अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन के दिशा-निर्देश पर एसीपी ट्रैफिक विनोद कुमार के मार्गदर्शन में ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्पेशल अभियान के अन्तर्गत फुटपाथ एवं साइकिल ट्रैक पर ड्राइविंग, स्कूल बस व अन्य यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1962 वाहन चालकों के चालान किए है। डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन ने जानकारी देते हुए बताया कि यातायात पुलिस ने स्पेशल चेकिंग अभियान के तहत स्कूल की बसों में छात्रों को ले जा रहे वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर उनके चालान काटे जा रहे हैं। इस अभियान के तहत फरीदाबाद पुलिस ने एक दिन में 119 बस चालको के चालान काटे हैं तथा 94 फुटपाथ ड्राइविंग के चालान काटे गए है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 1962 वाहन चालकों के चालान भी काटे गए हैं और उनको सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक भी किया गया है।
अभियान के तहत ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्कूल के विद्यार्थियों एवं शहर वासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें यातायात नियमों व सड़क सुरक्षा के बारे में लगातार जागरूक किया जा रहा है परंतु कुछ वाहन चालक नियमों की अनदेखी करते हुए यातायात नियमों का पालन नहीं करते इसलिए उनके खिलाफ एक विशेष अभियान चलाकर चालान किए गए हैं।
पुलिस ने चालकों को सड़क सुरक्षा का महत्व बताते हुए यातायात नियमों का अनुसरण करने के लिए जागरूक किया।
शिक्षण संस्थानों व स्कूल बस चालकों के लिए सुरक्षा नियम:-
1. स्कूल बस पीले रंग के पेट की हुई हो जिसपर खिड़की से 178 मिली मीटर नीचे 254 मिली मीटर की गहरे नीले रंग की पट्टी हो।
2. बस के आगे सफेद, पीछे लाल तथा साइड में पीली रिफ्लेक्टिव टेप लगी हो जिसकी चौड़ाई कम से कम 50 मिली मीटर हो।
3. बस की स्पीड शहर के किसी भी एरिया में 50 किलोमीटर/घंटा से अधिक ना हो
4. स्कूल के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो और यदि बस बाहर से हायर की गई हो तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” साफ-साफ लिखा हो।
5. स्कूल बस प्रॉपर मेंटेन हो और उस पर प्रशिक्षित ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हो।
6. बस चलाने का परमिट या परमिशन ली हुई हो।
7. बस के ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभव हो।
8. बस ड्राइवर का 3 बार से अधिक चालान न कटा हो और उसके 5 साल के अनुभव के दौरान वह भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 336, 337, 338, 304 ए का अपराधी ना रहा हो।
9. यदि बस में लड़कियां सफर कर रही हो तो उसके लिए महिला कंडक्टर होनी चाहिए।
10. स्कूल या शैक्षणिक संस्थान के पास स्कूल की बाउंड्री के अंदर।
पार्किंग स्थान अवश्य होना चाहिए ताकि बच्चों को स्कूल के अंदर उतारा जा सके ताकि वह सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बच सकें
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