Athrav – Online News Portal
दिल्ली राजनीतिक राष्ट्रीय वीडियो

लाइव वीडियो: ये प्यार ना होगा कम, जिनपिंग तेरी कसम,ये आज पीएम मोदी की तरफ से एक गाना आज चीन को पेश है-कांग्रेस


अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने आज केंद्रीय कांग्रेस मुख्यालय में संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए क्या कहा, लाइव वीडियो में सुने और पढ़े।
पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों। आज हम आपसे दो मुद्दों पर चर्चा करेंगे। एक अंतर्राष्ट्रीय और एक राष्ट्रीय महत्व का। मैं चीन पर आपसे चर्चा करुंगा और मेरी साथी सुप्रिया जी, जो कर्नाटक में आप लोग देख रहे हैं, उस पर चर्चा करेंगी। ये प्यार ना होगा कम, जिनपिंग तेरी कसम। ये आज मोदी जी की तरफ से एक गाना आज चीन को पेश है। कितने ही कर ले सितम। गलवान में, अच्छा एक तरफा प्यार है, ऐसा लगता है मोदी जी का चीन से बड़ा एक तरफा प्यार लग रहा है। वन वे ट्रैफिक। गलवान में चीन हमारी सीमा में आकर बैठा है, फिर 20 जवान बहादुर जवान शहीद भी हुए, उसके बाद क्लीन चिट प्रधानमंत्री ने दी। उसके बाद जयशंकर जी तो नत मस्तक हो गए पूरी तरह से। वो तो बड़ी इकोनॉमी है, हम तो छोटी इकोनॉमी है, हम उनसे कैसे मुकाबला करेंगे। तो जो नुकसान प्रधानमंत्री जी ने क्लीन चिट चीन को देकर पहुंचाया है हिंदुस्तान को, उससे दोहरा नुकसान जयशंकर जी के इस स्टेटमेंट से हुआ, ना केवल चीन को बल्कि ऐसी तमाम ताकतों को, जो शायद हिंदुस्तान से उनकी अर्थव्यवस्था बड़ी हो या किसी और स्तर पर वो हमसे ज्यादा मजबूत हों। अब उनके मन में आ गया है कि हिंदुस्तान मजबूत देश पर कभी जवाब नहीं देता, वो साहस नहीं दिखाता, हिंदुस्तान की राजनीतिक नेतृत्व।

बात लाल आँख की थी, हमने कैसे देखा कि कैसे लाल कालीन बिछाए गए चीनी, जो विदेश मंत्री हैं, उनके स्वागत में। आप झूला झूलते, हमें कोई दिक्कत नहीं, मेहमान हैं आप झुलिए। लेकिन आज आप एलएसी पर वार्ता चीन से कर रहे हैं, देश की संसद में आप ये चर्चा करना पसंद नहीं करते। 17 राउंड वार्ता आपकी चीन से मिलिट्री स्तर की हो चुकी है। नतीजा क्या निकला, आप देश को नहीं बताना चाहते और जब आप कहते हैं कि कोई घुसा ही नहीं, तो ये बातचीत एलओसी के किस मुद्दे पर चल रही है? या तो आपने तब झूठ बोला था, माफी मांगिए या आप कुछ अब छुपा रहे हैं, बताइए? दोनों में से एक चीज हो सकती है। ऐसा तो हो नहीं सकता कि जब कोई घुसा ही नहीं, आप यूं ही बातचीत करने चले गए मिलिट्री लेवल पर, कोई मजाक तो होता नहीं है।

