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एनसीएससी चेयरमैन विजय सांपला ने हरियाणा के एससी वर्ग के 9716 मेडिकल छात्रों को छात्रवृति तुरंत जारी करने के निर्देश


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एन.सी.एस.सी.) के चेयरमैन विजय सांपला ने हरियाणा के मेडिकल कॉलजों के ऍमबीबीएस व् अन्य मेडिकल कोर्स के अनुसूचित जाति छात्रों को भारी राहत देते हुए चिकित्सा शिक्षा व् अनुसन्धान विभाग के निदेशक को आदेश दिया है कि ऐसे विद्यार्थियों की लंबित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति का तत्काल भुगतान कर 3 अप्रैल 2023 तक इस संबंध मे रिपोर्ट पेश की जाए । प्रदेश में इस वर्ग के 9716 छात्रों को तीन-चार साल से ये छात्रवृत्ति नहीं मिली है।

आयोग ने मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग को सभी मेडिकल कालेजों को यह दिशा-निर्देश यथाशीघ्र जारी करने को कहा है कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति में देरी के कारण किसी भी अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के परीक्षा रोल नम्बर, मार्कशीट, प्रमाण पत्र , डिग्री, इन्टर्नशिप या अन्य किसी प्रकार की सुविधाओं को नहीं रोका जाएगा और उनकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी । इसके अतिरिक्त जो छात्र-छात्राएं छात्रवृति का पोर्टल बन्द होने या अन्य किसी कारण से पोस्ट्र मैट्रिक छात्रवृति के लिए आवेदन नही कर पाए हैं उन्हें सरकार द्वारा एक अवसर देकर छात्रवृति वितरित करने हेतु कार्रवाई की जाए । जो छात्र-छात्राएं छात्रवृति नहीं मिलने के कारण बीच में शिक्षा छोड़ चुके हैं, उन्हें भी एक अवसर प्रदान किया जाए।

आयोग के अनुसार मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग यह भी सुनिश्चित करें कि छात्रवृत्ति पोर्टल पूरे वर्ष निरन्तर कार्यरत रहे। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि छात्रवृति वितरित नहीं होने के कारण किसी भी अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के करियर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पडे़। इस मामले में मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के लिए कहा है। आयोग को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम.बी.बी. एस . एवं अन्य मेडिकल कोर्सो में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति का वितरण नहीं किए जाने सम्बन्धी शिकायत मिली थी। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने हरियाणा राज्य के अनुसूचित जाति के मेडिकल छात्रों की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के सम्बन्ध में महानिदेशक (मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग) को मामले की रिपोर्ट एवं पिछले 3 सालों के छात्रवृति के आंकड़े के साथ को सुनवाई के लिए बुलाया था।सुनवाई के दौरान आयोग ने यह पाया कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम.बी .बी .एस. कोर्स में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति का भुगतान/वितरण सुचारू रूप से नहीं किया जा रहा है। इससे इस वर्ग के विद्यार्थियों को बहुत ही असुविधा एवं परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई छात्र-छात्राएं छात्रवृति नहीं मिलने के कारण अपनी पढ़ाई पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं । उन्हें डिग्री की प्राप्ति में भी असुविधा हो रही है। मेडिकल शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के निदेशक ने आयोग को यह आश्वासन दिया कि सभी लम्बित छात्रवृति के वितरण/भुगतान सम्बन्धी मामलों का 6 माह अवधि के भीतर निस्तारण कर दिया जाएगा और किसी भी छात्र को छात्रवृति के कारण असुविधा/परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला ने 3 अप्रैल 2023 को अगली सुनवाई निर्धारित की है। इसमें मेडिकल शिक्षा विभाग को सभी कार्यवाहियां पूर्ण कर उपस्थित होने हेतु आदेशित किया गया है।

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