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केजरीवाल सरकार ने बढ़ती महंगाई से जूझ रहे दिल्ली के गरीबों को दी बड़ी राहत, आगे भी मिलता रहेगा मुफ्त राशन

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ने बढ़ती महंगाई से जूझ रहे दिल्ली के गरीबों को बड़ी राहत दी है। दिल्ली सरकार ने गरीब परिवारों को आगे भी मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है। वहीं, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से दिए जा रहे राशन को 30 नवंबर से आगे नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार की फ्री राशन योजना से गरीबों को कोरोना काल में काफी राहत मिली है। दोनों सरकारों की यह योजना नवंबर में समाप्त हो रही है। देश में इस वक्त कमरतोड़ महंगाई है। एक आम आदमी को दो वक्त की रोटी मिलनी मुश्किल हो रही है। कोरोना काल में कई लोगों के रोजगार चले गए और उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है। मेरी प्रधानमंत्री से विनती है कि केंद्र सरकार लोगों को अतिरिक्त मुफ्त राशन देने की यह योजना छह महीने के लिए बढ़ा दें। दिल्ली सरकार अपनी फ्री राशन योजना छह महीने के लिए बढ़ा रही है।

दिल्ली समेत पूरे देश में कोरोना महामारी का दौर अभी भी जारी है। कोरोना से हर व्यक्ति प्रभावित हुआ है और इसके चलते बहुत से लोग बेरोजगार हो गए हैं। साथ ही, लोगों की आमदनी भी काफी कम हो गई है और लोग अभी उससे उबर नहीं पाए हैं। वहीं दूसरी तरफ, दिनों-दिन महंगाई बढ़ती जा रही है। खाद्य वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मिल रहे मुफ्त राशन ने गरीबों को बड़ी राहत दी है। वहीं, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के माध्यम से दिए जा रहे राशन को 30 नवंबर से आगे नहीं बढ़ाने का ऐलान किया है।इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज ट्वीट कर कहा, ‘‘महंगाई बहुत ज्यादा हो गई है। आम आदमी को दो वक्त की रोटी भी मुश्किल हो रही है। कोरोना की वजह से कई लोग बेरोजगार हो गए। प्रधानमंत्री , गरीबों को मुफ्त राशन देने की इस योजना को कृपया छह महीने और बढ़ाया जाए। दिल्ली सरकार अपनी फ्री राशन योजना छह महीने के लिए बढ़ा रही है।’’मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ ग़रीबों को मिल रही अपनी फ्री राशन योजना को दिल्ली सरकार छह महीने के लिए बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मैंने आग्रह किया कि केंद्र सरकार भी अपनी राशन योजना छह महीने के लिए बढ़ा दें। लोग अभी बहुत मुसीबत में हैं। इस वक्त उनका हाथ छोड़ना ठीक नहीं होगा।’’मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने देश भर में हर राशन कार्डधारक को हर महीने मिलने वाले राशन के अतिरिक्त उतना ही फ्री राशन दिया था, जो राशन हर महीने मिलता था और दिल्ली सरकार ने अपनी तरफ से उसे मुफ्त कर दिया। केन्द्र सरकार और दिल्ली सरकार के इन कदमों से गरीबों को कोरोना काल में काफी राहत मिली। दोनों सरकारों की ये योजनाएं नवम्बर में समाप्त हो रही है। केन्द्र सरकार ने ऐलान किया है कि इस योजना को नवंबर के बाद आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पत्र में आगे कहा है कि देश में इस वक्त कमरतोड़ महंगाई है। एक आम आदमी को दो वक्त की रोटी मिलनी मुश्किल हो रही है। कोरोना काल में कई लोगों के रोजगार चले गए। उनके पास कमाई का कोई साधन नहीं है। ऐसे में मेरी आपसे विनती है कि केंद्र सरकार लोगों को अतिरिक्त मुफ्त राशन देने की यह योजना छह महीने के लिए बढ़ा दें। दिल्ली सरकार लोगों को हर महीने मिलने वाला राशन मुफ्त देने की योजना छह महीने के लिए बढ़ा रही है। आपकी अति कृपा होगी।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में गत 5 अक्टूबर 2021 को कैबिनेट की बैठक हुई थी। बैठक में कोविड-19 महामारी के जारी रहने तक गैर पीडीएस गरीब परिवारों, प्रवासी कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे भी मुफ्त राशन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे कैबिनेट ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी। कोविड-19 की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।इससे पहले, 25 मई.2021 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट की बैठक में ऐसे जरूरतमंद लोगों को मुफ्त राशन (खाद्यान्न) देने का निर्णय लिया था। एनएफएस अधिनियम 2013 के अंतर्गत निर्धारित पात्रता के अनुसार, प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों, घरेलू सहायिका समेत जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन जरूरतमंद लोगों को 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त दिया गया। जिसमें प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल शामिल है। उस दौरान कैबिनेट के इस फैसले से दिल्ली में रह रहे करीब 20 लाख लोग लाभान्वित हुए थे। इसके अलावा, एनएफएसए के तहत नियमित आवंटन के तहत 72.78 लाख पीडीएस लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।वहीं, दिल्ली कैबिनेट के अक्टूबर माह में लिए गए निर्णय के बाद अब दिल्ली में रह रहे गैर पीडीएस गरीब लाभार्थियों की संख्या बढ़ कर करीब 40 लाख हो गई है। दिल्ली कैबिनेट में दिल्ली में रह रहे इन 40 लाख गैर-पीडीएस लाभार्थियों को भी पीडीएस लाभार्थियों की तरह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, भवन और निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों, घरेलू सहायिकाओं सहित जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन सभी जरूरतमंदों को राशन दिया जा रहा है।

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