तीन साल पहले 20 अप्रैल, 2020 को जिन प्वाइंट पर हमारी सेना, हमारे फोर्सेस गश्त लगा पाते थे, आज तीन साल होने वाले हैं, अगले महीने की 20 तारीख को हो जाएंगे, नहीं लगा पा रहे हैं। 65 पेट्रोलिंग प्वाइंट में से 26 हमारे कंट्रोल से, हमारे हाथ से जा चुके हैं। ये सब तथ्य सबको मालूम है। ऐसा नहीं कि कोई आपने पहली बार सुने, या मैंने पहली बार बोले। ना केवल कांग्रेस पार्टी के मंच से विशेषज्ञ बता चुके हैं, सेटेलाइट इमेजरी बता चुकी है, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी बता चुके हैं। स्ट्रैटेजी जो समझते हैं, जियो पॉलिटिक्स जो समझते हैं, वो आपसे बार-बार बात करते रहते हैं, बताते रहते हैं आपको। डेपसांग प्लेंस के पेट्रोलिंग प्वाइंट पीपी 10, पीपी 11, पीपी 11 ए, पीपी 12, पीपी 13 पर अब हमारे जवान नहीं जा सकते। ये यथास्थिति है, वस्तुस्थिति हमारे चीन के बॉर्डर पर चीन के साथ ये है और हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 (ए) हमारे नियंत्रण से बाहर जा चुका है।

Chinese Foreign Minister is on Indian soil. The Indian External Affairs Minister (EAM) is discussing the LAC with them. We want to know whether, PP-10, PP-11, PP-11 (A), PP-12, PP-13 of Depsang plains and PP-15 and PP-17 (A) of Hot Springs & Gogra are we raising it strongly enough to get these patrolling points back and then, of course, जो चीन ने जो जामफेरी रिज जिससे सिलीगुड़ी कॉरिडोर हमारा खतरे में आ गया है, जो गेटवे है नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट। बड़े खुश थे कल प्रधानमंत्री जी, मुस्कुरा रहे थे कि हम जीत गए, हम जीत गए नॉर्थ ईस्ट। आप नॉर्थ ईस्ट का चुनाव जीत जाएं और पूरा नॉर्थ ईस्ट हार जाएं, इस स्थिति पर आप ले आए हैं। ये सिलीगुड़ी कॉरिडोर जो होता है, ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है हमारे लिए, हमारे हितों के लिए, हमारे नॉर्थ ईस्ट के हितों के लिए। आपके लिए सिर्फ चुनाव जीतना महत्वपूर्ण है और नॉर्थ ईस्ट भले आप पूरा देश हार जाए, उनको कोई आपत्ति नहीं है। क्या इस पर चर्चा होगी और 26 वीं मीटिंग वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कॉर्डिनेशन ऑन इंडिया-चीन बॉर्डर अफेयर पर हुई थी, क्या उसमें 20 अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति के बारे में चर्चा हुई और अगर हुई तो चीन ने क्या बोला और हमने प्रत्युत्तर में क्या बोला? यह सब बातें देश जानना चाहता है।

आप लाल कालीन बिछाइए, चलिए वो भी हम बर्दाश्त कर लेंगे। आप लाल आंख नहीं दिखा सकते, हम वो भी बर्दाश्त कर लेंगे। हमें मालूम है कि आपको पसंद है चीन। हमें आपके रिश्ते मालूम हैं चीन से।

