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किसानों के बीच पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी, यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी, केंद्र सरकार के बारे क्या कहा-देखें वीडियो। 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
नई दिल्ली: एक प्रश्न पर कि 60 से ज्यादा किसानों की मौतें हो चुकी हैं, सरकार की तरफ से सिर्फ बातचीत ही हो रही है, क्या कहेंगे? राहुल गांधी ने कहा कि ये जो मामला है, इसको समझने के लिए पहले दो-तीन और चीजें समझनी पड़ती हैं। ये जो आज बॉर्डर पर हो रहा है और ये जो तीन नए कानून आए हैं, ये शुरुआत नहीं है, शुरुआत बहुत पहले हो चुकी है और इस बात को मैं सालों से उठा रहा हूं। सवाल, आपको याद होगा भट्टा पारसौल, पहली बार ये भट्टा पारसौल में उठा था, कि इस देश में किसान का क्या हक है, किसान की क्या राइट्स (अधिकार) हैं, क्या किसान की जमीन उसकी है या किसी और की? जो किसान उगाता है, उसका फायदा उसको मिलेगा या किसी और को? पहली बार ये सवाल भट्टा पारसौल में उठा। उसका जवाब कांग्रेस पार्टी ने दिया लैंड एक्विजिशन बिल को बदला। मोदी जी ने लैंड एक्विजिशन बिल को रद्द करने की कोशिश की, हमने उनको रोका। फिर उन्होंने कहा कि ठीक है, सैंटर पर हम लड़ नहीं पा रहे हैं, स्टेट पर उन्होंने लैंड एक्विजिशन बिल को रद्द कर दिया।

दूसरा कदम, अब ये नया कदम आया है। ये जो तीन कानून हैं, ये किसान को खत्म करने के कानून हैं। मैं आपको एक एनकडोट देता हूं, जिससे आप ये बात समझ जाएंगे। कुछ साल पहले एक बहुत बड़े सीनियर लीडर से मेरी बात हो रही थी और उन्होंने मोदी जी से बात की थी और किसानों के बारे में बातचीत की थी और वो मुझे उस कॉन्वर्सेशन के बारे में बताते हैं, इससे नरेन्द्र मोदी जी का माइंड सैट पता लग जाता है। उस बातचीत में नरेन्द्र मोदी जी के नेता ने कहा कि भईया, देखिए, किसानों की अगर हम रक्षा नहीं करेंगे, तो देश का नुकसान होगा। नरेन्द्र मोदी जी ने जवाब दिया कि देखिए, अगर गेहूं, चावल हिंदुस्तान में ठीक से नहीं उगाया जा रहा है, तो हम ब्राजील से खरीद सकते हैं, हम बाहर से खरीद सकते हैं। ये फंडामेंटल मिसअंडरस्टैंडिंग है। इस देश को आजादी किसने दी, ये सवाल है। इस देश को आजादी अंबानी-अडानी ने नहीं दी है, इस देश को आजादी किसान ने दी है और अपने खून से दी है और ये अब मैं आज की बात नहीं कर रहा हूं, आजादी 47 में मिली, मगर आजादी को मेंटेन किसने किया? आजादी को मेंटेन हिंदुस्तान के किसान ने किया है, क्योंकि जब जिस दिन इस देश की फूड सिक्योरिटी चली जाएगी, उस दिन इस देश की आजादी चली जाएगी और ये वो आक्रमण हो रहा है। एक तरफ नरेन्द्र मोदी जी हैं, उनके दो-तीन उद्योगपति मित्र हैं और दूसरी तरफ हिंदुस्तान है। बात ये है कि आज मीडिया उठाता नहीं है, तो हिंदुस्तान को ये बात समझ नहीं आ रही है। किसान को बात समझ आ गई कि हमारी आजादी जा रही है और वो खड़ा हो गया है, मगर हिंदुस्तान को ये बात अभी समझ नहीं आ रही है। हिंदुस्तान को ये बात समझ नहीं आ रही है कि अगर किसान की आजादी गई, अगर किसान का हक गया, तो फिर अगला कदम मिडिल क्लास, अगला कदम वर्कर, अगला कदम आईटी प्रोफेशनल। तो मैन बात ये है कि अगर हमने इसको यहाँ नहीं रोका, तो ये आगे बढ़ता जाएगा।

