
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: शहर के सरकारी स्कूलों के बारे में हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। किसी स्कूल को तबेला बना दिया गया तो किसी को खंडहर ऐसे में शहर के बच्चे सरकारी स्कूलों के नाम तक नहीं लेना चाहते। मजबूरी में कुछ छात्र इन स्कूलों में पहुँचते हैं। फरीदाबाद में शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसका खुलासा बार एसोशिएशन के प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर ने किया है। वकील पाराशर ने बताया कि उन्होंने जानकारी मिली कि सेक्टर-91 सूर्या नगर फेज वन में शिक्षा विभाग ने 5 साल पहले प्राइमरी स्कूल की इमारत बनाई थी, लेकिन इस स्कूल में आज तक एक भी ऐडमिशन नहीं किया गया। मैंने इस स्थान का दौरा किया तो वहां देखा कि स्कूल में एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ रह रहा है, जो अपने आप को चौकीदार बताता है।
पाराशर ने कहा कि मैंने आस पास के लोगों ने पूंछा तो उन्होंने बताया कि इस स्कूल में बैठकर कोई जुआ खेलता है तो कोई शराब पीता है जिस कारण आस पास के लोग परेशान हैं। पाराशर ने कहा कि इस स्कूल को लेकर शहर के समाजसेवियों ने पहले भी आवाज उठाई थी लेकिन न तो शिक्षा विभाग जागा न हरियाणा सरकार ने कोई ऐक्शन लिया। पराशर ने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह की लापरवाही धौज गांव में की गई थी जिस सरकारी स्कूल को तबेला बनवा दिया गया था लेकिन आवाज उठाने के बाद स्कूल में फिर बच्चे पढ़ने लगे।
उन्होंने बताया कि एक और बड़ी लापरवाही सेहतपुर के सरकारी स्कूल में दिखी जहां के छात्र जान जोखिम में डालकर स्कूलों में पढ़ रहे थे और जब मैंने मीडिया के माध्यम से इन स्कूलों की बात सरकार तक पहुंचाई तो वहां 30 लाख की ग्रांट मंजूर की गई। वकील पाराशर ने कहा कि हरियाणा सरकार और हरियाणा का शिक्षा विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है तभी फरीदाबाद ही नहीं हरियाणा के हजारों सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है। एडवोकेट पाराशर ने कहा कि सेक्टर-91 सूर्या नगर फेज वन में भी बड़ी लापरवाही हुई है जिसकी शिकयत मैंने हरियाणा के सीएम से करने जा रहा हूँ और दो हफ्ते में कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मैं सम्बंधित अधिकारियों को कोर्ट में घसीटूंगा।