
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद :फरीदाबाद के खाते में आया कॉमनवेल्थ गेम का दूसरा गोल्ड मेडल। जी हां फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कॉलोनी के रहने वाले संजीव राजपूत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम में रायफल शूटिंग प्रतियोगिता के दौरान गोल्ड मेडल जीतकर फरीदाबाद हरियाणा का ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है। संजीव राजपूत ने 50 मीटर रायफल शूटिंग में गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया है। फरीदाबाद पहुंचने पर संजीव की इस उपलब्धि से फरीदाबाद में खुशी का माहौल देखा जा रहा है तो वहीं घर पहुंचे संजीव राजपूत को परिजनों ने मिठाई खिलाकर बधाई दी है।इससे पहले संजीव कॉमनवेल्थ गेम में ब्रॉज और सिल्वर मेडल भी हासिल कर चुका है। इस दौरान ग्रीन फील्ड कालोनी के बिल्डर एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता, उमा शंकर गर्ग,पूर्व प्रधान केशव अग्रवाल, धर्म चंद गर्ग, रजत गुप्ता, रवि गुप्ता, राजवीर नेता जी, योगेश जिंदल,विनोद गोत्रा, जे.पी गुप्ता, योगेश गर्ग, पंकज गर्ग, अनिल गोयल, तरुण सिंगला, बिट्टू सिंगला व विवेक सिंगला ने भी मिठाई खिला कर गोल्ड मेडलिस्ट सजीव राजपूत को बुके भेंट कर बधाई दी और उनका मुंह मीठा कराया।
आस्ट्रेलिया के ब्रिजबेन शहर में आयोजित हुई कॉमनवेल्थ गेम में फरीदाबाद की ग्रीन फील्ड कालोनी के रहने वाले संजीव राजपूत ने 50 मीटर रायफल शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जहां वह 27 मार्च को पहुंचे और प्रतियोगिता में अपनी हिस्सेदारी मजबूत की। संजीव राजपूत ने बताया कि उन्होंने इस बार रायफल शूटिंग प्रतियोगिता में 120 गोलियां चलाई जोकि अगल अलग पोजिशन में चलानी होती हैं, जिस पर उन्होंने 1200 टोटल नम्बरों से 1180 नम्बर प्राप्त हुए है जिसके लिए उन्हें गोल्ड मेडल से नवाजा गया। इससे पहले भी वह 2006 में ब्रॉज मेडल और 2014 में सिल्वर मेडल कॉमनवेल्थ गेम से प्राप्त कर चुके हैं, फिलहाल वह साउथ कोरिया जाने की तैयारी कर रहे हैं जहां एक विश्व स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित होनी हैं उसके बाद ओलम्पिक गेम के लिए तैयारी करेंगे। गोल्ड मेडल जीतने की खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए गोल्ड जीतने से बडा कोई गौरव नहीं हो सकता है वह आज महसूस कर रहे हैं। वहीं उन्होंने हरियाणा सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार खिलाडियों की मदद कर रही है।वहीं, इस मौके पर संजीव के माता उषा व पिता किशन राजपूत की माने उन्हें आज बहुत खुशी है कि उनके बेटे ने उनका ही नहीं पूरे देश का नाम रोशन किया है वह आज अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने बेटे का साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे।