देखिए, रोजगार की बात करते हैं, जो भी यूपीए ने किया था, इकोनॉमिक ग्रोथ रेट जो हमने दी थी, करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाला, रोजगार दिलवाया। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आज हिंदुस्तान की इकोनॉमिक हालत क्या है? युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि कोरोना से बहुत नुकसान हुआ। नुकसान पहले से हुआ। नुकसान एक ही है और इसको हिंदुस्तान के युवा को समझना पड़ेगा, आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों और मैं बोलता जाऊंगा जब तक समझेंगे नहीं। नरेन्द्र मोदी और उनके दो -तीन उद्योगपति मित्र, जो भी आपका है, वो आपसे छीनने जा रहे हैं। किसानों पर ये तीन कानून लगाए। जहाँ भी आप देखिए, मीडिया में देखिए, आईटी में देखिए, रिटेल में देखिए, पॉवर में देखिए, पूरे हिंदुस्तान में देखिए, आपको 4-5 लोग दिखेंगे। 4-5 बड़े बिजनेसमैन हैं और नरेन्द्र मोदी हैं, बाकी कोई है ही नहीं। ना किसान है, ना मजदूर है, ना की बाकी बिजनेस वाले हैं। एयरपोर्ट, कोर्ट, सबकुछ बस ये 5 लोग चला रहे हैं और कौन चलाने दे रहा है- नरेन्द्र मोदी। ये सच्चाई है और नरेन्द्र मोदी हिंदुस्तान को नहीं समझ रहे, क्योंकि नरेन्द्र मोदी सोचते हैं कि किसान में शक्ति नहीं है। पता है क्या हो रहा है अभी और मेरे किसान भाईयों को ये समझना पड़ेगा, टाइम जाया किया जा रहा है, आपको थकाया जा रहा है, आपको वहाँ बैठाया गया है और वो सोचते हैं कि किसानों में शक्ति नहीं है, वो सोचते हैं कि 10 दिन में, 15 दिन में, 20 दिन में चले जाएंगे, क्योंकि बेसिक जो रिस्पेक्ट होती है, बेसिक जो इज्जत होती है, नरेन्द्र मोदी जी किसान की इज्जत नहीं करते हैं। वो सोचते हैं कि अगर हमने इसको 10, 15, 20, 30 दिन यहाँ बैठा दिया, ये भाग जाएगा, डर जाएगा, हट जाएगा। नरेन्द्र मोदी जी, हिंदुस्तान का किसान नहीं डरेगा, नहीं हटेगा, वो बैठा रहेगा। भागना आपको पड़ेगा।

एक अन्य प्रश्न पर कि 26 तारीख को जो परेड निकालने की बात किसान कह रहे हैं, उसको लेकर बड़ा डिबेट खड़ा हो गया है? श्री राहुल गांधी ने कहा कि क्या डिबेट खड़ा हुआ है भाई? नहीं मतलब, क्या डिबेट खड़ा है, कौन सा डिबेट हो रहा है हिंदुस्तान में? एक ही लाउड स्पीकर है, पूरा मीडिया है, नरेन्द्र मोदी उसमें बोलते हैं, कौन सा डिबेट हो रहा है? कोई डिबेट नहीं हो रहा है। अगर किसान बाहर निकलना चाहता है, परेड करना चाहता है, तो उसमें क्या गलती है? एक प्रश्न पर कि सौ से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, लेकिन