
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गाजियाबाद/फरीदाबाद: पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने आज रविवार को गाजियाबाद के भारत सिमटी अपार्टमेंट की आरडब्ल्यूए द्वारा आयोजित एक सभा को संबोधित किया। इस सभा का उद्देश्य आवारा कुत्तों की समस्या और उससे आम नागरिकों को हो रही परेशानी पर चर्चा करना था। सभा से पहले कुत्ता-प्रेमियों ने विरोध किया और मामला पुलिस स्टेशन तक पहुँचा। पुलिस की मदद से सुबह आरडब्ल्यूए की मीटिंग शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई।

सभा में विजय गोयल ने कहा कि गाज़ियाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की सोसायटियों के लोग आवारा कुत्तों के काटने से अत्यधिक परेशान हैं। बच्चे सड़कों और पार्कों में खेल नहीं पा रहे, बुजुर्ग टहलने से डरते हैं और आम नागरिकों का जीवन असुरक्षित हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन लगातार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर रहा है, न तो काटने वाले और आक्रामक कुत्तों को पकड़ा जा रहा है और न ही सड़कों पर फीडिंग पर रोक लगाई जा रही है।शाम को ग्रेटर फरीदाबाद के आरपीएस सुहाना अपार्टमेंट्स (जहाँ 12,000 फ्लैट हैं) में हुई दूसरी बैठक में ग्रेटर नोएडा की 35 सोसायटियों के पदाधिकारी शामिल हुए। सभी ने गोयल का समर्थन करते हुए कहा कि इस गंभीर समस्या पर अब संगठित आंदोलन ज़रूरी है। गोयल ने भरोसा दिलाया कि वे हरियाणा सरकार और अधिकारियों से मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराएँगे। उन्होंने दो मुख्य मांगें दोहराएं:
1. सोसायटी या अपार्टमेंट परिसर में कुत्तों की फीडिंग करने वालों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
2. सभी आक्रामक और काटने वाले आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर बाड़ों (shelter homes) में बंद किया जाए।

उन्होंने पुरानी मांग को फिर उठाया कि जब तक सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाया नहीं जाता, तब तक हर पीड़ित को काटने पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। गोयल ने कहा कि ग्रेटर फरीदाबाद में अब तक न तो न्यूट्रलाइजेशन हुआ है, न ही वैक्सीनेशन, और न ही आवारा कुत्तों को पकड़ने की कोई ठोस योजना है। इससे जनता खुद को असहाय महसूस कर रही है।उन्होंने सभी आरडब्ल्यूए को एकजुट होकर बड़ी रैली आयोजित करने का आह्वान किया और घोषणा की कि वे 35 सोसायटियों में अलग-अलग बैठकों के माध्यम से लोगों को संगठित करेंगे।गोयल ने चेतावनी दी कि यदि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया कि आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर बाड़ों में रखा जाए, तो प्रशासन कहेगा कि shelter homes ही उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए सरकार को तत्काल शेल्टर होम बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा और वे हर संभव तरीके से सरकार पर दबाव बनाकर इस समस्या का स्थायी समाधान निकालेंगे।
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