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फरीदाबाद

फरीदाबाद: रहबरे आजम दीनबंधु सर छोटू राम की जयंती गांव खेड़ी कलां में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद:गांव खेड़ी कलां में आज रहबरे आजम दीनबंधु सर छोटू राम की जयंती चौधरी छोटू राम भवन बस स्टैंड खेड़ी कलां में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जिसमें सर्वप्रथम जयंती समारोह में आए हुए गणमान्यो द्वारा उनकी प्रतिमा का माल्यार्पण किया गया। इसमें मुख्य रूप से किसान संघर्ष समिति नहरपार फरीदाबाद के महासचिव सत्यपाल नरवत, राम विद्या मंदिर स्कूल के चेयरमैन मास्टर भवानी प्रसाद, जाजपा के तिगांव हल्का अध्यक्ष अमर नरवत, जजपा नेता पवन नर्वत, डी. ए.म. कान्वेंट स्कूल के चेयरमैन चंद्रवीर शर्मा, रिटायर्ड कर्मचारी संघ फरीदाबाद के जिला प्रधान नवल सिंह नरवत, कमल सिंह, रणवीर सिंह, भजनलाल, चंद्र सिंह, पिंट,  जगदीश, श्रीचंद, महेंद्र सरपंच, जगदीश, ओमशांति, रामकिशन, मोहनलाल, किशन सिंह, पंडित प्रताप, राजेंद्र सोलंकी, सुभाष सोलंकी, कालू नरवत, दुलीचंद, जगदीश, थानेदार संजय, बच्चू फौजी, नरवीर, लाल सिंह, दुल्ली, मनोज, श्यामवीर सोलंकी, किशन सिंह पूर्व ब्लाक सदस्य, रामशरण आदि सम्मिलित हुए।

इस मौके पर अनूप चौधरी द्वारा लड्डू बांटे गए।जयंती समारोह के मौके पर किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी छोटूराम के जीवन परिचय पर मास्टर भवानी प्रसाद व किसान नेता सत्यपाल नर्वत समाजसेवी कमल नर्वत जज्पा नेता अमर नरवत तथा कर्मचारी नेता नवल सिंह ने प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि दीनबंधु छोटू राम का जन्म 24 नवंबर 1881 को रोहतक के गांव गढ़ी सांपला में एक किसान परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम चौधरी सुखीराम तथा माता का नाम सीरिया देवी था। इनके दो भाई नेकीराम व रामस्वरूप थे चौधरी छोटूराम का असली नाम बृजलाल था परिवार में छोटा होने के कारण सभी छोटू कहकर बुलाते थे। स्कूल में दाखिला के समय इनका नाम छोटूराम लिखवा दिया गया। चौधरी छोटूराम की दो बेटियां हैं कोई बेटा नहीं था

इन्होंने पांचवी तक शिक्षा गांव में ही ग्रहण की। पांचवी में पूरे जिले में प्रथम आए, मिडिल क्लास झज्जर से की उसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से पढ़ाई की। ग्रेजुएशन लाहौर से की तथा वकालत की पढ़ाई आगरा से की। घर की आर्थिक हालात इतने अच्छे नहीं थे जिससे इनके पिताजी पढ़ाई का खर्चा उठाते इनकी पढ़ाई में सेठ छाजूराम का विशेष योगदान रहा। चौधरी छोटूराम पंजाब सरकार में करीब 10 वर्षों तक मंत्री रहे। 1924 से 1926 तक तथा 1937 से 1944 तक सरकार में रहते हुए उन्होंने किसान हित में मजदूर हित में गरीबों के हित में कई कानून बनवाए और जनहित में कई अच्छे कार्य किए जिसके कारण अंग्रेजों द्वारा इनको सर की उपाधि दी गई और दीनबंधु रहबर आजम किसान मसीहा की उपाधि जनता द्वारा दी गई।

चौधरी छोटूराम ने मंडियों की व्यवस्था करना, फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना, किसानों को कर्ज मुक्त कराना और गिरवी रखी जमीन को किसानों को वापस कराना, जमीन को कुर्की होने से बचाना, मजदूरों के काम के घंटे तथा राष्ट्रीय पक्षी मोर को न मारना तथा बाल विवाह पर रोक आदि अनेकों जनहित के कानून बनवाए। दीनबंधु छोटू राम किसानों से कहा करते कि एक तो बोलना सीख ले और दूसरा अपने दुश्मन की पहचान कर ले चौधरी छोटूराम अपने द्वारा किए गए अच्छे जनहित के कार्यों से अपना नाम अमर कर गए।

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