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पीएम नरेन्द्र मोदी ने तेलंगाना में आयोजित बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी को किया संबोधित।

अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से आजादी के अमृत काल में देश को विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। भाजपा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पूरे सत्र के दौरान कार्यसमिति के सदस्यों को प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के मुख्य बिंदु:

● यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब देश अमृतकाल में अपने लिए नए संकल्प ले रहा है। जब हम आजादी के100 वर्ष मनाएंगे, तब देश जिस ऊंचाई पर होगा, उसके लिए प्रयत्न करने का यही सही समय है। एक राजनीतिक दल के रूप में, भाजपा के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वो अगले 25 वर्षों के लिए अपना एक रोडमैप बनाए तथा भविष्य से जुड़ी नीतियों और निर्णयों पर मंथन करे।

● विपक्षी पार्टियों की स्थिति बहुत खराब है। हमें उनकी इस स्थिति से सीख लेनी है कि वो कौन सी बुराई और कमियाँ हैं, जिसके कारण वे इतने नीचे आ गए, जनता से दूर होते गए और लगातार दूर होते ही जा रहे हैं। हमें उन चीजों से अपने आप को बचाए हुए रखना है क्योंकि हम अपने के लिए नहीं, बल्कि मातृभूमि के लिए कार्य कर रहे हैं।

● सत्ता से बाहर होने पर कई पार्टियों के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा हो जाता है जबकि भाजपा जिन राज्यों में दशकों तक सत्ता में नहीं थी, वहां भी पार्टी का कैडर रहा, कार्य कर्ताओं की उपस्थिति रही। हमारे कार्यकर्ता न थके हैं, न झुके हैं और न रुके हैं। पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में विपरीत परिस्थितियों में भी भाजपा के कार्यकर्ता देश के लिए अविचल रह कर काम कर रहे हैं। हमें अपने कार्यकर्ताओं पर गर्व है।

● आठ साल पहले देश में निराशा, नकारात्मकता, भ्रष्टाचार और पॉलिसी पैरालिसिस का माहौल था लेकिन जब देश की जनता ने भाजपा में अपना विश्वास जताते हुए भाजपा की सरकार बनाई तो उसके बाद से देश में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। हमने जनता के भरोसे को टूटने नहीं दिया।

● आज हमारी सरकार की पहचान है – P2G2 अर्थात् Pro-People, Pro-Active Good Governance. जब दुनिया कोरोना के सामने किंकर्तव्यविमूढ़ की सी स्थिति में थी, तब हम लगातार एक के बाद एक कदम उठा रहे थे। एक समय की निराशा आज आशा, विश्वास, भरोसा और श्रद्धा में बदल चुकी है। आज देश अस्थिरता से स्थिरता और स्थिरता से निरंतरता की ओर बढ़ रहा है। आज का भारत तुष्टिकरण के कालखंड से आगे बढ़ कर तृप्तिकरण के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। हम इस बात के लिए कटिबद्ध हैं कि पहले गरीबों को बुनियादी सुविधाओं और आगे बढ़ने के अवसरों के बिना जिस तरह की जिंदगी बितानी पड़ी, उनके बच्चों को उन हालातों से गुजरना नहीं पड़ेगा। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है- हमें आने वाली पीढ़ियों को आज से बेहतर भविष्य देना है, आज से बेहतर जीवन देना है।

● दशकों तक सत्ता में रहने वाली पार्टी भी क्यों देश की प्रगति की कोई दिशा तय नहीं कर पाई? आज देश की प्रगति की दिशा भी तय है, संकल्प, सपने भी साथ है। हमारी नीति और नीयत भी समान हैं। आज भारत का संकल्प आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल और गरीब कल्याण का है। आज का भारत अपनी विरासत पर गर्व करते हुए विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। आज का भारत बिना किसी भेदभाव के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के रास्ते पर चल रहा है। प्रगति की यही दिशा देश को विश्वगुरु के पद पर पुनः प्रतिष्ठित करेगी।

● युग बदलता है, समय बदलता है, देश बनते हैं, देश कभी रुकता है, कभी आगे बढ़ता है, कभी भूगोल और इतिहास भी बदलते हैं लेकिन हमारा देश शास्वत था, शाश्वत है और शाश्वत रहने वाला है।

● जब कोरोना के कारण दुनिया भर में गरीबी बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी, तब उस कालखंड में भारत में गरीबी में कमी आई है। यह हमारी नीति और नीयत का परिचायक है। जब पूरे विश्व में आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित कोरोना के कारण प्रभावित हो रही थीं तब हमारा भारत दुनिया में सबसे तेज गति से विकास कर रहा है। ऐसे समय में जब दुनिया की सप्लाई चेन बुरी तरह से प्रभावित है, तब भारत निर्यात में रिकॉर्ड कायम कर रहा है। जब दुनिया के कई देशों में वैक्सीनेशन अभी भी एक बड़ी चुनौती है, तब भारत 200 करोड़ वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर करने की कगार पर खड़ा है। हमने वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ 23 करोड़ डोज दुनिया के गरीब देशों को पहुंचाए हैं और वहां गरीबों की जिंदगी बचाई है। भारत वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करने और उसके समाधान की दिशा में काम कर रहा है।