नरेन्द्र मोदी अगर अमेरिका में कुछ लोकतंत्र को हमला होता है तो ट्वीट करते हैं लेकिन सौ मौतों के ऊपर प्रधानमंत्री की तरफ से कोई ट्वीट नहीं किया गया है, इसके ऊपर आप क्या कहेंगे, श्री राहुल गांधी ने कहा कि मैंने बोला न, जो बेसिक इज्ज़त होती है, इंसानियत होती है, नरेन्द्र मोदी हिंदुस्तान के किसान की इज्ज़त नहीं करते हैं। तो एक मरे, सौ मरे, दौ सौ मरे, नरेन्द्र मोदी जी को फर्क नहीं पड़ता। एक प्रश्न पर कि गांधी ने कहा कि पंजाब और हरियाणा इस देश को भोजन देता है। भोजन के बिना ये देश नहीं चल सकता है। ये मिस अंडर्स्टैंडिंग है प्रधानमंत्री की। प्रधानमंत्री जी सोचते हैं कि इस देश को 3-4 उद्योगपति चलाते हैं। बड़ी सुपरफिसियल थिंकिंग हैं। देश को मजदूर, किसान, ये लोग चलाते हैं। देश को युवा चलाता है।एक अन्य प्रश्न पर कि किसानों को आतंकवादी भी कहा जा रहा है, गांधी ने कहा कि मैं आपको सिंपल सी बात बता देता हूँ, देखो ढांचा बड़ा सिंपल है और 3-4 उद्योगपति मीडिया को कंट्रोल करते हैं, उसमें आप लोगों की गलती नहीं है। मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि आप लोगों की गलती है। आप लोग पंजाब से हो, ये हरियाणा से हैं, तमिलनाडु से सब हैं, आप लोगों की गलती नहीं है। जो स्ट्रक्चर है आपका, उसको पीछे से कंट्रोल किया जाता है। जो 3-4-5 उद्योगपति चाहते हैं, वो आपके मीडिया चैनल्स पर आता है। कोई डिबेट नहीं होती, पार्लियामेंट में कोई डिबेट नहीं हुई, जो वो कहलवाना चाहते हैं, कह देते हैं, सीधी सी बात है। मगर ये जो पूरा, ये जो माया है, ये टूटेगी।

सुर्पीम कोर्ट द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय कमेटी को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर मेंगांधी ने कहा कि भईया, माया शब्द सुना है आपने? माया है, माया। पूरा का पूरा ये मीडिया क्रियेटेड माया है और ये माया टूटने वाली है और जिस दिन ये माया टूटी फिर देखना क्या होता है। एक अन्य प्रश्न पर कि केन्द्रीय मंत्री कहते हैं कि हम हर तरह के इसमें संशोधन कर देंगे, लेकिन एक्ट रद्द नहीं होंगे, तो इसको आप कैसे देखते हैं, श्री गांधी ने कहा कि मैं आपको कह रहा हूँ, देखिए, अभी ये बात शुरु हई है। मैं आपको कह रहा हूँ कि कानून रद्द होंगे और इसलिए होंगे क्योंकि ये जो मंत्री हैं, इनको हिंदुस्तान के किसान की शक्ति नहीं मालूम, ये पीछे हटने वाले नहीं हैं। नरेन्द्र मोदी जी को समझ जाना चाहिए कि ये नहीं हटने वाले हैं। ये हिंदुस्तान है, ये पीछे नहीं हटता है, उनको पीछे हटना पड़ेगा आज नहीं तो कल। अगर इंटैलिजेंट होते तो आज ये कर देते, मगर ये किसान नहीं हटने वाले और न कांग्रेस पार्टी हटने वाली है, हम भी इनके साथ खड़े हैं। एक अन्य प्रश्न पर कि सरकार कह रही है ये कानून सही है और वो पूरी ताकत झोक रही है इसमें, कैसे देखते हैं, श्री गांधी ने कहा कि मैं फिर से