विनीत पंसारी की रिपोर्ट
महेंद्रगढ़: पण्डित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह एवं स्वामी विवेकानंद के शिकागों भाषण के 124 वर्ष पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंविवि) के प्रो. मूलचंद सभागार में भी किया गया।
अपने उद्बोधन में नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद विश्व में जहाँ भी जाते और उन्हें बोलने का मौका मिलता, वो बड़े विश्वास से भारत का महिमा का गुणगान करते थे। विश्व को सार्म्थ्य एवं सही दिशा देने का सफल प्रयास विवेकानंद ने किया है। अपने भाषण में उन्होंने दीनदयाल जी की चर्चा करते हुए कहा कि वे अंत्योदय की बात करते थे, जिससे समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंच सके।
कौशल विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देश ऐसे नौजवानों को तैयार करे जिसे किसी पर निर्भर न रहना पड़े। देश की नई पीढ़ी में नवप्रवर्तन का जज्बा होना चाहिए और असफलता से हमें डरना नहीं चाहिए। असफलता ही सफलता के द्वार खोलती है। विश्वविद्यालय के सभागार में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देखा। विद्यार्थियों के अतिरिक्त कार्यक्रम में प्रो. ए.जे. वर्मा, प्रो. उमेद सिंह, कुलसचिव रामदत्त, डॉ. बीर सिंह, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. कश्यप दूबे सहित शिक्षकगण, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।