हमें ये मालूम है कि जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब आप क्यों बार-बार वहाँ जाते थे। हमें मालूम है कि आपको अमेरिका से वीजा नहीं मिल रहा था, हमें मालूम है आपको लंदन का वीजा नहीं मिल रहा था यूके का, हमें मालूम है कि चीन से वीजा मिल जाता था, आप चले जाते थे बार-बार। स्मार्ट सिटी बनवाएंगे जी, गुजरात के मुख्यमंत्री उस वक्त कहते थे कि चीन हमारी मदद करेगा गुजरात में स्मार्ट सिटी बनवाने में। गुजरात में तो स्मार्ट सिटी नहीं बनी, अरुणाचल प्रदेश में चीन की एक स्मार्ट सिटी बन गई। ये देखिए आप फर्क। तो वायदा तो मोदी जी ने ठीक किया था कि स्मार्ट सिटी बनवाएंगे, वो हम समझे नहीं थे कि वो चीन बनाएगा हमारी टेरिटरी में आकर और ये भी हमें सेटेलाइट पिक्चर से मालूम पड़ता है। हमारी सरकार ने कोई सर्वदलीय बैठकर बुलाकर नहीं विश्वास में लिया कि साहब ऐसा हो गया है, बताइए आगे क्या करना चाहिए। ऐसा कुछ नहीं हुआ। बाहर की सैटेलाइट के इमेज से हमें मालूम पड़ता है, फिर दो-तीन दिन डिबेट होती हैं, 4-5 बार हम प्रेस वार्ताएं करते हैं। 8-10 दिन हम संसद में बहस करने के लिए उनको मजबूर करने की कोशिश करते हैं। फिर हमें बाहर कर दिया जाता है संसद से। कभी-कभी जहाज से उतार दिया जाता है हम जैसे लोगों को, लेकिन इस पर चर्चा नहीं होती। ये स्थिति चीन के साथ बन आई है और जयशंकर जी को एक आखिरी में मैं सलाह दूंगा, उसके बाद सुप्रिया जी आपसे बात करेंगी। अर्थव्यवस्था छोटी हो सकती है, हमारी सेना का कलेजा बहुत बड़ा है। उसको कम मत आंकिए, हमारी सेना के कलेजे का अपमान मत करिए। आइंदा जब मुँह खोलें, तो सोच – समझ कर बोलें जयशंकर जी। पढ़े लिखे व्यक्ति हैं, डिप्लोमेट रहे हुए हैं। डिप्लोमेट को सिर्फ एक चीज की ट्रेनिंग सबसे अच्छी होती है कि कब, क्या और कितना बोलना है, नपा-तुला बोलने की एक ट्रेनिंग होती है एक डिप्लोमेट को। उस ट्रेनिंग के साथ भी उन्होंने धोखा किया है, इस तरह की हल्की बात करके। अब मैं सुप्रिया श्रीनेत जी से आग्रह करुंगा कि वो अपना मुद्दा उठाएं।

श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बहुत धन्यवाद आपका पवन जी। आप सब लोगों ने देखा होगा आज सुबह से आपके ही चैनल चला रहे हैं और पूरे मीडिया और सोशल मीडिया पर है कि कैसे कर्नाटक में एक बड़ा स्कैम फिर से सामने आया है। मुझे नहीं पता कि आपमें से कितने लोगों ने इस्तेमाल किया है कि मैसूर का जो संदल सोप गोल-गोल आता है, बड़ा ही बढ़िया होता है और बहुत सुगंधित होता है। बचपन से मैंने तो बहुत अच्छे से देखा है और देखा है बहुत