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फरीदाबाद

माल के चक्कर में रजिस्ट्री पर हस्ताक्षर करना भी भूल जाते हैं भ्रष्ट तहसीलदार: पाराशर

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : शहर के कई विभागों के अधिकारी फरीदाबाद को बेंच कर अपनी जेबें भर रहे हैं। इन अधिकारियों के कारण फरीदाबाद खोखला होता जा रहा है। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार तहसील और नगर निगम में हैं। इन विभागों के कारण फरीदाबाद पिछड़ता जा रहा है क्यू कि ये भ्रष्टाचारी सीधा सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर का जिन्होंने तहसील में चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में एक और खुलासा किया है। पाराशर ने कहा कि अभी तक मैंने एक-एक स्टाम्प नंबर पर दो-दो रजिस्ट्री और 50 रूपये के स्टाम्प को खरीदकर 3 लाख 50 हजार का बनाने का खुलासा किया था लेकिन अब एक चौंकाने वाला खुलासा ये है कि बिना तहसीलदार के हस्ताक्षर के भी रजिस्ट्री हुई है।



पाराशर ने कहा कि 22 सितम्बर 2015 को एक रजिस्ट्री सच्चिदानंद निवासी फरीदाबाद ने करवाई थी जिसका स्टाम्प नंबर GSR/00211877644 था जिस पर तहसीलदार के हस्ताक्षर नहीं हैं जबकि रजिस्ट्री हो चुकी है। पाराशर ने बताया कि स्टाम्प नंबर GSR/00211877644 का 21 फरवरी 2017 का प्रयोग रानी ने किया था और रजिस्ट्री करवानी चाही लेकिन 5 सितम्बर 2017 को इस लिए कैंसिल कर दिया क्यू कि उस नंबर के स्टाम्प से लगभग दो साल पहले रजिस्ट्री हो चुकी थी ,पाराशर ने कहा कि 2015 में जो रजिस्ट्री हुई थे उस पर तहसीलदार के हस्ताक्षर नहीं हैं और ये एक बड़ा घोटाला है। न जाने तहसीलों में कैसे-कैसे घोटाले जारी हैं। पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद के तहसीलदार सरकार को करोड़ों रूपये का चूना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से ये खेल जारी है। पाराशर ने कहा कि हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के खात्मे का दावा करती है लेकिन कुछ अधिकारियों के कारनामों को देख लगता है कि भ्रष्टाचार और बढ़ गया है। पाराशर ने कहा कि हाल में मैंने जिन तहसीलदारों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी उन्हें सरकार अविलम्ब सस्पेंड कर उन पर कार्यवाही करे तभी भ्रष्टाचार में कमी आएगी।

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