अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला: सेक्टर-1 स्थित जिला सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में आज शनिवार को डीसीपी सृष्टि गुप्ता की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण क्राइम मीटिंग आयोजित की गई। करीब तीन घंटे चली इस बैठक में एसीपी, सभी थाना प्रभारियों और चौकी इंचार्जों ने भाग लिया। बैठक के दौरान डीसीपी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि उनके अधीन क्षेत्रों में गुंडई व दबंगई करने वाले और असामाजिक गतिविधियों जैसे अवैध वसूली एवं अन्य आपराधिक कृत्यों में शामिल व्यक्तियों की पहचान कर जल्दी से जल्दी रिपोर्ट पेश करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि “ऐसे अपराधियों को बेनकाब करने के लिए उनकी भरे बाजार में परेड करवाई जाएगी और उनका जुलूस निकालकर सबक सिखाया जाएगा।”
डीसीपी ने सूदखोरों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऊँची ब्याज दरों पर पैसे देकर गरीब लोगों का शोषण करने वालों की पहचान कर तुरंत रिपोर्ट तैयार की जाए। आमजन से भी अपील की गई कि वे इस प्रकार की शिकायतें पुलिस हेल्पलाइन नंबर 8146630006 पर साझा करें। शिकायतों के निपटारे को लेकर निर्देश दिए गए कि किसी भी प्रकार की देरी, चाहे वह जानबूझकर हो या लापरवाही वश, लोगों के बीच अविश्वास पैदा करती है और इसमें देरी होने से निराशा के कारण बड़े अपराध भी जन्म ले सकते हैं, साथ ही यह भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा देती है। सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई कि लड़ाई-झगड़े में चोट पहुंचाने वाले मामलों, पॉक्सो व रेप से जुड़े मामलों में 48 घंटे के भीतर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। पुलिस का कार्य केवल जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि मामलों को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना भी उतना ही जरूरी है। इसके लिए गवाहों के बयान समय पर और सटीक तरीके से दर्ज किए जाएं तथा अदालत की कार्यवाही में हर संभव सहयोग दिया जाए, ताकि न्याय प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि “जनता थाना इसलिए आती है क्योंकि उन्हें हमसे उम्मीद होती है, इसलिए हमें उनके दर्द को समझना होगा। पुलिस का असली मकसद अपराधियों में भय और जनता में विश्वास पैदा करना है।”
त्योहारों के मद्देनज़र डीसीपी ने बाजारों में बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए चोरी व स्नैचिंग जैसी वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष प्रबंध करने को कहा।बैठक में तकनीकी उन्नति पर जोर देते हुए डीसीपी ने कहा कि बदलते दौर में पुलिस को स्मार्ट होना पड़ेगा और चैट जीपीटी जैसी आधुनिक एप्स का इस्तेमाल कर अपनी कार्यक्षमता बढ़ानी होगी। उन्होंने ईआरवी की त्वरित प्रतिक्रिया पर भी संतोष व्यक्त किया। जहां राज्य का औसत रिस्पॉन्स टाइम 10 मिनट 38 सेकेंड है, वहीं पंचकूला का औसत 8 मिनट 36 सेकेंड है। डीसीपी ने इसे सराहनीय बताया और आगे इसमें और सुधार लाने पर जोर दिया। बैठक के अंत में डीसीपी ने निर्देश दिए कि सभी थाना प्रभारी उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करें ताकि उन्हें सम्मानित किया जा सके।
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