अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: सूरजकुंड के नजदीक गुरुकुल में लगभग दो एकड़ जमीनों में अवैध रूप से इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग की जा रहीं हैं। इसे रोकने वाला कोई नहीं हैं। क्यूंकि यह प्लॉटिंग हरे रंग की गेट के पीछे चोरी छिपे की जा रहीं हैं। बाहर से देखेंगें तो पीछे की हरकते आपको बिल्कुल दिखाई नहीं देंगी। इस से नगर निगम को मिलने वाला लाखों रूपए का राजस्व का नुकशान हैं। इस मामले में फरीदाबाद नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार का कहना हैं कि इसी वक़्त वह अपने कर्मचारी को मौके पर जगह देखने के लिए भेज रहे हैं और इसके बाद जो भी कार्रवाई होगी वह अवश्य की जाएगी।
खबर के मुताबिक फरीदाबाद के सूरजकुंड रोड,गुरुकुल,ग्रीन वैली से लगभग 100 कदम आगे तक़रीबन दो एकड़ जमीनों पर अवैध रूप इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग धड़ल्ले से की जा रही हैं। जहां पर यह प्लॉटिंग हो रहीं हैं उसके सामने महावीर ऑटो मोबाइल सर्विस सेंटर हैं। यहां कॉलोनी काटने वाले शख्स ने बीच में सड़के भी बना ली हैं और कई लोगों को इसमें से 30 हजार रूपए प्रति गज के हिसाब से कई प्लाटों को बेचा भी गया हैं। इस प्लाट पर कल रविवार के दिन एक स्थान पर कंस्ट्रक्शन का काम भी चल रहा था। बताया गया हैं कि इस प्लॉटिंग का कार्य नगर निगम के संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से किया जा रहा हैं। एक बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह ने बताया कि उसने लगभग 15 दिन पहले गुरुकुल में चल रहे अवैध प्लॉटिंग के कार्य रुकवा दिया था। वह किसी भी कीमत पर अवैध प्लॉटिंग व अवैध निर्माण का कार्य नहीं होने देंगें। इन के बातों पर कैसे भरोसा करे जब कल रविवार को वहां पर कंट्रक्शन काम धड़ल्ले से किया जा रहा था जोकि शुरू आती दौड़ में था। अभी चारों तरफ की दीवारें एक प्लाट के ऊपर अवैध रूप से बनाई जा रहीं थी। सवाल हैं कि सिर्फ काम बंद कराने से कंट्रक्शन व दीवारे बनाने का काम बंद हो जाएगी।
लॉकडाउन की आड़ में जो रोड नेटवर्क बनाई गई हैं उसे कौन उखाड़ेगा। जो प्लॉटिंग हुई हैं उसको कौन तहस नहस कौन करेगा। मालूम हुआ हैं कि 4 से 5 लोगों की रजिस्ट्री भी हो चुकी हैं। इस बात की जांच पड़ताल कौन करेगा। इसका जवाब बिल्डिंग इंस्पेक्टर सुमेर सिंह के पास बिल्कुल नहीं था ।
उनका कहना हैं कि अब उनका तबादला फतेहाबाद जिले में हो गया हैं। जब भी वहां पर नगर निगम का कोई कर्मचारी मौके पर जाता है तो प्लॉटिंग करने वाले अशोक गुप्ता कह देता हैं कि उसने प्लॉटिंग का काम अभी बंद किया हुआ हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं होता। उसका काम चोरी छिपे अभी भी चल रहा होता हैं।
इस प्रकरण में एनआईटी नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर प्रशांत कुमार का कहना हैं कि इसी वक़्त वह अपने स्टाफ को मौके पर देखने के लिए भेज रहे हैं और इस वक़्त जो काम चल रहा होगा, उसे तुरंत प्रभाव से बंद करवा दिया जाएगा। इसके बाद भी जो सख्त कार्रवाई होगी वह अवश्य की जाएगी। लोगों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मांग की है कि इस अवैध प्लॉटिंग की जांच सीएम फ़्लाइंग या किसी निष्पक्ष एजेंसी कराई जाए। क्यूंकि निगम के संबंधित अधिकारी अपना सख्त कार्रवाई करने के बाजए अपना उल्लू सीधा कर लेते हैं। और नगर निगम प्रशासन को मिलने वाला राजस्व फिर नहीं मिल पाता हैं। अभी अभी निगम के अधिकारी ने बताया कि इस प्लाट के ऊपर एक पिंकू नाम का एक शख्स निर्माण कर रहा था जिसे वह उन्होनें बंद करवा दिया हैं।