अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पैरा कमांडो लेफ्टिनेंट बन एक मेडिकल स्टोर चलाने वाली एक लड़की से शादी करना चाहता है, और उस ने उससे शादी का वादा करके 70000 रुपए भी ले लिए। जब लड़की को उसपर शक हुआ तो, इसकी सही जानकारी हासिल करने के लिए पीएस फर्श बाजार , दिल्ली की पुलिस को बुला ली, पुलिस पूछताछ में वह एक फर्जी पैरा कमांडो लेफ्टिनेंट निकला। और पुलिस ने उसे वही पर गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपित का नाम दीपांशु निवासी संजीव नगर, कानपुर, आयु 23 वर्ष हैं .पुलिस ने इस के कब्जे से एक आर्मी लेफ्टिनेंट की वर्दी और फर्जी आर्मी पहचान पत्र बरामद की है। आगे की जांच जारी है।
डीसीपी शाहदरा प्रशांत गौतम ने आज जानकारी देते हुए बताया कि दिनांक 1 सितंबर 2025 को, पीएस फर्श बाज़ार में डीडी नंबर 80-ए के माध्यम से एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई, जिसके द्वारा सुश्री दामिनी, निवासी भोला नाथ नगर, फर्श बाज़ार, उम्र 28 वर्ष ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में प्रतिरूपण कर के उससे शादी करने के बहाने धोखा दिया है।
टीम और जांच: पीसीआर कॉल प्राप्त होते ही, एसएचओ/फर्श बाज़ार इंस्पेक्टर अजय करण शर्मा के नेतृत्व में और संजय कुमार एसीपी/शाहदरा के पर्यवेक्षण में, पीएस फर्श बाज़ार की एक टीम, जिसमें एसआई विनय नंबर डी-3624, एएसआई शिव कुमार सोलंकी नंबर 3203/शाद और कांस्टेबल विक्रांत नंबर 2112/शाद शामिल थे, का गठन किया गया और तथ्यों का सत्यापन किया गया। यह पाया गया कि शिकायतकर्ता सुश्री दामिनी नोएडा में एक मेडिकल स्टोर चला रही हैं। वह कथित व्यक्ति दीपांशु से एक रिश्तेदार के माध्यम से एक शादी में मिलीं, जिसने अपना परिचय भारतीय सेना पैरा कमांडो बल में लेफ्टिनेंट के रूप में दिया। वे एक दूसरे से मिलने लगे और वह उनसे कई बार सेना की वर्दी में मिला। बाद में उसने किसी बहाने से उनसे पैसे मांगे और उन्होंने उसे कई बार नकद और ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से लगभग 70,000/- रुपये दिए। हालांकि, उसे उसकी सच्चाई पर संदेह हुआ और 1 सितंबर 2025 को, जब वह उससे मिलने आया, तो उसने तथ्यों की पुष्टि के लिए पीसीआर कॉल की। उसकी शिकायत पर, मामला एफआईआर नंबर 452/2025 दिनांक 02.09.2025 धारा 168/204/ 205/ 318/319/340 बीएनएस पीएस फर्श बाजार दर्ज किया गया है और आरोपित व्यक्ति दीपांशु, निवासी संजीव नगर, कानपुर, उम्र 23 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच और पूछताछ:
आरोपित के मोबाइल फोन की जांच करने पर, पैरा कमांडो की वर्दी में कई तस्वीरें, पहचान पत्र, एनडीए रैंक सूची, नियुक्ति पत्र, आदि पाए गए हैं। उसके पिता सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उसने एनडीए की परीक्षा दी थी, लेकिन उत्तीर्ण नहीं हो सका। उसे यह बात अपने परिवार को बताने में डर लग रहा था। उसने पोर्टल से एनडीए पासआउट उम्मीदवारों की सूची निकाली जिसमें दीपांशु नाम का एक व्यक्ति था। उसने अपने माता-पिता को दिखाया कि उसका चयन हो गया है और यह कहकर घर से निकल गया कि वह एनडीए खड़कवासला में प्रशिक्षण के लिए जा रहा है। वह कानपुर के आसपास छोटे-मोटे काम करता रहा। एक दिन, वह एक शादी समारोह में शिकायतकर्ता दामिनी से मिला और उससे भी वही झूठ कहा। आरोपित के माता-पिता को भी नहीं पता कि उनके बेटे ने उनसे झूठ बोला है।
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