
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस बात पर जोर दिया कि लोक सेवा सुशासन की आधारशिला है और अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकारी कार्यालयों में शिकायत लेकर आने वाले प्रत्येक नागरिक को सम्मान और संतुष्टि के साथ वापस लौटना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जन शिकायतों का त्वरित, पारदर्शी और संवेदनशील निवारण केवल प्रशासनिक कर्तव्य नहीं बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी है जिसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।मुख्यमंत्री बुधवार को गुरुग्राम में जिला जनसंपर्क एवं शिकायत निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी विधायक श्रीमती विमला चौधरी, सोहना विधायक तेजपाल तंवर और गुरुग्राम विधायक मुकेश शर्मा भी उपस्थित थे।बैठक में कुल 16 शिकायतों पर विचार किया गया, जिनमें से मुख्यमंत्री ने 12 मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया। शेष चार मामलों को अगली बैठक तक लंबित रखने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को इन मामलों की विस्तृत स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। शिकायतों के त्वरित निवारण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और उपमंडल स्तर पर प्रत्येक सोमवार और गुरुवार को नियमित समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से अब तक लगभग 40,000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से लगभग 30,000 का सफलतापूर्वक समाधान किया जा चुका है।उन्होंने आगे कहा कि उन्हें सीधे तौर पर प्राप्त हुई 1.42 लाख शिकायतों में से लगभग 1.35 लाख शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम विंडो पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का भी शीघ्रता से समाधान किया जा रहा है, और केवल वही मामले लंबित हैं जो विचाराधीन हैं या पारिवारिक विवादों से संबंधित हैं जिनका समाधान कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से आवश्यक है।पटौदी क्षेत्र के छिलारकी गांव से मिली शिकायत का गंभीर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने जाटोली मंडी पीएसी के प्रबंधक के खिलाफ विस्तृत जांच के निर्देश दिए। शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया कि प्रबंधक की कार्यशैली के कारण किसानों को उर्वरक प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, साथ ही उर्वरक वितरण में असंतोषजनक व्यवहार और मनमानी प्रथाओं की भी शिकायतें हैं। मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निष्पक्ष और तटस्थ जांच करने और यथाशीघ्र उपायुक्त को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।बैठक के दौरान, धनवापुर रेलवे अंडरपास में पानी के रिसाव और जलभराव के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा का मुद्दा मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने संबंधित विभागों को अगले 15 दिनों के भीतर मरम्मत कार्य पूरा करने का निर्देश दिया ताकि जनता की सुगम और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित हो सके।उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे निवारक उपाय करें ताकि भविष्य में ऐसी समस्याएं दोबारा न हों, जिससे नागरिकों को बार-बार होने वाली असुविधा से बचाया जा सके।मुख्यमंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर में कहीं भी सीवर के ढक्कन टूटे हुए न हों और न ही सीवर ओवरफ्लो की कोई घटना हो।

उन्होंने असुविधा या दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सीवरेज व्यवस्था की नियमित निगरानी पर जोर दिया।उन्होंने अधिकारियों को नियमित स्वच्छता अभियान, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छ शहरी वातावरण बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वच्छता मानकों को और बेहतर बनाने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, विद्युत विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि बिजली के खंभे सड़कों या रास्तों को अवरुद्ध न करें, जिससे सार्वजनिक आवागमन में बाधा उत्पन्न हो। मुख्यमंत्री ने नागरिकों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अंतर-विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।मुख्यमंत्री ने ग्वालापहाड़ी गांव में मास्टर प्लान के तहत आरक्षित हरित पट्टी पर अवैध अतिक्रमण का गंभीर संज्ञान लिया। उन्होंने लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आगे की कार्रवाई से पहले वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए संयुक्त रूप से मौके पर सीमांकन करें।उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण—विशेषकर सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्धारित हरित क्षेत्रों पर अतिक्रमण—किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और यदि अवैध कब्जा साबित होता है तो नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।इस अवसर पर गुरुग्राम की महापौर राज रानी मल्होत्रा; जीएमडीए के सीईओ पीसी मीना; उपायुक्त अजय कुमार; पुलिस आयुक्त विकास अरोरा; गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त प्रदीप दहिया; प्रशासक एचएसवीपी वैशाली सिंह; मानेसर नगर आयुक्त प्रदीप सिंह; अतिरिक्त आयुक्त एमसीजी अंकिता चौधरी; मुख्यमंत्री के ओएसडी और सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया; मानेसर जिला अध्यक्ष अजीत यादव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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