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राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल से देश मुश्किल वक़्त से गुजर रहा हैं, गरीब व मध्यवर्गीय लोगों की मदद करें-वीडियो देखें।

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
राहुल गांधी ने राज्योत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जी, टीएस सिंह देव जी,चरणदास महंत जी, पीएल पूनिया जी, मोहन मरकाम जी, धरमलाल कौशिक जी, रविन्द्र चौबे जी, ताम्रध्वज साहू जी, मंत्रीगण और एमएलएज, डिस्ट्रिक्ट और म्यूनिसिपैलिटी के हमारे सब नेतागण,गवर्मेंट ऑफिशियल्स, स्टूडेंट्स और स्कूल के स्टाफ मेम्बर्स, हैल्थ वर्कर्स आप सबका मैं आज यहाँ स्वागत करता हूँ। छत्तीसगढ़ को, छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को आज की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। मुश्किल समय है, पूरे देश में कोविड की बीमारी तेजी से फैल रही है और ऐसे समय में जो सबसे कमजोर लोग होते हैं, उनको सबसे ज्यादा कठिनाई होती है। किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, स्मॉल बिजनेस वाले, हमारी माताएं-बहनें, हमारे युवा, इनको सबसे ज्यादा कठिनाई होती है।

देश में किसान की हालत सबको मालूम है। हर रोज कहीं न कहीं अखबार में पढ़ने को मिलता है, किसी किसान ने आत्महत्या कर ली और एक प्रकार से ये इतना होता है कि देश ने एक्सेप्ट ही कर लिया है कि हाँ, किसान की आत्महत्या हुई। मगर हमें एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए। हमें किसान की, मजदूर की, छोटे दुकानदारों की रक्षा करनी चाहिए। उनके साथ मिलकर खड़ा होना चाहिए और इसका कारण है। क्योंकि किसान जो है और उसके साथ मजदूर जो है, वो इस देश की नींव है, फाउंडेशन है। शहर की नींव गांव हैं, गांव की नींव किसान, मजदूर। तो अगर हम नींव को कमजोर कर देंगे, अगर हम किसान औऱ मजदूर को कमजोर कर देंगे, अगर हम खेत को कमजोर कर देंगे, तो पूरी इमारत कमजोर हो जाएगी। तो जब हम किसान की रक्षा करते हैं,जब हम मजदूर की रक्षा करते हैं , हम सिर्फ किसान और मजदूर की रक्षा नहीं करते हैं,हम देश की रक्षाकरते हैं, हम देश की फाउंडेशन की रक्षा करते हैं, हम देश के भविष्य की रक्षा करते हैं और जैसे मैंने आपसेकहा शहर की नींव किसान हैं, वैसे ही भविष्य की नींव हमारे युवा हैं,हमारे बच्चे हैं। तो अगर हम युवाओं को अपॉर्चुनिटी न दें, हमारे बच्चों को एक भविष्य न दिखा पाएं, फिर हम देश की नींव को कमजोर कर रहे हैं। तो मुझे काफी खुशी हई कि ये जो आपने तीन प्रोग्राम इस दिन अनाउंस किए हैं, ये नींव की रक्षा करने वाले प्रोग्राम हैं, नींव को मजबूत करने वाले प्रोग्राम हैं, और इससे सिर्फ किसानों को या स्लम ड्वैलर्स को फायदा नहीं होगा,
इससे पूरे देश को स्ट्रैंथ मिलेगी, मजबूती मिलेगी और छत्तीसगढ़ पूरे देश को एक उदाहरण दे रहा है। चाहे वो जमीन के मामले में हो, चाहे वो किसानों के मामले में हो, चाहे वो युवाओं के भविष्य की बात हो, छत्तीसगढ़ सरकार और हमारी पूरी टीम हमारे मंत्री, हमारे चीफ मिनिस्टर, पूरी टीम एक नया विजन देकर काम कर रही है। हैल्थ केयर की बात होतीहै, तो इंटरनेशनल लेवल पर छत्तीसगढ़ बातचीत करता है। आप सीखते हैं, दूसरे देशों से सीखते हैं और जो आपने दूसरे देशों में देखा, दूसरे स्टेट में देखा वो आप छत्तीसगढ़ मे लागू करते हैं और एक प्रकार से छत्तीसगढ़ आहिस्ते-आहिस्ते एक नया मॉडल बन रहा है। आदिवासियों की किस प्रकार से रक्षा करनीचाहिए,युवाओं को किस प्रकार से भविष्य के लिए तैयार करना चाहिए। अब काफी लोगों को लगता होगा, कि भाई ठीक है, इंग्लिश मीडियम स्कूल अनाउंस कर दिए तो क्या हुआ? मगर जो अंग्रेजी है, वो एक युवा को पूरी दुनिया में अपॉर्चुनिटी देती है। हिंदी की अपनी जगह है,हमारी लोकल भाषाओं की जगह है, मगर अंग्रेजी उसको ग्लोबल अपॉर्चुनिटी देता है और हम इस बात को
मानने को तैयार नहीं हैं कि गरीबों को, कमजोर लोगों को ये अपॉर्चुनिटी नहीं मिलनी चाहिए। हम इस बात को मानेंगे चाहे कुछ भी हो जाए। गरीब से गरीब व्यक्ति को, किसान के बेटे को, मजदूर के बेटे को बड़ी से बड़ी अपॉर्चुनिटी मिलनी चाहिए इसलिए हमने ये स्कूल इनॉगुरेट किए हैं। मुझे काफी दुख हो रहा है क्योंकि देश में किसानों पर आक्रमण हो रहा है। बिहार में मैं कुछ दिन पहले चुनावी यात्रा में गया और वहाँ मैंने अपने भाषण में कहा कि मंडियों की, एमएसपी की एक बहुत ज़रुरी

