अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि आगामी लोकसभा के आम चुनाव में उम्मीदवार को भारतीय निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा। उन्होंने बताया कि लोकसभा आम चुनाव के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट 25 हजार रुपये होगी। अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर उम्मीदवारों के लिए यह राशि 12 हजार 500 रुपए होगी। सिक्योरिटी डिपॉजिट नकद या ट्रेजरी के माध्यम से ही स्वीकार्य होगी। चेक या डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से इस राशि को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा सिंह ने नामांकन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रत्याशियों को रिटर्निंग अधिकारी (आरओ), सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) के कार्यालय में अपने साथ अधिकतम चार लोगों को लाने की अनुमति होगी। साथ ही, आरओ तथा एआरओ कार्यालय की 100 मीटर की परिधि में अधिकतम 3 वाहन लाने की अनुमति रहेगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नामांकन भरने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाई जाएगा और सभी दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से रखा जाएगा। एक उम्मीदवार अधिकतम 4 नामांकन पत्र भर सकता है तथा 2 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ सकता है। नामांकन पत्र उम्मीदवार द्वारा या उसके प्रस्तावक द्वारा भरा जा सकता है। नामांकन पत्र डाक द्वारा नहीं भेजा जा सकता, बल्कि आरओ/एआरओ के कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से ही प्रस्तुत किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपने आपराधिक रिकॉर्ड, यदि कोई है तो उसकी जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी। उम्मीदवार को फॉर्म 26 में एफिडेविट के साथ अपने आपराधिक मामले की पूरी जानकारी देनी होगी तथा वह राजनीतिक पार्टी को भी इस संबंध में अवगत करवाएगा। राजनीतिक पार्टी द्वारा ऐसे आपराधिक मामले की जानकारी अपनी पार्टी की अधिकारिक वेबसाइट पर डालनी होगी। इतना ही नहीं नामांकन भरने के उपरांत उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी को समाचार पत्रों तथा टीवी चैनलों में भी कम से कम 3 बार आपराधिक मामले की जानकारी भी सार्वजनिक करनी होगी। उन्होंने जिला के मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि हर पात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करें। चुनाव का पर्व देश का गर्व है। चुनाव आयोग व निर्वाचन अधिकारी लोकतंत्र के इस पर्व में केवल माध्यम ही हैं, असली कड़ी तो मतदाता ही हैं। उसके मताधिकार के प्रयोग के बिना यह पर्व अधूरा है।
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