अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में युवाओं के लिए नए रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए केजरीवाल सरकार की ओर से जल्द ही दिल्ली के 27 नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्रों का पुनर्विकास किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने डीएसआईआईडीसी को इन नोटिफाइड औद्योगिक इलाकों का ले-आउट तैयार करने का काम सौंपा है। डीएसआईआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र में सलाहकार फर्म को नियुक्त करेगी, जो अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्र का ले-आउट तैयार करेंगे।
इसे लेकर शुक्रवार को दिल्ली के उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सचिवालय में औद्योगिक क्षेत्र के संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही सुरक्षा उपायों के साथ इन नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास पर चर्चा की। सरकार की ओर से इन औद्योगिक इलाकों के पुनर्विकास के लिए अलग से बजट का प्रावधान किया गया है।
उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में सभी 27 नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां कई औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। इन औद्योगिक इलाकों को इसी आधार पर मंजूरी मिली थी कि इनका पुनर्विकास किया जाएगा। लेकिन सालों से यह मामला पुरानी सरकारों में टरकता रहा। अब केजरीवाल सरकार ने इन इलाकों के पुनर्विकास का बीड़ा उठाया है। इन सभी 27 इलाकों का ले-आउट प्लान तैयार करने की समय सीमा तय की गई है। ले-आउट प्लान तैयार करने वाले सलाहकारों पर दिल्ली सरकार और औद्योगिक संघ मिलकर 50-50 फीसद राशि खर्च करेंगे।
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए अगले पांच वर्षों में इन 27 नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास की घोषणा की है। दिल्ली सरकार द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों को हरा-भरा, स्वच्छ और बेहतर बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। साथ ही सीवेज, सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र, पेयजल आपूर्ति, औद्योगिक अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था और सड़कों को बेहतर किया जाएगा। औद्योगिक क्षेत्रों में प्रोसेसिंग सेंटर, मान्यता प्राप्त टेस्ट लैब, ट्रेनिंग सेंटर, बिजनेस कन्वेंशन सेंटर, रॉ-मटेरियल बैंक और लॉजिस्टिक्स सेंटर समेत तमाम तरह के सेंटर बनाए जाएंगे।
केजरीवाल सरकार की ओर से पुनर्विकास किए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में आनंद पर्वत, शाहदरा, समयपुर बादली, जवाहर नगर, सुल्तानपुर माजरा, हस्तसाल पाकेट-ए, नरेश पार्क एक्सटेंशन, लिबासपुर, पीरागढ़ी गांव, ख्याला, हस्तसाल पाकेट-डी, शालीमार गांव, न्यू मंडोली, नवादा, रिठाला, स्वर्ण पार्क मुंडका, हैदरपुर, करावल नगर, डाबरी, बसई दारापुर, मुंडका उद्योग नगर, मुंडका में फिरनी रोड, रणहोला, प्रहलादपुर बांगर, टिकरी कलां, मुंडका (नार्थ) गोडाउन क्लस्टर, और नंगली सकरावती आदि शामिल हैं। उद्योग मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का मकसद कोरोना के चलते प्रभावित उद्योगों को पटरी पर लाने के साथ-साथ युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करना है। राजधानी के 27 नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास से लाखों युवाओं के लिए रोजगार का सृजन होगा। इकाइयों में कामगार की जरूरत होगी, जिससे रोजगार सृजित होने से युवाओं को रोजगार मिलेगा। इससे सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी। दिल्ली सरकार इन 27 नोटिफाइड औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए औद्योगिक संघों की हर संभव मदद करने को हमेशा तैयार हैं।
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