अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: एनआईटी नगर निगम की तोड़फोड़ की जबरदस्त कार्रवाई की वजह से हजारों लोग एक साथ कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए। जी हैं आज एनआईटी नगर निगम प्रशासन एक पोकलेन और 7 अर्थमूभर मशीनों की मदद से नगर निगम की साढ़े तीन एकड़ जमीनों पर अवैध रूप से बने लगभग 300 से अधिक कच्चे-पक्के मकानों को ध्वस्त कर दिया। इस तोड़फोड़ के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने निगम दस्ते के ऊपर पथराव की, पर एनआईटी डीसीपी नरेंद्र कादियान के नेतृत्व में मौजूद भारी पुलिस ने उन पर तुरंत काबू कर लिया। और तोड़फोड़ की कार्रवाई चलती रही।
निगम संयुक्त आयुक्त गौरव अंतिल के नेतृत्व में नगर निगम का तोड़फोड़ दस्ता आज सुबह गुरुग्राम -फरीदाबाद रोड स्थित बड़खल क्षेत्र की अरावली के जंगलों में बसे पिटला कॉलोनी में पहुंच गई,और इन तोड़फोड़ दस्ते के साथ में एनआईटी डीसीपी नरेंद्र कादियान की मौजूदगी में 450 से अधिक पुलिस कर्मी मौजूद थे। जो पूरे इलाके को फ़ैल गए और तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की गई। संयुक्त आयुक्त गौरव अंतिल ने बातचीत करते हुए कहा कि आज जो तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही हैं ,उसका एरिया लगभग साढ़े तीन एकड़ में हैं, और इसकी लम्बाई लगभग ढेड़ किलो मीटर हैं,
में लगभग 250 से 300 के बीच कच्ची -पक्की मकानें बनी हुई थी जिस पर उनकी टीम ने आज एक पोकलेन और 7 अर्थमूवर मशीनों की सहायता से तोड़ दी हैं। ये तोड़फोड़ की कार्रवाई बीते दो दिनों से चल रही हैं। आज कुल 50 -60 मकानें तोड़ी गई हैं सवाल के जवाब में उनका कहना हैं कि ये तोड़फोड़ की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई हैं, क्यूंकि कोर्ट में पीएलपी का केस विचाराधीन हैं।वहीँ,साकिर का कहना हैं कि उसका जन्म यही हुआ, अब उसकी उम्र लगभग 35 साल हैं, तभी से वह लोग अपने परिवार के साथ यहां रह रहे हैं। यहां पर सीवर लाइन डली हुई ,बिजली के मीटर भी लगे हुए हैं, सभी के पास राशन कार्ड व आधार कार्ड बने हुए हैं। अब अचानक से नगर निगम के लोग आ कर उसकी मकान को तोड़ दिया हैं , उसे घर का सामान हटाने का भी समय नहीं दिया।
अब हम लोग कहा रहेंगें इस कड़ाके की ठंड में। वही, निवासी आसीब का कहना हैं कि उसका मकान बड़खल क्षेत्र के खेत में हैं, उनके पास पूरे कागजात हैं,वावजूद इसके उसकी मकान को नगर निगम ने तोड़ दिया। अब वह लोग कहा जाएंगें, यहां पर वह लोग लगभग 50 साल से रह रहे थे, उसे सामान निकालने की मोहलत नहीं दी गई , ना ही इससे पहले उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया।
स्थानीय निवासी अजमल ने बताया कि पैमाइश के नाम पर नगर निगम का पटवारी यहां के लोगों से अब तक लाखों रूपए वसूल चुके हैं, जब वह लोग नगर निगम की जमीन पर थे तो पटवारी यहां के लोगों से लाखों रूपए रिश्वत के क्यों ले गए। उनके खिलाफ कौन कार्रवाई करेगा। अब तो मेरा पैसा भी गया और मकान भी। अब कहां रहेंगे परिवार के साथ, इस कड़ाके की ठंड में।
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