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अपराध दिल्ली

मजदूरी मांगने पर कर्मचारी की चाकुओं से गोद कर सनसनीखेज हत्या करने वाला ठेकेदार 6 साल बाद पकड़ा गया।


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
दिल्ली: क्राइम ब्रांच की साइबर सेल (दरियागंज) ने आज वर्ष 2018 से लगातार फरार चल रहे एक ठेकेदार को अपने कर्मचारी की हत्या करने के सनसनीखेज मामले में गया, बिहार से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम लक्ष्मण प्रसाद (उम्र 40 वर्ष), निवासी जिला नवादा, बिहार है। को गया  वह दिल्ली के पीएस मंडावली क्षेत्र में अपने एक कर्मचारी, जो दिहाड़ी मजदूरी करता था, की निर्मम हत्या के बाद से फरार चल रहा था। साल 2018 में, लक्ष्मण प्रसाद ने अपने भतीजे के साथ मिलकर अपने कर्मचारी राम प्रवेश की केवल मजदूरी मांगने पर हत्या कर दी थी। इस संबंध में पीएस मंडावली में हत्या का मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही आरोपित  फरार था, जिस कारण  न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में उसे उद्घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित कर दिया गया था।

डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि घोषित अपराधियों की तलाश के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत साइबर सेल, क्राइम ब्रांच, दिल्ली की एक टीम को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। फरार आरोपितों  की सूची का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया गया और उनके परिजनों, पूर्व पते एवं संपर्क सूत्रों के माध्यम से गहन निगरानी की गई। खुफिया कार्य में हेड कॉन्स्टेबल मोहित कुमार तोमर की महत्वपूर्ण भूमिका रही। लगातार निगरानी और तकनीकी ट्रैकिंग के ज़रिए लक्ष्मण प्रसाद की बिहार में गतिविधियों का सफलतापूर्वक पता लगाया गया। यह भी सामने आया कि वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा है। त्वरित कार्रवाई करते हुए, इंस्पेक्टर अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एएसआई संदीप त्यागी, एएसआई संजय, एचसी मोहित कुमार तोमर और एचसी भूपेंद्र शामिल थे। इस टीम की पूरी कार्रवाई एसीपी पवन कुमार की कड़ी निगरानी में, के निकट मार्गदर्शन में की गई। टीम ने रणनीतिक रूप से बिहार के विभिन्न संभावित स्थानों पर जाल बिछाए, जिसके फलस्वरूप आरोपित  को गया, बिहार से सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया गया।
डीसीपी का कहना है कि आरोपित लक्ष्मण प्रसाद, जो कि बिहार से स्नातक है, दिल्ली में प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) के ठेकेदार के रूप में कार्य करता था। वर्ष 2018 में वह पूर्वी दिल्ली के मंडावली क्षेत्र में कार्यरत था, जहां उसके अधीन कई दिहाड़ी मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें मृतक राम प्रवेश भी शामिल था।
राम प्रवेश लंबे समय से अपनी बकाया मजदूरी की मांग कर रहा था, जो उसे समय पर नहीं दी गई थी। इसको लेकर आरोपित और मृतक के बीच कई बार कहासुनी और झगड़े होते थे। समय के साथ हालात बिगड़ते चले गए और राम प्रवेश ने सार्वजनिक रूप से लक्ष्मण प्रसाद से मजदूरी मांगना शुरू कर दिया, जिससे आरोपित  को शर्मिंदगी और गुस्सा महसूस हुआ।इन्हीं कारणों से, लक्ष्मण प्रसाद ने अपने भतीजे मुरारी के साथ मिलकर राम प्रवेश को मारने की योजना बनाई। विवाद सुलझाने के बहाने, लक्ष्मण प्रसाद ने चालाकी से राम प्रवेश को एक निर्धारित स्थान पर बुलाया, जहां पहुँचने पर लक्ष्मण और मुरारी दोनों ने मिल कर उस पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।घायल अवस्था में अस्पताल ले जाने पर राम प्रवेश ने अपने मृत्युपूर्व बयान में दोनों आरोपित – लक्ष्मण प्रसाद और मुरारी – के नाम लिए, जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। घटना के बाद दोनों आरोपित  मौके से फरार हो गए और गिरफ्तारी से बचते रहे। दिल्ली पुलिस द्वारा कई प्रयासों के बावजूद लक्ष्मण प्रसाद का कोई सुराग नहीं मिला, जिस कारण वर्ष 2019 में न्यायालय द्वारा उसे उद्घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) घोषित किया गया।दिल्ली से फरार होने के बाद, आरोपित अनेक नगरों और कस्बों में POP का ठेकेदार बनकर काम करता रहा और अपनी पहचान छुपाने के लिए लगातार ठिकाने बदलता रहा ताकि वह गिरफ्तारी से बच सके।

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