दोहराता हूँ, ये किसानों पर आक्रमण है और अगर कोई भी हिंदुस्तान के किसान पर आक्रमण करता है तो वो पूरे हिंदुस्तान पर आक्रमण करता है। ये फाईनेंशियल मामला है। ये पॉलिटिकल मामला नहीं है। ये फाइनेंशियल मामला है। नरेन्द्र मोदी, जो किसानों का है, वो 3-4 उद्योगपतियों को देना चाहते हैं। वो 3-4 उद्योगपति नरेन्द्र मोदी को मीडिया देते हैं। अगर नरेन्द्र मोदी जी ने उनका काम नहीं किया तो नरेन्द्र मोदी जी की मीडिया खत्म, गुब्बारा फटा, सीधी सी बात है। इससे बेचारे नरेन्द्र मोदी जी के पास भी कोई चारा नहीं है, वो तो फंसे हुए हैं, क्योंकि कंट्रोलर तो कोई और है। वो हैं देश के प्रधानमंत्री लेकिन रिमोट कंट्रोल 3-4 दूसरे लोगों के हाथ में है। असल में मैं पिटी करता हूँ उनको, वो फंस गए हैं, क्या करेंगे वो? प्रधानमंत्री हैं, नाम के प्रधानमंत्री हैं, मगर चला कोई और रहा है, सीधी सी बात है। किसानों को ये सब बात समझ आ गई है, किसानों के दिमाग में घुस गई बात, युवाओं के दिमाग में अभी नहीं घुसी। बाकी लोगों के दिमाग में नहीं घुसी, घुस जाएगी। जो छोटे व्यापारी हैं, उनसे जाकर पूछिए, देश को कौन चला रहा है? नरेन्द्र मोदी नहीं चला रहा, 3-4 उद्योगपति चला रहे हैं वो सब जानते हैं। एक अन्य प्रश्न कि 8-9 दौर की बातचीत हो चुकी है, सरकार एक तरफ तो ये कह रही है कि कानून में कोई खामी नहीं, इसको हम पीछे हटाने वाले नहीं, तो फिर ये बातचीत किसलिए हो रही है,गांधी ने कहा कि बातचीत डिले के लिए हो रही है। क्योंकि नरेन्द्र मोदी के माइंड में ये है कि हम इनको थका देंगे। इनमें दम नहीं है, हमारे हाथ में सत्ता है, हमारे पास पुलिस है, हमारे पास इंटेलिजेंस हैं, हमारे पास सबकुछ है, इनके पास कुछ नहीं है। ये नरेन्द्र मोदी जी के माइंड में मिसअंडरस्टैंडिंग है। एक अन्य प्रश्न पर कि सरकार द्वारा आंदोलनकारी किसानों को खालिस्तानी बताकर बदनाम किया जा रहा है, श्री गांधी ने कहा कि अब देश के किसान खालिस्तानी हो गए। मतलब, क्या बात बोल रहे हैं आप। लाखों लोग, मलतब, लाखों किसान बाहर आए हैं, आप उन्हें खालिस्तानी बोल रहे हैं, मतलब शर्म तो करिए और उनके जो बेटे, मतलब, बॉर्डर पर खड़े हुए हैं। चीन जो अंदर आया है क्या नरेन्द्र मोदी खड़े हैं वहाँ पर? नरेन्द्र मोदी ने तो कुछ भी बोला ही नहीं। चीन ने मतलब हजारों किलोमीटर जमीन ले रखी है,किसके बेटे वहाँ खड़े हैं, वो खालिस्तानी हैं, क्या बात कर रहे हैं आप? एक अन्य प्रश्न के उत्तर में गांधी ने कहा कि देखिए, भईया, सबकुछ कांग्रेस ने किया। मगर मैं आपको एक बात बता देता हूँ, सबकुछ कांग्रेस पार्टी ने किया। कांग्रेस पार्टी ने आजादी दी, कांग्रेस पार्टी ने इंस्टीट्यूट बनाए, इस बात को मैं एक्सेप्ट करता हूँ, इसके मैं अगेन्स्ट नहीं हूँ। मेरा मेन प्वाइंट ये है कि ये जो कानून है, ये तीन कानून रद्द होंगे, मेन प्वाइंट।

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