अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा ने कृषि उत्पादन में देशभर में अपनी पहचान बनाने के साथ ही दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भी नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 1.3 प्रतिशत होने के बावजूद प्रति वर्ष 98.09 लाख टन दुग्ध उत्पादन के साथ हरियाणा का राष्ट्र के कुल दुग्ध उत्पादन में 5.6 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। इसी प्रकार, राज्य में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध की उपलब्धता 1005 ग्राम है जबकि राष्ट्रीय औसत 375 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है। पशु पालन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि देश के 2.5 प्रतिशत दुधारू पशुओं के साथ हरियाणा पशुधन के मामले में देश का एक महत्वपूर्ण राज्य है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा की ‘मुर्राह भैंस’ और ‘हरियाना गाय’ विश्व प्रसिद्घ है और हरियाणा लंबे समय से अन्य राज्यों और विदेशों के लिए उनकी कम दुधारू एवं साधारण भैंसों के उन्नयन के लिए मुर्राह जर्मप्लाज्म का प्रमुख स्रोत रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में पशुपालन गतिविधियाँ आय सृजन,सामाजिक-आर्थिक उत्थान, रोजगार सृजन आदि के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन गतिविधियों के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने पशुधन और पालतू पशुओं के मालिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गुणवत्तापूर्ण पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पशुधन की विशेष सेवाएं प्रदान करने के लिए सभी जिला पशु चिकित्सा अस्पतालों में विशेषज्ञ पशु चिकित्सा सर्जन नियुक्त किए गए हैं और सभी जिलों में पशु चिकित्सा नैदानिक केंद्रों में पशुओं के लिए नैदानिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
इसके अतिरिक्त, पालतू पशुओं के लिए विशेष उपचार सुविधा प्रदान करने हेतु पालतू पशु अस्पताल खोले गए हैं और इन पालतू पशु अस्पतालों में गंभीर रूप से बीमार पशुओं को भर्ती करने के लिए इनडोर देखभाल सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। पशु पालकों के आऊट स्टेशन दौरों के दौरान उनके पालतू पशुओं के लिए आवासीय सुविधा प्रदान करने हेतु शार्ट स्टे हॉस्टल की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, पशुपालन गतिविधियों में उद्यमिता के लिए बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास केंद्रों की स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लाला लाजपत विश्वविद्यालय, हिसार और वीएलडीडी एवं बीवीएससी कॉलेजों के सहयोग से विभाग द्वारा विभिन्न विस्तार गतिविधियों के माध्यम से शिक्षाप्रद कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं।