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हरियाणा

कुरुक्षेत्र के ब्रह्मïसरोवर पर आयोजित सूर्यग्रहण मेले में कड़ाके की ठंड में  लाखों लोगों ने मोक्ष-प्राप्ति के लिए स्नान किया।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
चण्डीगढ़: पौष मास की अमावस्या पर धर्म नगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मïसरोवर पर आयोजित सूर्यग्रहण मेले में कड़ाके की ठंड में लगभग 4 डिग्री सैल्शियस तापमान के बावजूद लाखों लोगों ने मोक्ष-प्राप्ति के लिए स्नान किया। इस मेले में देश के विभिन्न राज्यों व पड़ोसी देश नेपाल से आए लोगों ने पितर-दान कर अपने पितरों की शांति के लिए हवन यज्ञ किया। यह प्रात: 8:15 मिनट पर सूर्य ग्रहण स्पर्श स्नान से शुरू होकर 10:15 मिनट तक मोक्ष स्नान तक चला तथा 10:55 मिनट पर ग्रहण समाप्त हुआ। जिला प्रशासन व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा सूर्यग्रहण मेले के लिए पुख्ता सुरक्षा व श्रद्धालुओं के रहने व ठहरने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।

इस मेले के लिए पहली बार 10 बिस्तरों के अस्पताल की विशेष व्यवस्था भी की गई थी और 20 स्थानों पर जीवन रक्षक उपकरणों के साथ चिकित्सा केन्द्र स्थापित किए गए थे। इसके अलावा सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा एक मुख्य सूचना केन्द्र के अलावा 35 अन्य सूचना केन्द्र स्थापित किए गए थे। ठंड को देखते हुए रजाई व गद्दों की विशेष व्यवस्था से श्रद्धालु काफी संतुष्ट दिखाई दिए। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार 23 दिसम्बर को गीता जंयती समारोह सम्पन्न हुआ और उसके साथ ही 26 दिसम्बर को सूर्यग्रहण मेला पड़ा है। जिला प्रशासन की ओर से इन दोनों अवसरों के सफल आयोजन के लिए विशेष प्रबंध किए गए। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण मेले में लगभग 10 से 15 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था परन्तु कड़ाके की ठंड व 4 डिग्री ताप मान के बावजूद भी 3 से 4 लाख श्रद्धालुओं ने इस मेले में भाग लिया। मेले के दौरान जिला उपायुक्त एस.एस.फुलिया, पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी तथा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) गगनदीप सिंह निरंतर ब्रह्मïसरोवर का दौरा करके सभी प्रकार के प्रबंधों का जायजा लेते रहे। हरियाणा बाढ़ आपदा प्रबंधन की ओर से विशेष नौकाओं का प्रबंध किया गया था जो ब्रह्मसरोवर पर निरंतर गश्त कर रही थी ताकि स्नान के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।



हरियाणा के अलावा नेपाल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर इत्यादि राज्यों से बड़ी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने सूर्यग्रहण मेले के महत्व की जानकारी ब्रह्मसरोवर पर जगह-जगह बैठे पुरोहितों से ली और पितृ-शांति के लिए यज्ञ किया। सभी ने ब्रह्मसरोवर तथा धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए किए गए प्रबंधों, विशेषकर सफाई, शौचालय, स्नान घाटों, विशेष बसों तथा रहने-ठहरने के लिए किए गए प्रबंधों के लिए राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि सूर्यग्रहण मेला उनके लिए हमेशा एक यादगार रहेगा। संयोग से बड़े वर्षों के बाद पौष अमावस्या के दिन यह मेला आया है। विभिन्न अखाड़ों से आए साधु-संत भी इस मेले को गौचर की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कालांतर मान रहे हैं।हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने राज्य सरकार की ओर से सूर्यग्रहण मेले में आने पर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए मेले के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का धन्यवाद किया।

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