओपन ड्रेन से पहले नरसिंहपुर में होने वाले जलभराव की निकासी पंप व पाइप की सहायता से होंडा चौक के समीप बादशाहपुर ड्रेन में की जा रही थी। अब वैकल्पिक समाधान की दिशा में आगे बढ़ते हुए इस क्षेत्र में अब 750 मीटर के मार्ग पर ओपन ड्रेन बनाई जाएगी। जिससे उपरोक्त पॉइंट पर एनएच 48 पर मुख्य मार्ग तथा सर्विस लेन पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी। उन्होंने बताया कि जीएमडीए ने इस हिस्से को मुख्य बादशाहपुर नाले से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। जोकि एनएच 48 के इस प्रमुख हिस्से पर जलभराव की चिंताओं को हल करने के लिए दीर्घकालिक समाधान प्रदान करेगा।
उल्लेखनीय है कि चिन्हित पॉइंट पर जमीन की उपलब्धता की दिशा में पिछले एक महीने से सार्थक प्रयास किए जा रहे थे लेकिन कोर्ट में मामला होने के चलते उक्त पॉइंट पर जल निकासी के वैकल्पिक मार्ग पर मंथन किया गया। जिसमें गुरुग्राम एसडीएम व एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तर पर बैठक की गई। इसी क्रम में शुक्रवार को डीसी अजय कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वैकल्पिक जल निकासी मार्ग पर एक निजी भूमालिक से सहमति ली गई तथा उसके साथ लगती एचएसआईआईडीसी की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करने के लिए सोमवार की सुबह कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाने के निर्देश दिए।इस दौरान एसीयूटी अदिति सिंघानिया, एसडीएम परमजीत चहल व एचएसआईआईडीसी के डीजीएम अरूण गर्ग व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
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