अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़ :संविधान शिल्पी बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेशवासियों को विकास परिषद की सलाह दी। उन्होंने दीनबंधुराम थर्मल पावर प्लांट , यमुनानगर में लगभग 8469 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 800 यूनिट की तीसरी यूनिट का निर्माण किया। इसके अलावा, यमुनानगर में 90 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित होने वाले गोबर-धन प्लांट की स्थापना की गई और लगभग 1069 करोड़ रुपये से निर्मित प्लास्टिक बाईपास का भी उद्घाटन किया गया। समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर सिंह पालीवाल , केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल , सेंट्रल स्कोप्स एंड प्रोग्राम गेन्जियल राव इंद्रजीत सिंह , सेंट्रल क्वेंजिवेशन मंत्री कृष्ण पाल , हरियाणा के मुख्यमंत्री अनिल विज , कृष्ण लाल वैलेंस और श्याम सिंह राणा भी मौजूद रहे।

ऊर्जा मंत्रालय , भारत सरकार द्वारा हरियाणा पावर जनरेशन कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीजीसीएल) द्वारा दीनबंधन कोटाराम थर्मल पावर प्लांट , यमुनानगर में 800 यूनिट की तीसरी इकाई स्थापित करने की जानकारी दी गई। इस परियोजना में दीनबंधु कोटाराम थर्मल पावर परियोजना में 2×300 मेगावॉट इकाई वाले स्थिर संयंत्र का विस्तार है। इस तीसरी इकाई के निर्माण के लिए 233 ओक भूमि का उपयोग किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 52 महीने की समय सीमा तय की गई है , जबकि कमर्शियल ऑपरेशन 48 महीने यानी मार्च , 2029 तक शुरू हो जाएगा। इस इकाई से हरियाणा की घरेलू ऊर्जा उत्पादन क्षमता 3,382 मेगावाट तक बढ़ेगी। भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत एसोसिएटेड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा लगभग 1069 करोड़ रुपये का विकास किया गया है। यह चार लेन का प्लास्टिक प्लास्टिक शहर के चारों ओर बनाया गया है , ताकि शहर की भीड़ कम हो सके। यह पोटाश कुल 14.4 किलोमीटर वोल्ट है। यह एन.एच.- 352 जंक्शन से शुरू होकर नारनौल की दिशा में एन.एच.- 11 से जुड़ता है। यह प्रॉजेक्ट शहर में सीमेंट जैम की समस्या को हल करने और नारनौल से बेहतर विकल्प प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यात्री और मालकिन दोनों के लिए यात्रा और भी प्रतिज्ञा और दासता होगी। पोर्टफोलियो , रिंग रोड और अन्य असंगठन विकास के माध्यम से प्रस्तावित और प्रस्तावित दोनों छात्रावासों के समुदाय , जिससे माल परिवहन और समुदाय की सुगमता समुदाय। वहीं , नारनौल से दिल्ली तक की यात्रा भी सुविधाजनक होगी। नगर निगम यमुनानगर जगाधरी द्वारा बी.पी.सी.एल. के सहयोग से यमुनानगर के मुज़फ़्फ़रपुर में 90 करोड़ रुपए की लागत से गोबर-धन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इस कारखाने की कैम्ब्रिज बायोगैस उत्पादन की वार्षिक क्षमता 2,600 मोबाइल टन होगी। प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। सी.बी.आई.जी. प्लांट में कृषि संयंत्र , वन्यजीवों के गोबर और नगरपालिका के ठोस उत्पाद जैसे अपशिष्ट/बायोमास उद्यमों का उपयोग बायो-गैस बनाने के लिए किया जाएगा। इस प्लांट में 45,000 कंक्रीट टन ठोस अपशिष्ट का वैज्ञानिक रूप से शामिल किया गया है। साथ ही 36,000 टन टन गाय के गोबर का उपयोग किया जाएगा। सी.बी.आई.जी. बायोगैस का शुद्ध रूप है और सीएनजी का विकल्प है। इस प्लांट में बनी 2,600 मिलियन टन सी.बी.आई. ऐसे ही सी नेटवर्क की बचत होगी। इस प्लांट में लगभग 10,000 मिलियन टन बायो-खाद का उत्पादन होगा। इस प्लांट से कार्बन डाइऑक्साइड उत्पाद में 7,700 टन मक्के की कमी आएगी। इससे निकले हुए पदार्थों में अल्कोहल और मिथेन गैस के सामानों की कमी हो जाएगी।
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