अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की दक्षिणी रेंज ने पिछले एक महीने से लगातार प्रयासों के बाद,नीरज बवाना-अमित भूरा गैंग के एक भगोड़े गैंगस्टर/पूर्व पहलवान मंजीत दलाल उर्फ मंगल उम्र 31 वर्ष निवासी बहादुर गढ़, हरियाणा को सिंघु बॉर्डर क्षेत्र से सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है। आरोपित को वर्ष 2016 के थाना मुंडका के आर्म्स एक्ट के एक मामले में पीओ घोषित किया गया था और उसके खिलाफ थाना बवाना और लाजपत नगर के हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के दो मामलों में एनबीडब्ल्यू जारी किए गए थे। वह पहले 10 मामलों में शामिल रहा है, जिसमें पुलिस टीमों पर फायरिंग, जबरन वसूली के लिए फायरिंग, डकैती ,हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट आदि शामिल हैं।
सूचना, टीम और ऑपरेशन
डीसीपी क्राइम आदित्य गौतम ने आज जानकारी देते हुए कहा कि इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की दक्षिणी रेंज की एक समर्पित टीम जिसमें इंस्पेक्टर विनय कुमार, एसआई अनुराग त्यागी, एएसआई अशोक दहिया, एएसआई नरेंद्र मलिक, एएसआई कुलदीप सिंह, एचसी सूर्या, एचसी राजीव सहरावत, एचसी अजय, एचसी विक्रम, कॉन्स्टेबल प्रतीक और महिला कॉन्स्टेबल रेणु शामिल हैं,को एसीपी नरेश सोलंकी की कड़ी निगरानी में दिल्ली/एनसीआर में गिरोह की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का काम सौंपा गया था। गैंगस्टरों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान पाया गया कि नीरज बवाना गैंग का शार्प शूटर आरोपित मंजीत दलाल उर्फ मंगल ने अदालतों में जाना बंद कर दिया है और अपना पैतृक घर भी छोड़ दिया है। यह भी पता चला कि उसे पीओ घोषित किया गया है और कई मामलों में विभिन्न अदालतों द्वारा उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किए गए हैं। एक महीने की तलाशी के बाद एचसी सूर्या को सिंघु बॉर्डर के पार दिल्ली और हरियाणा में उसकी गतिविधियों के बारे में गुप्त इनपुट मिले। इस पर क्राइम ब्रांच की टीम ने रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग और आसपास के आवासीय क्षेत्रों में जाल बिछाया और आरोपित मंजीत दलाल उर्फ मंगल को सिंघु बॉर्डर से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ और परिचय
उनका कहना है कि पूछताछ में पता चला कि आरोपित मंजीत दलाल उर्फ मंगल हरियाणा के झज्जर जिले से ताल्लुक रखता है। उसने बचपन में ही कुश्ती शुरू कर दी थी और राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कुश्ती प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते। वह 2007 में 86 किलोग्राम वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता भी था। 2010 में उसकी मां की कैंसर से मौत हो गई और उसके पिता घर छोड़कर चले गए। बाद में उसका भाई भी जिला रोहतक में अपने रिश्तेदारों के पास चला गया। इस दौरान कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना अक्सर उसके गांव आता-जाता था और प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर करतार की हत्या के लिए स्थानीय समर्थन की तलाश में था। नीरज बवाना ने मंजीत दलाल में एक मौका देखा और उसे अपने गिरोह में शामिल होने का लालच दिया। अपनी मां की मौत के बाद, मंजीत दलाल अपने कुश्ती करियर को जारी रखने में असमर्थ था और इस तरह नीरज बवाना गैंग में शामिल हो गया, माफिया जबरन वसूली, हत्या का प्रयास, शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन और कार चोरी सहित कई सनसनीखेज मामलों में शामिल हो गया। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दो बार इनाम भी घोषित किया था, क्योंकि उसे तमाम कोशिशों के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। वर्ष 2012 में, वह व्यापारियों पर जबरन वसूली के प्रयासों में शामिल था। इस संबंध में, तीन मामले दर्ज किए गए थे और उसकी आवाज के नमूने भी मेल खा गए थे। वर्तमान में, वह साहिल रिटौली के नियमित संपर्क में था। साहिल रिटौली और उसका भाई हिमांशु भाऊ दिल्ली और हरियाणा में कई जघन्य अपराधों के लिए वांछित हैं और वर्तमान में विदेश में फरार हैं। आरोपित मनजीत @मंगल की कुछ पिछली संलिप्तताएँ:
