अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
एसएसबी हार्ट एंड मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल,फरीदाबाद में पहली बार एक अत्यंत जटिल और उच्च जोखिम वाली प्रक्रिया सफलतापूर्वक की गई। यह जीवन रक्षक प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय मरीज पर की गई, जिसकी दोनों किडनी की धमनी (Renal Arteries) एक बड़ी सूजी हुई महाधमनी (Aorta) से निकल रही थी — यह सूजन पैरों की तरफ जाने वाली धमनी तक फैली हुई थी और किसी भी समय फटने का खतरा था, जिससे मरीज की जान को तत्काल खतरा था। डॉ. एस.एस.बंसल (सीएमडी एवं वरिष्ठ इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट) के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने यह दुर्लभ एवं जटिल Fenestrated Aortic Aneurysm Repair तकनीक अपनाई। इस प्रक्रिया में 5 कवर स्टेंट और एक वैस्कुलर प्लग का उपयोग किया गया। प्रक्रिया जनरल एनेस्थीसिया के अंतर्गत की गई तथा चारों एक्सेस साइट्स (दोनों जांघों एवं दोनों भुजाओं की धमनी) के माध्यम से सूजी हुई महाधमनी तक पहुँचा गया। दोनों किडनियों की धमनी में भुजाओं की ओर से विशेष स्टेंट लगाए गए ताकि किडनियों की रक्त आपूर्ति बनी रहे।
इस जटिल प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने वाली टीम में शामिल थे —
• डॉ. पंकज इन्गोला (एनेस्थीसिया विशेषज्ञ)
• ब्रिगेडियर (डॉ.) सुदीप सिंह सिद्धू (वैस्कुलर सर्जन)
• डॉ. सुबांघी
• डॉ. एस. एस. बंसल, डॉ. अंसुल और डॉ. सिद्धांत बंसल (कार्डियोलॉजिस्ट)
मरीज को एक दिन तक वेंटिलेटर पर रखा गया, जिसके बाद उसकी स्थिति तेजी से सुधरी। अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है और अपने देश वापस जाने के लिए तैयार है।यह फेनेस्ट्रेशन तकनीक से किया गया पहला ऐसा जटिल केस है जिसमें दोनों किडनियों की सुरक्षा करते हुए बड़ी महाधमनी की सूजन का इलाज किया गया। दुनिया के बहुत कम अस्पताल इस स्तर की जटिल प्रक्रिया कर पाते हैं, और यही कारण है कि यह अंतरराष्ट्रीय मरीज विशेष रूप से एसएसबी हॉस्पिटल फरीदाबाद आया — क्योंकि यह आधुनिक तकनीक यहाँ उपलब्ध है।
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