जगह है। ये एक प्रकार से किसानों की, मजदूरों की रक्षा करते हैं और मैं इस बात को एक्सेप्ट करता हूँ, कि मंडी के सिस्टम में, एमएसपी के सिस्टम में, प्रोक्योरमेंट के सिस्टम में कमियाँ हैं, मगर अगर हम उस सिस्टम को नष्ट कर देंगे, जैसे 2006 में बिहार में किया, उदाहरण है, तो हमारे देश की जो नींव है,जो मजदूर हैं, जो किसान हैं, वो नष्ट हो जाएंगे। नींव टूट जाएगी, नींव कमजोर हो जाएगी और इसलिए हम इन तीन कानूनों के खिलाफ़ पूरे देश में लड़ रहे हैं। पंजाब में स्पेशल असेम्बली सेशन में निर्णय लिए और छत्तीसगढ़ में भी हमने इन कानूनों का विरोध किया और मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा कि इनके बारे में फिर से सोचें और मंडी के सिस्टम को मजबूत करें, अगर कम मंडियाँ हैं तो ज्यादा मंडियाँ बनाई जाएं, अगर एमएसपी के सिस्टम में कोई कमी है तो उन कमियों को सुधारा जाए मगर सिस्टम को नष्ट न किया जाए। और मुझे पूरा भरोसा है कि जब देश के किसान की भावना सामने आएगी, चाहे वो छत्तीसगढ़ में हो,पंजाब में हो, बिहार में हो,तो प्रधानमंत्री इन तीन कानूनों को फिर से रीकंसीडर करेंगे क्योंकि इन
कानूनों से हमारे देश की नींव, फाउंडेशन कमजोर हो रही है। छत्तीसगढ़ एक प्रकार से युनीक प्रदेश है। आपके पास सबकुछ है, जल, जमीन, जंगल, सब कुछ है आपके पास और मैं जब छत्तीसगढ़ में चुनाव हो रहा था तो मैंने अपने हर भाषण में कहा कि छत्तीसगढ़ गरीब प्रदेश नहीं है, छत्तीसगढ़ की जनता गरीब है और इस चीज़ पर भी हमारी सरकार ने फोकस किया है। चाहे वो जमीन का अधिकार हो, कानून को हम लागू करते हैं और हम सबको लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ का जो धन है, वो चुने हुए हाथों में नहीं जाना चाहिए, दो-तीन लोगों के हाथों में नहीं जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ का जो धन है, छत्तीसगढ़ के हर नागरिक के हाथ में जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ के भविष्य को बनाने के लिए जाना चाहिए। स्कूलस,कॉलेजेस , यूनिवर्सिटी, अस्पताल खोलने के लिए जाना चाहिए और छत्तीसगढ़ को एक नया विजन देने के लिए उस पैसे को इस्तेमाल किया जाना चाहिए। तो ये
हमारी सोच है, मुझे काफी खुशी हो रही है कि हमारी पूरी टीम मिलकर इस काम को छत्तीसगढ़ में पूरा कर रही है। तो मैं आपको एक बार फिर फाउंडेशन डे के लिए बधाई देना चाहता हूँ और जो काम आप छत्तीसगढ़ के लिए कर रहे हैं उसके लिए भी मैं आपको बधाई देना चाहता हूँ।

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