
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद:ग्रीन फील्ड कॉलोनी के लहरी ग्रुप में एक बिल्डर की लापरवाही के कारण एक मजदूर की पहली मंजिल पर शटरिंग करने के दौरान नीचे गिरने से दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे की सूचना मिलते ही ग्रीन फील्ड पुलिस चौकी के इंचार्ज कृपा राम और सूरजकुंड थाने के एसएचओ प्रहलाद सिंह अपने -अपने टीम के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए ,जांच पड़ताल के बाद मजदूर के शव को पोस्टमार्टम के लिए फरीदाबाद जिले के नागरिक बादशाह खान अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है। बताया गया है कि काम करने के दौरान सुरक्षा उपकरण का कोई इस्तेमाल नहीं की गई थी। अगर किया होता तो शायद मजदूर हरिश्चंद्र की आज जान नहीं जाती। इस प्रकरण में पुलिस की अपनी कार्रवाई जारी है।

खबर के मुताबिक एसवीसी लहरी ग्रुप के प्रांगण ग्रीन फील्ड कॉलोनी में जिला प्रशासन की लापरवाही साफ़ तौर पर नजर आ रही है। शुक्रवार को प्लॉटनंबर-51 -52 के ऊपर निर्माण कार्य चल रही थी। निर्माणाधीन बिल्डिंग की पहली मंजिल पर मजदूर हरिश्चंद उम्र लगभग 45 -46 वर्ष निवासी गाढ़े रसूलाबाद थाना, कान पूर देहात , उत्तर प्रदेश शटरिंग लगाने का कार्य अपने साथियों के संग कर रहा था। इस दौरान उसने कोई सुरक्षा उपकरण पहने हुए नहीं था। और एक दम से उसका पैर फिसल गया, और पहली मंजिल से नीचे गिर गया।

आनन -फानन में उसे ग्रीन फील्ड कॉलोनी के सी. ब्लॉक में स्थित सरस अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सरस हॉस्पिटल के डॉ. असलम ने बताया कि उनके अस्पताल में शुक्रवार शाम को लगभग 7 बजे हरिश्चंद्र को गंभीर अवस्था में लाया गया था। उसे बचाने की बहुत कोशिश की गई थी पर वह लोग उसके जीवन को बचाने में पूरी तरह से असफल रहे, उसकी मौत काफी चोट लगने के कारण हुई है। बताते है कि इस प्रांगण में बारिश के दौरान बीते दिनों एक दीवार गिरने से कई लोग बुरी तरह से घायल हुए थे, और इस पूरे मामले को बिल्डर कंपनी के द्वारा बिल्कुल दबा दी गई।

लहरी ग्रुप के अंदर,का पूरा फैलाव लगभग साढ़े एकड़ में है। बताया गया है कि लहरी ग्रुप ने प्लॉटिंग कर बिल्डरों के हाथों लगभग सभी के सभी प्लॉटों को बेच दिए । अब बिल्डरों के द्वारा अपने- अपने प्लॉटों पर कानूनी नियमों को ताक पर रख कर बड़ी -बड़ी 4 मंजिलों की बिल्डिंगे बना ली हैं। इनमें लगभग सभी के सभी 4 मंजिलों की बिल्डिंगों में कानूनी नियमों को बिल्डरों ने क्या खूब ठेंगा दिखाया है। इन बिल्डरों पर जिला प्रशासन आखिर खामोश क्यों है। सवाल लोगों जेहन में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक हरिश्चंद्र अपने 25 -30 साथियों के साथ लगभग तीन महीने पूर्व में यहां काम करने के लिए अपने गांव गढ़ा रसूलाबाद थाना , कानपूर , देहात , उत्तर प्रदेश से आया था। आज उस के जीवन का अंत हो गया। आज सरस हॉस्पिटल में मृतक हरिश्चंद के लगभग सभी साथी गण मौजूद थे, उसके परिजनों को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। उनके पहुंचने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। क्या इस बारे में जिला प्रशासन कोई ठोस और मजबूत कार्रवाई बिल्डरों के खिलाफ करेगी।
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