अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के बर्धमान, कल्याणी और बारासात में आयोजित विशाल जन-सभाओं को संबोधित किया और राज्य की जनता से प्रदेश के विकास एवं बंगाल की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए कटिबद्ध भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की अपील की। मोदी ने कहा कि चार चरणों में जो भारी संख्या में मतदान हुआ है, वह ‘असोल पोरिबोर्तन’ के लिए है। असोल पोरिबोर्तन अर्थात् बंगाल का विकास तथा दीदी के कुशासन, सिंडिकेट और तोलाबाजों से मुक्ति। अपने राजनीतिक हितों के लिए बंगाल के लोगों की हत्या, अपने तोलाबाजों को फायदा पहुंचाने के लिए बंगाल के लोगों से लूट-पाट, अपने सिंडिकेट को ताकतवर बनाने के लिए बंगाल के लोगों से विश्वासघात, दीदी के 10 साल के काम का रिपोर्ट कार्ड यही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी को अहंकार हो गया है कि हर खेल उन्हीं से शुरु होता है और हर वही खत्म भी करती हैं। तभी तो वह कहती हैं कि खेला होबे लेकिन दीदी, ये मत भूलिए कि ये लोकतंत्र है। यहां जनता जनार्दन ही भगवान है। यहां खेल भी जनता ही शुरु करती है और खेला शेष भी जनता ही करती है। उन्होंने कहा कि हार की बौखलाहट में दीदी और उनकी पार्टी के लोग अब हर सीमा तोड़ रहे हैं। दीदी के नेता खुलेआम बंगाल के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को अपशब्द कहने लगे हैं। आखिर क्यों? सिर्फ इसलिए क्योंकि वे भाजपा को सपोर्ट करते हैं। अपनी हार सामने देख अब दीदी ने एक नई रणनीति अपनाई है। दीदी की साजिश है कि एससी, एसटी और ओबीसी, किसी को भी वोट ही नहीं डालने दिया जाए।
दीदी की साजिश है – इन वर्गों के लोगों को वोट डालने से रोकना और अपने गुंडों से छप्पा भोट (वोट) डलवाना। खुलेआम कहा जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस के लोग केंद्रीय वाहिनी का घेराव करेंगे और दीदी के बाकी समर्थक छप्पा भोट डालेंगे। चर्चा है कि कूच बिहार में जो हुआ, वह दीदी के इसी छप्पा भोट मास्टर प्लान का हिस्सा था। दीदी, ओ दीदी! कान खोलकर सुन लीजिए, आपको किसी मतदाता का अधिकार छीनने नहीं दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि आज पूरा बंगाल समझ चुका है कि आर्थिक उन्नयन, निवेश और शिल्प, दीदी और उनके दल की प्राथमिकता कभी रही ही नहीं।
तृणमूल के लिए उन्नयन का मतलब है- अपने कैडर का उन्नयन, अपराधियों का उन्नयन।
तृणमूल के लिए शिल्प है – माफिया, मानव तस्करी, बम बनाना, अवैध कब्ज़ा। यहां तक कि सती माता पीठ जैसे पवित्र स्थान की ज़मीन तक को इन्होंने नहीं छोड़ा। यही दीदी का रिपोर्ट कार्ड है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी की कड़वाहट, उनका क्रोध, उनकी बौखलाहट बढ़ती ही जा रही है। जानते हैं क्यों? मैं बताता हूं। क्योंकि बंगाल में हुए आधे चुनावों में आपने टीएमसी को पूरा साफ कर दिया है। यानी आधे चुनाव में ही टीएमसी पूरी साफ।
एक तो नंदीग्राम में बंगाल के लोगों ने दीदी को क्लीन बोल्ड कर दिया। अर्थात् बंगाल में दीदी की पारी समाप्त हो
चुकी है।
दूसरा, बंगाल के लोगों ने दीदी का बहुत बड़ा प्लान फेल कर दिया। बंगाल की जो जनता है, वो काफी दूरदृष्टा है।
दीदी तैयारी करके बैठी थीं कि पार्टी की कप्तानी भाइपो को सौंपेंगी, लेकिन दीदी का ये खेला भी जनता ने समय
रहते समझ लिया। इसलिए दीदी का सारा खेला धरा का धरा रह गया।
और तीसरा, दीदी की पूरी टीम को ही बंगाल के लोगों ने मैदान से बाहर जाने को कह दिया है। अब दीदी बंगाल के
लोगों से गुस्सा तो होगी ही।
