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गुडगाँव

75 वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन द्वारा ‘वननेस वन’ परियोजना का शुभारम्भ,”वृक्ष की छाया वृद्ध का साया”

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
गुरुग्राम: भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन द्वारा गत दिवस ‘अर्बन ट्री क्लस्टर’ अभियान का शुभारम्भ किया गया। गुरुग्राम में तीन स्थानों पर सेक्टर-31,चक्करपुर एवं मारुति कुंज में लगभग 400 पौधों का रोपण किया गया।’वननेस वन’ नाम की इस परियोजना को सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वाद से संपूर्ण भारत में 22 राज्यों के 280 शहरों में चयनित लगभग 350 स्थानों पर आयोजित किया गया। जिसमें लगभग 1,50,000 पौधों का रोपण किया गया। भविष्य में इनकी संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। इस महाअभियान में संत निरंकारी मिशन के सेवादारों एवं श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस मुहिम में संत निरंकारी मिशन के अतिरिक्त केंद्र व राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान एवं आर. डब्ल्यू. ए. आदि के लोग भी सम्मिलित होंगे।

इस अभियान का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि प्राण वायु जो हमें इन वृक्षों से प्राप्त होती है धरती पर इसका संतुलन बनाने के लिए हमें स्थान-स्थान पर वनों का होना आवश्यक है; जिससे कि अधिक मात्रा में आक्सीजन का मिलेगी और उतनी ही शुद्ध वायु प्राप्त होगी। जिस प्रकार ‘वननेस वन’ का स्वरूप अनेकता में एकता का दृश्य प्रस्तुत करता है उसी प्रकार मानव को भी समस्त भेदभावों को भूलाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव में रह कर संसार को निखारते चले जाना है। माता सुदीक्षा जी ने वर्ल्ड सीनियर सिटीजन दिवस का ज़िक्र करते हुए उदाहरण दिया कि जिस प्रकार बड़े, बुर्जुगों का आशीष हमारे लिए अनिवार्य है उसी प्रकार से वृक्ष भी हमारे जीवन के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है। ‘वननेस वन’ नाम की इस परियोजना के अन्तर्गत संपूर्ण भारत के भिन्न भिन्न स्थानों पर वृक्षों के समूह लगाये जायेंगे। जिनकी अधिक संख्या के प्रभाव से आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा और स्थानीय तापमान भी नियंत्रित रहेगा। सभी वृक्षों को स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार ही रोपा जायेगा। संत निरंकारी मिशन के सेवादार वृक्षों को लगाने के उपरांत तीन वर्षो तक निरंतर उनकी देखभाल भी करेंगे। इसमेें वृक्षों की सुरक्षा, खाद एवं जल की सुचारू रूप से व्यवस्था करना सम्मिलित है।

आज जब पृथ्वी ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या से जूझ रही है, तो ऐसे समय में वृक्षारोपण का महत्व ओर अधिक बढ़ गया है। वर्ष 2020 से कोरोना संकट ने हम सभी को प्रकृति की अमूल्य देन, प्राण वायु अर्थात् ऑक्सीजन के महत्व को समझा दिया है। साथ ही इसकी कमी से उत्पन्न होने वाले सभी दुष्प्रभावों से हमें भली भांति अवगत भी करा दिया है। ज्ञात रहे कि मनुष्य का जीवन जिस प्राण वायु पर आधारित है वह हमें इन वृक्षों के माध्यम द्वारा ही प्राप्त होती है। यह सर्व विदित है कि संत निरंकारी मिशन एक विश्व स्तरीय आध्यात्मिक मंच है जो सभी में ईश्वर निराकार की उपस्थिति के आधार पर प्रेम, सहिष्णुता एवं एकता में सद्भाव की विचारधारा में विश्वास रखता है। मिशन द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लगातार कार्य किये जा रहे है। समय-समय पर देशभर में वृक्षारोपण एवं उनका संरक्षण, जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और प्लास्टिक का उपयोग न करने जैसे अभियानों की पहल की गई है।  इसके अतिरिक्त संत निरंकारी मिशन सदैव ही मानवता की सेवा में सर्वोपरि रहा है। कोरोना महामारी के दौरान संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु मिशन द्वारा देशभर के विभिन्न सत्संग भवनों को ‘कोविड केयर सेंटर’ के रूप में परिवर्तित करके, सरकार को उपलब्ध कराया गया। जिनमें मरीजों के खाने पीने की उचित प्रबंध व्यवस्था मिशन द्वारा एवं मेडिकल सुविधाएं जैसे डॉक्टर, नर्स, मेडिकल इक्युपमेंट, दवाईयां इत्यादि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई। इसी शृंखला में दिल्ली के बुराड़ी रोड स्थित ग्राउंड नंबर 8 में 1000 बेड के कोविड केयर सेंटर का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त पंचकुला, पुणे, पानीपत, यमुनानगर, उधमपुर, मुम्बई इत्यादि सत्संग भवनों को पूरी सुविधा के साथ पहले ही ‘कोविड केयर सेंटर’ के रूप में सरकार को प्रदान किया जा चुका है।

इसके साथ ही कोरोना की दूसरी लहर की विषम परिस्थिति में आक्सीजन की कमी होने पर मानवता की भलाई हेतु; सरकार को सहयोग के लिए संत निरंकारी मिशन द्वारा 1000 से अधिक ऑक्सीजन कांन्सट्रेटर देश के विभिन्न राज्यों को प्रदान किये गये। यह सभी सेवाएं निरंतर जारी है।संत निरंकारी मिशन एवं ‘गिव मी ट्री’ संस्था के सहयोग द्वारा इतने बड़े स्तर पर ‘पर्यावरण संरक्षण’ की नींव रखी जा रही है। ‘गिव मी ट्री’ संस्था द्वारा पिछले 44 वर्षों में 3.25 करोड़ से अधिक वृक्षों को लगाया गया।संत निरंकारी मिशन एवं ‘गिव मी ट्री’ संस्था का सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्र को ‘पर्यावरण संरक्षण’ के उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक नया आयाम स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा। संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह पर्व पूर्व की भांति वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया। एक ओर सदियों की पराधीनता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को इस दिन स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया जाता है वहीं दूसरी ओर जन-जन की आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली दिव्य विभूतियाँ; जैसे शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, जगत माता बुद्धवन्ती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, सत्गुरू माता सविंदर हरदेव जी तथा अनेक ऐसे भक्तों को ‘मुक्ति पर्व’ के रुप में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है। निरंकारी संत समागम का विश्वभर में रह रहे लाखों प्रभु प्रेमीयों को बेसबरी से इंतजार रहता है कि कब वह वार्षिक संत समागम में सम्मिलित होकर सत्गुरू के आशीर्वाद से स्वयं को निहाल करेंगे और उनकी रहमतों के पात्र बनेंगे; साथ ही विश्वभर से सम्मिलित हुए कवि, गीतकार एवं वक्ताओं के मधुर वचनों का श्रवण भी करेंगे। भक्तों के इसी उत्साह को देखते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा इस वर्ष 74वें अंतराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की तिथियां 27, 28 एवं 29 नवम्बर 2021 सुनिश्चित की गई हैं। सभी प्रभु प्रेमी समागम में आपसी मिलवर्तन की भावना से युक्त होकर स्वयं को इस निराकार से जोड़कर, संसार के लिए एक उदाहरण बनेंगे कि कैसे प्रभु की रज़ा में रहकर आनंद की अवस्था प्राप्त की जाती है।

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