अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली :जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती के साथ ही हलचल तेज हो गई है. कश्मीर में फोन बंद कर दिए गए हैं,मोबाइल इंटरनेट की सेवा बंद है, कई राजनेताओं को नज़रबंद किया गया है और जम्मू में भी कुछ ऐसा ही हाल है. जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. साथ ही साथ लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है.इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है.लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए,ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें. रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है.जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी.
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर सोमवार सुबह कैबिनेट की बैठक हुई. दूसरी ओर संसद में भी इस विषय को लेकर हंगामे के आसार हैं, विपक्ष के कई नेताओं ने आज स्थगन प्रस्ताव दिया है.