अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद : डीसीपी हेडक्वाटर विक्रम कपूर ने आज सेक्टर -21 सी स्थित पुलिस कमिश्नर कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी आर्थिक अपराध शाखा ने पांच ठगों को दिल्ली के महीपाल पुर स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया हैं जिसका नाम एसआरएस ग्रुप के चैयरमेन अनिल जिंदल, नानक चंद तायल,बिशन बंसल, देवेंद्र अधाना, विनोद गर्ग उर्फ़ मामा हैं। खबर हैं कि पुलिस ने इन ठगों को आज अदालत में पेश किया जहा से अदालत ने एक दिन के लिए जुडिशियल भेज दिया हैं। इन केसों की कार्रवाई को ईडी और इनकम टैक्स आगे चढ़ाएगा सिरे, इसमें कई बड़े -बड़े अधिकारी भी आ सकते हैं लपेटें मैं।
डीसीपी हेड क्वाटर विक्रम कपूर ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि इस मामलें में सेक्टर -31 थाने में 21 मुकदमें दर्ज किए थे उस प्रकरण में उनकी जांच की जा रहीं थी और इस दौरान काफी तथ्य जुटाई गई,इसके बाद इन सभी लोगों की तलाश पुलिस कर रहीं थी। उनका कहना हैं कि कल रात पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली की महिपालपुर के आमरा होटल में यह सभी लोग छिपे हुए हैं। इस बाबत उन्होनें कई टीमें गठित की और उन सभी टीमों को आमरा होटल में भेज दिया जहां से इन सभी को गिरफ्तार किया गया हैं। सवाल के जवाव में उनका कहना हैं कि यह लोग आमजनों को ब्याज और प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के लालच दिया करते थे और फिर उन पैसों को लेकर कहीं और इन्वेस्ट कर दिया करते थे। उनका कहना हैं कि इन सभी केसों को आगे की जांच हेतु ईडी व इनकम टैक्स को सौप दी जाएगी क्यूंकि इन लोगों का कारोबार देश के अलग -अलग हिस्सों में फैले हुए हैं और आया राम और गया राम का हिसाब किताब वहीँ लोग बेहतरीन तरीके से जान पाएगें।
उनका कहना हैं कि इस केस में जो भी रिकवरी होगी ,उसे वह अदालत के आदेश पर मिल पाएगा। इस दौरान उन्होनें मीडिया के माध्यम से उन लोगों से अपील कि हैं की जिन -जिन लोगों ने इन पांचों आरोपियों से पैसे लेने हैं वह अपने -अपने कागजात के साथ उन्हें शिकायतें जरूर दें जिससे इन केसों को मजबूती मिले। वैसे अब तक उनके पास 100 शिकायतें आ चुकी हैं। खबर हैं कि इस एसआरएस ग्रुप में चंडीगढ़ के पुलिस मुख्यालय व अन्य विभागों के बड़े -बड़े अधिकारीयों ने करोड़ों रूपए इन्वेस्ट किए हुए हैं, उन सभी को एक से पांच तारीख के बीच हर महीनें ब्याज के पैसे एक लिफ़ाफ़े में बंद करके पहुंचा दी जाती थी। इन सभी लोगों के पास इससे पहले भी कई मुकदमें शहर के अलग -अलग थानों में दर्ज किए गए थे पर उन सभी मामलों में पुलिस बिल्कुल गंभीरता दिखाई नहीं दे रहीं हैं।
मालूम हुआ हैं कि फरीदाबाद के एक पूर्व पुलिस कमिश्नर ने अपने कार्यकाल के वक़्त में अपने कार्यालय में एसआरएस ग्रुप के चैयरमेन अनिल जिंदल को बुलाया था। उस समय ही लोगों की शिकायतें उनके पास पहुंच रहीं थी। उस दौरान अनिल जिंदल से उन्होनें पूछा था कि लोगों के कितने पैसे आपके पास बकाया हैं और प्रॉपर्टी कितने का हैं। इसके बाद एसआरएस ग्रुप के चैयरमेन अनिल जिंदल उन्हें ने कहा था कि लोगों के उसने साढ़े ग्यारह सौ करोड़ रूपए देने हैं और उसके पास 5500 से 6000 करोड़ रूपए की प्रॉपर्टी हैं और बैंकों के लोन बिल्कुल अलग हैं। उसने उन्हें आश्वस्त किया था कि अगले एक साल के अंदर में लोगों के कर्ज के पैसे लौटा देंगें,उन्होनें ने अनिल जिंदल से कहा था कि किसी नेता के चककर में नहीं पड़ना, तेरे आधे पैसे वहीँ खा जाएगें इस लिए कहता हूं कि छोटे -छोटे पैसे जिनके हैं उन्हें जल्दी दे दें, जिन के बड़े पैसे हैं उनको उसके बाद लौटा देना पर इस बात को तक़रीबन दो साल से अधिक बीत चुके हैं पर अनिल जिंदल ने किसी का भी पैसा नहीं लौटाया और आज वह जेल पहुंच गया। देखना हैं कि इसके आगे क्या होता हैं।




