अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा व मानव रचना मिलकर सरकारी स्कूलों के रिजल्ट में सुधार के लिए जल्द ही प्रोजेक्ट उत्थान का आगाज करने वाला है। लगातार गिरते सरकारी स्कूलों के रिजल्ट में सुधार के लिए मानव रचना फरीदाबाद के हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों के लिए प्रोजेक्ट उत्थान के तहत कार्य योजना तैयार कर रहा है। इस योजना के तहत मानव रचना सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए हर कार्य योजना के तहत हर संभव प्रयास करेगा।
गुरुवार को मानव रचना परिसर में कार्य योजना पर एक्सपर्ट की राय लेने के लिए एडवाइजरी बॉडी की पहली बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में मानव रचना ने अब तक के अनुभवों व जॉच-परिणाणों के आधार पर बनाई गई कार्य योजना को प्रस्तुत किया और बैठक में मौजूद अलग-अलग यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलरों व शिक्षाविदों से कार्ययोजना पर उनके विचार लिए। सभी ने कार्य योजना में सुधार के लिए अपने-अपने विचार रखे और इन विचारों के आधार पर इस कार्य योजना में सुधार का स्कूल शिक्षा निदेशालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, ताकि उनकी अनुमति के बाद कार्य योजना पर काम शुरू किया जा सके।
बैठक में मानव रचना इंटरनैशनल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. एन.सी.वाधवा, एचएयू व कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर आईएएस (रिटायर्ड) डॉ. के.के.मिग्लानी, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के एमडी व मानव रचना यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. संजय श्रीवास्तव, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के ट्रस्टी डॉ. एमएम कथूरिया, वाईएमसीए फरीदाबाद के वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) दिनेश कुमार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) अनिल कुमार, हरियाणा विश्वक्रमा स्किल यूनिवर्सिटी पलवल के वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) राज नेहरू, फरीदाबाद इंडस्ट्रीज असोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट श्री नवदीप चावला, साइधाम के चेयरमैन श्री मोतीलाल गुप्ता, गर्वनमेंट कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) वी.के.शर्मा, एचपीएससी के डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट सुरेश चंद्र, एमआरआईएस डायरेक्टर श्रीमति संयोगिता शर्मा व डॉ. ओपी भल्ला फाउंडेशन व फरीदाबाद नवचेतना ट्रस्ट के एडवाइजर श्री डी.सी.चौधरी मौजूद रहे।
एडवाइडरी कमिटी ने सामने रखे यह सुझाव
– सभी विषयों को बराबरी का दर्जा दिया जाना चाहिए
– टीचर्स को मोटिवेट रखना बहुत जरूरी है
– सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए संसाधनों की कमी को दूर करना बहुत जरूरी है
-सरकारी स्कूलों के बच्चों को अलग-अलग विषयों पर पढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को जोड़ना चाहिए और इसके लिए उन्होंने सर्टिफिकेट भी प्रदान किए जाने चाहिए ताकि वह पूरी गंभीरता के साथ इस जिम्मेदारी को निभाएं
– मोबाइल लैब की शुरुआत सरकारी स्कूलों में की जानी चाहिए
– सरकारी स्कूलों के बच्चों में छिपी प्रतिभाओं को निखारने में प्राइवेट स्कूलों को भी जुड़ना चाहिए