मोदी ने कहा कि दीदी ने मोदी के साथ-साथ बंगाल के एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के मेरे भाइयों और बहनों के विरुद्ध खुली लड़ाई छेड़ दी है। दीदी ने बंगाल के सामान्य वोटर, आप सभी को बदनाम करने का अभियान शुरू कर दिया है। दीदी के लोग, बंगाल के एससी, एसटी के हमारे भाई-बहनों को भिखारी कहने लगे हैं। बाबा साहेब की आत्मा को दीदी के लोगों के ये कड़वे बोल सुनकर, कितना कष्ट हुआ होगा। दीदी तो खुद को रॉयल बंगाल टाइगर बोलती हैं ना। अनुसूचित भाइयों के मेरे भाइयों और बहनों के खिलाफ ऐसा घृणित बयान बिना दीदी की मर्जी के कोई नहीं दे सकता। दीदी, ये भी जान लीजिए, गरीब बिकाऊ नहीं होता, स्वाभिमानी होता है। गरीब आपके तोलाबाज़ कार्यकर्ताओं की तरह दूसरों की कमाई पर नहीं जीता। दीदी, आपने ये अच्छा नहीं किया। दीदी के करीबी अब कहने लगे हैं कि भाजपा को वोट देने वालों को उठाकर बाहर फेंक देंगे। हालत तो ये हो गई है कि दीदी अब सुरक्षाबलों के खिलाफ अपने कार्यकर्ताओं को भड़का रही हैं। दीदी, ओ दीदी, आपको गुस्सा करना है तो मोदी पर करिए। आपको अपशब्द देना है तो मोदी को दीजिए,खूब दीजिए। टोकरा भर-भर के दीजिए लेकिन बंगाल की गरिमा, बंगाल की गौरवमयी पहचान का अपमान मत करिए। आपके तोला बाजों, आपके सिंडिकेट, आपके कट-मनी सिस्टम को अब बंगाल बर्दाश्त नहीं करेगा। और इसलिए बंगाल आज ‘सोनार बांग्ला’ के संकल्प के साथ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब से चुनाव शुरू हुए हैं, क्या एक बार भी दीदी ने रैलियों में कहा कि ज्यादा से ज्यादा मतदान होना चाहिए? क्या दीदी ने एक बार भी कहा कि सभी मत-संप्रदाय, सभी वर्ग के लोग लोकतंत्र के इस उत्सव में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें। क्या दीदी ने एक बार भी अपील की, कि शांतिपूर्ण मतदान हो। क्या एक बार भी उन्होंने ये कहा कि जो लोग हिंसा फैलाएंगे, मतदान में बाधा डालने का प्रयास करेंगे,उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी? बंगाल की जनता समझ सकती है कि दीदी के इरादे क्या हैं? दीदी जानती हैं कि इतना ज्यादा मतदान भाजपा के पक्ष में हो रहा है, इस लिए वह ज्यादा मतदान के खिलाफ हैं। दीदी जानती हैं कि चुनाव में उनके गुंडे ही हिंसा कर रहे हैं, इसलिए वो हिंसा फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात नहीं कर रहीं। जैसे-जैसे 2 मई नजदीक आ रही है, दीदी की बौखलाहट बढ़ती जा रही है। वह किसी भी कीमत पर सत्ता में बने रहना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अब अपने समर्थकों को भड़काना शुरू कर दिया है। वह यहां हिंसा फैलाना चाहती हैं, अशांति पैदा करना चाहती हैं। पंचायत चुनाव के समय दीदी की पार्टी ने जिस तरह लोकतंत्र को लूटा था, अब वही कोशिश, वही साजिश वो दोबारा कर रही हैं लेकिन मैं दीदी को साफ-साफ कहना चाहता हूं। दीदी,आपकी हर साजिश को बंगाल की जनता ही नाकाम करेगी। आपकी हर साजिश का जवाब, बंगाल की जनता खुद दे रही है। मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले जब मैं बांग्लादेश गया था, तो ओराकान्दी की पवित्र धरती को चरण स्पर्श करने का अवसर मिला था। मुझे वहां मतुआ समुदाय के एक साथी मिले, जिन्होंने कहा कि मैं भारत का पहला प्रधानमंत्री हूं जो ओराकान्दी में श्री श्री हरिचंद ठाकुर जी का आशीर्वाद लेने पहुंचा। दीदी को मेरा ओराकान्दी जाना भी पसंद नहीं आया। दीदी ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए। दीदी, 10 साल आपने बंगाल के दलितो-पीड़ितो-शोषितों-वंचितों से कैसे नफरत दिखाई है, ये देश अब देख रहा है। आपने न ही मतुआ समाज के मेरे भाइयों-बहनों के लिए कुछ किया और न ही नामशुद्र
समाज के लिए। मैं यहां आज आप सभी को आश्वस्त करने आया हूं। यहां भारत मां में आस्था रखने वाले सभी शरणार्थी साथियों को हर सुविधा सुनिश्चित की जाएगी। भाजपा के लिए तो सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामशूद्र साथियों को न्याय दिलाना एक तरह से भावनात्मक कमिटमेंट भी है।
माननीय प्रधानमंत्री ने कहा कि दीदी ने 10 साल तक मां-माटी-मानुष के नाम पर बंगाल पर राज किया है।