
पलवल : पलवल के एक मकान के बाथरूम में आज प्रात 9 बजे एक तेंदुआ घुस आया जिसे देख कर घर वालों के होश उड़ गए। इसके बाद घर वालों ने साहस दिखाते हुए उस बाथरूम को बाहर से बंद कर दिया जिसमें तेंदुआ बिल्कुल कैद हो गया और इसके बाद पूरे मोहल्ले में घर वालों ने शोर मचा दिया जिससे पूरे मोहल्ले में हड़कंप मच गया और लोग एकत्रित हो गए। इसके बाद लोगों ने बारे में पुलिस प्रशासन और वन्य जीव प्राणी की टीम को सुचना दे दी। इसके बाद पुलिस मौके पर तुरंत पहुंच गई और पुलिस ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची वन्य प्रणाली की टीम ने तेंदुआ को पकड़ कर गाडी में डाल कर अपने साथ ले गई।
कालोनी निवासी ज्योति ने बताया कि उनके मकान के सामने गांव गुदराना निवासी रमेश का मकान है। जिसमें एक पटवारी किराए पर रहता है। सुबह 9 बजे कोई व्यक्ति पटवारी से मिलने आया था। जैसे ही वह व्यक्ति मकान के अंदर घुसा तो उसने देखा कि बाथरुम में तेंदुआ छुपा हुआ था। उस व्यक्ति ने तुंरत बाथरुम के गेट को बंद कर दिया। जिसके बाद कालोनी के चार-पांच व्यक्ति मौके पर पहुंचे और बाथरुम के गेट के समाने लक्कड़ लगाकर उसे सख्ती से बंद कर दिया। गनीमत यह रही कि तेंदुआ ने किसी पर वार नही किया और समय रहते ही बाथरुम के गेट को बंद कर दिया गया था। जिसके बाद कालोनी में हडकंप मच गया। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गई और आस-पास के मकानों को खाली करा दिया । तेंदुआ की सूचना मिलते ही शहर के हजारों लोग मौके पर एकत्रित हो गए। पुलिस ने भीड़ को संभालते हुए तेंदुआ की सूचना वन्य जीव प्राणी टीम को दी गई। फरीदाबाद व गुरुग्राम वे वन्य जीव प्राणी विभाग की दो टीम 12 बजे कालोनी में पहुंची और रेसक्यू आपरेशन शुरू किया गया। पलवल वन्य जीव प्राणी विभाग के अधिकारी किरण रावत ने बताया कि दोनों टीमों द्वारा डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुआ को काबू किया गया।
उन्होनें बताया कि सबसे पहले तेंदुआ को बेहोशी के दो इंजेक्शन दिए गए। जिसके बाद जाल के माध्यम से उसे काबू किया गया। उन्होने बताया कि तेंदुआ का वजन 75 किलो ग्राम था और उसकी उम्र लगभग तीन वर्ष है। टीम द्वारा तेंदुआ को अपने साथ ले जाया गया है जहां पर कुछ दिन तक उसे अपने पास रखा जाएगा और पूर्ण रुप से स्वास्थ्य होने के बाद तेंदुआ को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। उन्होनें बताया कि तेंदुआ का आना यह पहला मामला नही है बल्कि इससे पहले भी दो बार तेंदुआ पलवल में आ चुके है। उन्होनें बताया कि तेंदुआ का इस तरह से आने का मतलब है कि अरावली पहाडियो में पानी का इंतजाम नही होना है। इन्हें खाने के लिए पहाडियों में मिल जाता है लेकिन पानी पीने के लिए नही मिल पाता जिसकी वजह से ये शहरों की तरफ आ जाते है। उन्होनें बताया कि सरकार को अरावली पहाडियों में पानी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे इस तरह के खतरनाक जानवर बाहर नही आए। उन्होनें बताया कि डेढ़ घंटे की कड़ी मश्क्कत के बाद तेंदुआ को काबू कर लिया गया है गनीमत यह रही कि उसने किसी पर कोई वार नही किया।
उन्होनें बताया कि सबसे पहले तेंदुआ को बेहोशी के दो इंजेक्शन दिए गए। जिसके बाद जाल के माध्यम से उसे काबू किया गया। उन्होने बताया कि तेंदुआ का वजन 75 किलो ग्राम था और उसकी उम्र लगभग तीन वर्ष है। टीम द्वारा तेंदुआ को अपने साथ ले जाया गया है जहां पर कुछ दिन तक उसे अपने पास रखा जाएगा और पूर्ण रुप से स्वास्थ्य होने के बाद तेंदुआ को जंगल में छोड़ दिया जाएगा। उन्होनें बताया कि तेंदुआ का आना यह पहला मामला नही है बल्कि इससे पहले भी दो बार तेंदुआ पलवल में आ चुके है। उन्होनें बताया कि तेंदुआ का इस तरह से आने का मतलब है कि अरावली पहाडियो में पानी का इंतजाम नही होना है। इन्हें खाने के लिए पहाडियों में मिल जाता है लेकिन पानी पीने के लिए नही मिल पाता जिसकी वजह से ये शहरों की तरफ आ जाते है। उन्होनें बताया कि सरकार को अरावली पहाडियों में पानी की व्यवस्था करनी चाहिए जिससे इस तरह के खतरनाक जानवर बाहर नही आए। उन्होनें बताया कि डेढ़ घंटे की कड़ी मश्क्कत के बाद तेंदुआ को काबू कर लिया गया है गनीमत यह रही कि उसने किसी पर कोई वार नही किया।

