अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा: प्रदेश में आज से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों टीकाकरण शुरू हो गया। लेकिन टीकाकरण के पहले दिन ही लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया। जिसके कारण टीकाकरण के लिए की व्यवस्था चरमरा गई और स्वास्थ्य विभाग को स्थिति को नियन्त्रण में करने लिए पुलिस विभाग को बुलाना पड़ा। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती हुई साफ नजर आई। अव्यवस्था की शिकायत मिलने के बाद मुख्य विकास अधिकारी, सीएमओ आरसीएमएस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की। लोग पुलिस के साथ बहस और झड़प करते नजर आए। अधिकारियों ने लोगों को समझाया की जिन लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया है। उनका टीकाकरण होगा लेकिन उन्हें जो स्लॉट अलॉट किए गए उस पर ही आकर की टीका करण कराना होगा।
डिस्टिक हॉस्पिटल में लोगों का उमड़ा हुजूम टीका लगवाने के लिए है लेकिन जिस कोरोना से बचाव के टीका लगाने लोग पहुंचे है, उससे बचने के लिए तय किए गए प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती हुई साफ नजर आ रही है। ये अव्यवस्था स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में भी आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण फैली है। लोगों को भ्रम हो गया की जिनका रजिस्ट्रेशन उनका टीकाकरण होगा, इसके अलावा शहर के निजी अस्पताल में टीकाकरण बंद किए जाने से सरकारी अस्पतालों में भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। ऐसे मे मची आपाधापी से सारी व्यवस्था चरमरा गई और स्वास्थ विभाग को लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा। मौके पर पहुंचे एडीजीपी रणविजय सिंह ने लोगों को समझाया और कोरोना के नियमों का पालन करते हुए लोगो से वैक्सीनेशन कराने के लिए कहा। मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह का कहना था कि लोगों ने भारी संख्या में रजिस्ट्रेशन करा दिया लेकिन इसको लेकर एक भ्रम हो गया जिसके कारण यह अव्यवस्था लोगो को समझाया जा रहा है कि जिन लोगों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया है।
उनका टीकाकरण होगा लेकिन उन्हें जो स्लॉट अलॉट किए गए उस पर ही आकर की टीकाकरण कराना होगा। सोमवार से जिले में 16 सरकारी केंद्रों पर 2,800 युवाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक बूथ पर 175 लोगों को टीका लगाया जाएगा। शासन से जिले को 17 हजार कोविशील्ड वैक्सीन की डोज भी मिल गई है। टीकाकरण सोमवार से सुबह 9 बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा। व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए एक बूथ पर पांच कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
राज्य की सभी सरकारी बेवसाइट्स जिनमें कोरोना का टीकाकरण के लिए बुकिंग की सुविधा दी गई है। वैक्सी नेशन के लिए आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस , राशन कार्ड और वोटर कार्ड आदि जैसे एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है। नेशनल हेल्थ मिशन डायरेक्टर की तऱफ से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए वैक्सीन खरीदी है और राज्य सरकार ने खुद ही अपने पैसे ये वैक्सीन आर्डर कर मंगाई हैं। इसलिए सिर्फ राज्य के लोगों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। इसलिए किसी भी व्यक्ति को कोरोना का टीका लगाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जो व्यक्ति सरकारी कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीनेशन के लिए पहुंचा है है वह यूपी का निवासी होना जरूरी है।
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