● आज भारत परिवारवाद की राजनीति और पुरानी मानसिकता से ऊब चुका है। आने वाले दिनों में परिवारवाद की राजनीति करने वाले ऐसे दलों के लिए टिक पाना मुश्किल है। हिन्दुस्तान की जनता अब ऐसी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेगी। स्थापना काल से ही हमारी पार्टी की आत्मा में true democracy का संस्कार रहा है। सरदार पटेल ने ‘एक भारत का निर्माण किया। वे कांग्रेस पार्टी के नेता थे लेकिन उनकी सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित करने का सौभाग्य हमें मिला। देश के सभी प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम बनाने का साहस भी हम ही कर सकते हैं। देश में जो कुछ उत्तम है, सब हमारे ही हैं – हम इस भावना से काम कर रहे हैं।

● जो वर्षों तक देश की सत्ता पर काबिज रहे, वे देश हित की योजनाओं का भी अंधा विरोध करने पर उतारू हैं। जनता उन्हें न तो सुनती है, न स्वीकारती है, बस नकारती है। नकारात्मकता के बीच सकारात्मक बात को उठाना एक चुनौतीपूर्ण काम है। हमने गाँव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, आदिवासी, युवा एवं महिलाओं के सशक्ति करण के लिए जो काम किये, उन्हें जनता तक पहुंचाना जरूरी है। हमने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जो प्रयास किये, उसे जनता तक पहुंचाना बहुत जरूरी है।

● मैंने पहले भी कहा है और आज भी कह रहा हूँ कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए सात सूत्र बहुत जरूरी हैं। ये सूत्र हैं – सेवा भाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, संवेदना और संवाद। ये सात सूत्र हमारे जीवन से जुड़ेंगे तो हम भी आगे बढ़ेंगे और देश को भी आगे ले जाने में सफल होंगे।

● भाजपा ने सभी कार्यक्रमों में बहनों को विशेष अवसर दिया है। इस बार की कार्यकारिणी बैठक में मंच संचालन से लेकर प्रस्ताव पेश करने तक में बहनों को भूमिका दी गई है। मैं इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष को बधाई देता हूँ। इस तरह से कार्यक्रमों की रचना लगातार होनी चाहिए।

● आजादी के बाद पहली बार आदिवासी समाज की महिला भारत के राष्ट्रपति के पद को सुशोभित करन वाली हैं। आजादी के इतने वर्षों के बाद पहली बार आदिवासी समाज को नई पहचान मिल रही है। पहली बार आदिवासी समाज से राष्ट्र के सर्वोच्च प्रदेश पर आसीन होने का सपना साकार हो रहा है।

● ‘सबका प्रयास हमारी हर चीज में होना चाहिए। हमारी विचारधारा और कार्यक्रम एक ही है – नेशन फर्स्ट। हमें भूलना नहीं चाहिए कि जनता ने हमें स्वीकार किया है, आशीर्वाद दिया है लेकिन अभी भी कुछ टोलियाँ ऐसी बैठी हुई हैं जो सत्य को आगे पहुँचने में रुकावटें डालती हैं लेकिन हमें सर्वस्पर्शी एवं सर्व समावेशी विकास और गरीब कल्याण के काम पर ही आगे बढ़ना है।

● आजादी का अमृत महोत्सव सरकार का, भाजपा का या नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम नहीं है, यह पूरे देश का कार्यक्रम है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा के इतर किसी और पार्टी की आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों में कोई भूमिका नहीं है। यह राजनीतिक असहिष्णुता का परिचायक है।

● हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास के मंत्र को साकार करते हुए चलना है। भाजपा के विस्तार का मतलब है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का विस्तार! भाजपा के विस्तार का मतलब है- राष्ट्र प्रथम के संकल्प का विस्तार! हमें First Time Voters को पार्टी के साथ जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।

● लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसी धरती से हमें ‘एक भारत’ दिया था। आज हम उसी धरती से ‘एक भारत को श्रेष्ठ भारत’ बनाने का संकल्प ले रहे हैं। इस कार्यक्रम को अभूतपूर्व बनाने के लिए मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा , उनकी पूरी टीम को और तेलंगाना प्रदेश भाजपा इकाई का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।

● आजादी के अमृत काल में हम हर जिले में 75 तालाब बनाने का लक्ष्य लेकर काम कर रहे हैं। 25 वर्ष का अमृत्काल देश के उज्जवल भविष्य के साथ भाजपा के लिए उज्जवल भविष्य लेकर आयेगा। हम एक नए भारत का सपना साकार करने के लिए आगे बढ़ें, यही संकल्प होना चाहिए। हमारा सपना हिंदुस्तान को नई ऊँचाइयों पर ले जाने का है, जन-कल्याण का है। हम सब एक नए भारत के निर्माण का सपना जरूर पूरा करेंगे।

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