1.एफआईआर संख्या 38/2021 धारा 392/394/397/411/120-बी आईपीसी आर/डब्ल्यू 25/27 आर्म्स एक्ट पीएस बवाना – इस मामले में, उसने अपने साथियों के साथ, ऑनलाइन बुकिंग के बाद पेट्रोल पंप, बवाना के पास बंदूक की नोक पर एक स्विफ्ट डिजायर कैब लूट ली।
2.एफआईआर संख्या 20/2021 धारा 186/353/506 आईपीसी आर/डब्ल्यू 25 आर्म्स एक्ट पीएस नरेला औद्योगिक क्षेत्र – इस मामले में, उसने एसएचओ/एनआईए के नेतृत्व वाली पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की, जब उसे रोका गया। अवैध आग्नेयास्त्रों और लूटी गई कार के साथ गिरफ्तार किया गया।
3.एफआईआर संख्या 126/2018 धारा 186/353/307 के तहत 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत स्पेशल सेल थाना – इस मामले में उसने स्पेशल सेल की पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसने उसे लाडो सराय इलाके में पकड़ने की कोशिश की थी। उस समय उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसे अवैध आग्नेयास्त्रों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
4.एफआईआर संख्या 94/2018 धारा 323/307/34 आईपीसी थाना लाजपत नगर – इस मामले में उसने अपने साथियों, गैंगस्टर सुबेग उर्फ शिब्बू और नवीन बाली तथा अन्य के साथ मिलकर लाजपत नगर इलाके में पिशोरी रेस्टोरेंट पर फिरौती के लिए फायरिंग की थी। इस घटना में दो लोग गोली लगने से घायल हो गए थे। उसके खिलाफ मामले में ट्रायल कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू जारी किया था।
5.एफआईआर संख्या 197/2016 धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत थाना मुंडका – इस मामले में, उसे अपने दो साथी बदमाशों के साथ, एएटीएस और पश्चिमी जिले के एंटी स्नैचिंग सेल द्वारा संयुक्त अभियान में अवैध आग्नेयास्त्र, लूटी गई कार और चोरी की बुलेट मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे ट्रायल कोर्ट द्वारा पीओ घोषित किया गया था।
6.एफआईआर संख्या 77/2012 धारा 385/506/507/34 थाना बवाना – इस मामले में, उसने अपने साथी बदमाशों नवीन बाली और अन्य के साथ मिलकर बवाना इलाके के एक व्यापारी से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
7.एफआईआर संख्या 78/2012 धारा 25 आर्म्स एक्ट के तहत थाना बवाना – इस मामले में, उसे अपने साथी गैंगस्टर राहुल काला के साथ, बवाना पुलिस ने अवैध आग्नेयास्त्र और ऑल्टो कार के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में जमानत अर्जी देने पर ट्रायल कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया था।
8.एफआईआर संख्या 53/2012 धारा 385/506/507/34 थाना बवाना – इस मामले में उसने एक व्यापारी से फिरौती मांगी थी और धमकी दी थी कि फिरौती न देने पर उसके बेटे का अपहरण कर हत्या कर दी जाएगी। इस मामले में उसे और उसके साथी बदमाशों को गिरफ्तार किया गया था। 2017 में मंजीत दलाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अमित भूरा के कहने पर यूपी के एक डॉक्टर से भी 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी और बाद में उसे गैंग लीडर और सह-गैंगस्टरों के साथ गिरफ्तार किया गया था।उसकी गिरफ्तारी की सूचना संबंधित अधिकारियों को दे दी गई है। गैंगस्टरों के खिलाफ क्राइम ब्रांच की कार्रवाई जारी है।
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