लोगों को इस्तेमाल करते हुए। आज भाजपा की ये कृपा रही है कर्नाटक में कि उस संदल के साबुन में भी भ्रष्टाचार की दुर्गंध भर दी गई है और आपको सिलसिलेवार तरीके से बता देते हैं कि क्या हुआ है और ये कितना भयावह है कर्नाटक के लिए, जहाँ पर दो दिन पहले मोदी जी थे, हाथ पकड़ कर चल रहे थे येदियुरप्पा जी की। वही येदियुरप्पा जी जिनको करप्शन के चार्जेस पर घर बैठाया गया था। आज हाथ पकड़ कर चल रहे हैं और वही कर्नाटक जहाँ पर आज गृहमंत्री अमित शाह जी कुछ कांग्रेस के खिलाफ आग उगलते हुए दिखाए दिए थे। उसी कर्नाटक में भाजपा के एमएलए मदल विरुपक्षप्पा के लड़के प्रशांत मदल जो एक्चुअली कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेस के अधिकारी हैं, वो 40 लाख की घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए और ये घूस ऐसी-वैसी घूस नहीं थी, ये किसी फलाने ने, ढिमकाने ने नहीं बताया था। इस घूस के बारे में टिप ऑफ देने वाले भी श्रेयस कश्यप थे, जिनका ये टेंडर था। जो टेंडर के द्वारा आ रहे थे, उनसे 81 लाख की डिमांड की गई थी। ये शायद पहला इंस्टॉलमेंट आया था 40 लाख का। लेकिन बात 40 लाख पर नहीं टिकती है। पिछले 24 घंटे में एमएलए साहब के लड़के, उनके घर, उनके सहयोगियों के यहाँ से करीब 7 करोड़ 20 लाख रुपए बरामद किए जा चुके हैं अभी तक। ये छोटी-मोटी रकम नहीं है। ये टेंडर को लेकर जो हेरा-फेरी होती है, जिसको ‘पेसीएम’ (PayCM) सरकार कहा जाता है। ये उनकी असलियत है और इस सरकार की असलियत बताना इसलिए जरुरी है क्योंकि हमने इनको 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार कहा तो इनको बड़ी आपत्ति हुई। लेकिन ये हमारे शब्द नहीं थे, ये कर्नाटक की कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन जो रिकॉग्नाइज संस्था है कर्नाटक सरकार की, उन्होंने लिखित में प्रधानमंत्री मोदी को ये लिख कर दिया है कि कर्नाटक के हर कॉन्ट्रैक्ट में 40 प्रतिशत कमीशन देना पड़ता है। दो लोगों ने आत्महत्या तक की है तंग आकर और आत्महत्या करने वालों में कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं थे। आपको याद होगा संतोष पाटिल जी का नाम बड़े कमिटेड भाजपा के कार्यकर्ता थे, उन्होंने कुछ काम किया, उनसे भी 40 प्रतिशत कमीशन वसूल किया गया। उन्होंने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी और अंततोगत्वा उन्होंने खुदकुशी कर ली। ईश्वरप्पा जो पीडब्ल्यूडी के मंत्री होते थे, उनको आनन-फानन में हटाया गया था, फिर इन्होंने ही क्लीन चिट देकर वापस ईश्वरप्पा जी को मंत्री बना दिया।

ये असलियत है सरकार की 40 प्रतिशत और कमीशनों को गिनाने पर आ जाओ और स्कैमों को गिनाने पर आ जाओ, तो पीएसआई का स्कैम हुआ है, मोलासिस का स्कैम हुआ है, लेबर डिपार्टमेंट का स्कैम हुआ है।

तमामों ऐसे स्कैम हुए हैं, जिससे कर्नाटक सरकार घिरी हुई है। ये कर्नाटक ही है जहाँ पर सड़कों पर गड्ढे नहीं है, गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है इन सारे स्कैमों के चलते। लेकिन वापस अगर इनकी बात की जाए जो प्रशांत मदल जी पकड़े गए हैं, उनके पिता अभी भी फरार हैं, विधायक हैं और विधायक ही नहीं है, वो चेयरपर्सन हैं कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लिमिटेड के और उसी ऑर्गनाइजेशन ने, उसी संस्था ने टेंडर इनवाइट किए थे और उन्हीं टेंडरों के लिए 81 लाख की घूस मांगी गई थी, 40 लाख आ गई थी, बाकी दाम और आना था, लेकिन 7 करोड़ 20 लाख रुपए केश में पकड़ा गया है। ये कर्नाटक के लोकायुक्त ने पकड़ा है।इसके बारे में भारतीय जनता पार्टी के सामने सुंई पटक सन्नाटा, एक शब्द नहीं बोला जाएगा। जो करप्शन की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, ना अडानी का अ बोलते हैं, ना भ्रष्टाचार का भ बोलते हैं। एक शब्द आपको बीजेपी के कार्यकर्ताओं से, बीजेपी के नेताओं से, बददिमाग प्रवक्ताओं से, गृह मंत्री से, प्रधानमंत्री से नहीं सुनाई देगा। अब सुनने में आता है कि येड्डी जी, जिनके खिलाफ तमामों भ्रष्टाचार के आरोप हैं, जिनका हाथ पकड़ कर अब प्रधानमंत्री चल रहे हैं, वो अब कैंपेन कमेटी के भी चीफ बना दिए जाएंगे।तो जब चुनाव आता है तो भ्रष्टाचार-व्रच्टाचार एक तरफ, लेकिन असलियत जो है, वो ये बंया कर रही है कि लोगों ने खुदकुशी की है, लोगों की जान चली गई है, लेकिन कमीशन पर कमीशन खाया जा रहा है। अगर 40 प्रतिशत कमीशन 81 लाख रुपए था, तो कितने का टेंडर था, ये हम सब लोग कैलकुलेट कर सकते हैं औऱ टेंडर का पैसा लेने वाले उस विभाग के हैड के सुपुत्र थे और एक बड़ी पते की बात है, ये मुझे यहाँ आते वक्त पता चला कि जो प्रशांत मदल के व्यक्ति हैं, जो एमएलए साहब के सुपुत्र या कुपुत्र, जो कह लीजिए हैं, जो लेते हुए पकड़े गए हैं, वो बैंगलोर वॉटर सप्लाई एंड सीवेज बोर्ड पर भी ऑफिसर रह चुके हैं और मतलब क्या विडंबना की बात होगी कि वो एंटी करप्शन ब्यूरो में भी मेंबर रह चुके हैं, वहाँ पर भी वो कार्यरत थे।तो एंटी करप्शन ब्यूरो ऑफ कर्नाटक का ये हाल है कि वहाँ के अधिकारी क्योंकि वो एमएलए के लड़के हैं, भ्रष्ट सरकार का एक हिस्सा है, भ्रष्ट सरकार का एक अंग हैं, वो 40 लाख की घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार होते हैं और उनके सहयोगियों से, उनके घर के यहाँ से 6 करोड़ रुपए अलग से करीब 7 करोड़ 20 लाख रुपए मिलता है।मैं पूछना चाहती हूं आप इस तरह से कर्नाटक का चुनाव लड़ेंगे और कर्नाटक की जनता त्रस्त है। कर्नाटक की जनता को पता है 100 रुपए का काम है तो 40 रुपए तो पहले कमीशन में खिलाना ही पड़ेगा और जनता ने मन बना लिया है बदलने के लिए। जो बार-बार दौड़े-दौड़े, लपके-लपके कभी प्रधानमंत्री, कभी गृहमंत्री कभी फलाने, कभी ढिमकाने जा रहे हैं, कितनी भी बार चले जाइए, कितनी रैली कर लीजिए, कितने रोड़ शो कर लीजिए, जब जनता मन बना लेती है, तो निकाल कर बाहर ही करेगी आपको।हमने लगातार कर्नाटक की जनता के साथ उनकी आवाज में आवाज मिलाने का काम किया है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया है और हम आज भी वही कर रहे हैं और ये जवाबदेही तय होनी चाहिए कि कैसे एक विभाग का हेड जिसने कि टेंडर इनवाइट किया था, उसी का लड़का इतनी बड़ी घूस लेते हुए पकड़ा जाता है?चीन से वार्तालाप में लीन है मोदी सरकार, जब मोदी जी ने खुददी थी “क्लीन चिट” तो किस बात की है दरक़ार ? गलवान के हमारे शहीदों का न करो अपमान, चीन को दो टूक कहो, यही चाहता हिंदुस्तान !

Related posts

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आह्वान पर आढ़तियों ने खत्म किया आमरण अनशन

Ajit Sinha

8 फ़रवरी को विधान चुनाव के दिन प्रात 4 बजे से मेट्रो रेल चलेंगी,के बाद प्रात 6 बजे से प्रति 30 मिनट के बाद चलेंगी

Ajit Sinha

हमारी शिक्षा प्रणाली रोज़गार देने वाली होनी चाहिए ताकि हमारे बच्चे नौकरी देने वाले बनें, नौकरी तलाशने वाले नहीं- सीएम

Ajit Sinha
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
//dukingdraon.com/4/2220576
error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x