अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: चिकित्सा क्षेत्र में एसएसबी अस्पताल ने सीने में दर्द की शिकायत को लेकर दाखिल हुए 53 वर्षीय मरीज की जटिल एंजियोप्लास्टी कर उसे नया जीवन दिया है। इस अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग डा. एस.एस. बंसल द्वारा यह जटिल एंजियोप्लास्टी की गई, अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉ. एस.एस. बंसल ने बताया कि मरीज क्रिटिकल लेफ्ट मेन ट्राइफर्सेशन रोग से पीड़ित था और मामूली चूक उसके लिए जानलेवा हो सकती थी। 53 वर्षीय व्यक्ति को सीने में दर्द की शिकायत के चलते रात के समय आपातकालीन कक्ष में लाया गया,
जहां अस्थिर एनजाइना के मामले के रूप में निदान किया गया था। मरीज की हृदय की एंजियोग्राफी में बाएं मुख्य से उत्पन्न होने वाली सभी 3 प्रमुख धमनियों में 90 प्रतिशत ब्लॉक के ओस्टियम रोग के साथ क्रिटिकल लेफ्ट मेन डिस्टल 95 प्रतिशत रोग दिखाया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों को हमेशा आपातकालीन बाईपास सर्जरी के लिए भेजा जाता है, जिसमें मौत का खतरा बहुत अधिक होता है। ऐसे मामलों की एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग करना बहुत चुनौतीपूर्ण होता है और इसके लिए बहुत कौशल की आवश्यकता होती है। इस मरीज को तत्काल बाईपास सर्जरी की सलाह दी गई थी। उन्होंने बाईपास सर्जरी के लिए मना कर दिया क्योंकि वह सर्जरी से बहुत ज्यादा डरते थे।
डॉ. एस एस बंसल ने इसके बिना अचानक मौत के तत्काल जोखिम को देखते हुए जटिल एंजियोप्लास्टी करने का फैसला किया। ट्राइफुरेशन के जंक्शन पर बाईं मुख्य और तीनों शामिल धमनियों को डबल टीएपी तकनीक का उपयोग करके उनमें से किसी से भी समझौता किए बिना बहुत सावधानी से खोला गया था। प्रक्रिया के बाद रोगी तुरंत स्थिर और दर्द रहित हो गया।
यह डबल टीएपी की एक नई तकनीक के साथ की गई एक जीवन रक्षक प्रक्रिया थी, जिससे बाएं मुख्य ट्राइफर्सेशन पर किसी भी धमनी के अवरोध को रोका जा सके जो हृदय धमनियों में सबसे खतरनाक प्रकार का ब्लॉक है जब जंक्शन पर सभी धमनियों में महत्वपूर्ण ब्लॉक होते हैं।
इस सफल जटिल एंजियोप्लास्टी पर डा. एसएस बंसल ने कहा कि यह चिकित्सा क्षेत्र में नया कीर्तिमान है। उन्होंने कहा कि एसएसबी अस्पताल का उद्देश्य एक ही छत के नीचे लोगों को आधुनिक और गुणवत्तायुक्त इलाज मुहैया करवाना है और इसी लक्ष्य को लेकर वह और उनके डॉक्टरों की टीम कार्यरत है।
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