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दिल्ली

बाढ़ और बरसात से दिल्ली में बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा, रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकार ने कसी कमर

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली पर पड़ा है। बाढ़ और बरसात के चलते डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां पनपने का खतरा बढ़ गया है। लेकिन फिलहाल यह प्रवृत्ति देखने को नहीं मिल रही है। फिर भी केजरीवाल सरकार ने इन बीमारियों से निपटने के लिए कमर कस ली है। इसी कड़ी में सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली नगर निगम के शाहदरा स्थित स्वामी दयानंद अस्पताल और खिचड़ीपुर के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल का दौरा किया। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया कि अगर राहत केंद्रों से इमरजेंसी में डेंगू, चिकनगुनिया , मलेरिया जैसे लक्षण वाले मरीज आए तो परिसर में बने डिजास्टर मैनेजमेंट वार्ड में भर्ती किया जाए। साथ ही उनकी स्थिति को मॉनिटर किया जाए। निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय विधायक, एमसीडी मेयर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली पर पड़ा है। यहां पर प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में लाया गया है। यहां निरीक्षण के दौरान जानकारी मिली थी कि कंजंक्टिवाइटिस (नेत्रश्लेष्मलाशोथ), स्किन एलर्जी, बुखार के मामले ज्यादातर राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं। मगर बरसात और बाढ़ के बाद डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां पनपने का भी खतरा बढ़ गया है। हालांकि वर्तमान में राहत शिविरों में ऐसे मामले देखने को नहीं मिल रहे है। फिर भी केजरीवाल सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे है। बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्वामी दयानंद अस्पताल और लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में वेक्टर जनित बीमारियों के मरीजों के लिए डिजास्टर मैनेजमेंट वॉर्ड बनाया गया है। ताकि यहां राहत शिविरों से आने वाले लोगों को एडमिट किया जाए सके और उन्हें मॉनिटर किया जा सके। साथ ही यह भी पता चल सके कि राहत शिविरों में कोई नई महामारी तो नहीं फैल रही है। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने वेक्टर जनित बीमारियों से संबंधित दवाओं के स्टॉक का भी जायजा लिया और अस्पताल प्रशासन को गंभीरता के साथ स्थिति पर नजर रखने के निर्देश दिए।स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार की ओर से वेक्टर जनित बीमारियों के खतरे को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए जा रहे है। दिल्ली सरकार के सभी राहत शिविरों में दो डॉक्टर समेत पैरामेडिकल स्टाफ उपलब्ध है। यहां प्रभावित लोगों को दवा और उपचार मुक्त प्रदान किया जा रहा है। इन राहत शिविरों में रह रहे सभी लोगों को मेडिकल सुविधाओं की जानकारी है। अभी तक वेक्टर जनित बीमारियां का कोई ट्रेंड देखने को नहीं मिला है, फिर भी सरकार की ओर से डेंगू के खिलाफ मजबूत तैयारी की गई है। राहत शिविरों से जब ये लोग वापस अपनी जगह पर चले जाएंगे, तब भी सरकार स्थिति को मॉनिटर करेगी। यदि कहीं पर भी कोई बीमारी का ट्रेंड दिखा, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर लोगों ने अपने साथ बकरियां, गाय, भैंस इत्यादि रखी है। ऐसे में सरकार की ओर से आग्रह के बावजूद भी वे स्कूलों या सामुदायिक केंद्र में बनें राहत शिविरों में स्थानातरित नहीं हो रहे है। उन्हें सरकार की तरफ से भोजन, पानी, बिजली सहित मेडिकल की सुविधा मुफ्त दी जा रहा है। यहां पर स्थिति पर नजर रखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब आपके यहां पानी भरेगा तो डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां का खतरा रहेगा। आपके घर में, कंस्ट्रक्शन साइट, पुलिस के माल खानों में, नगर निगम के जहां पर व्हीकल स्टोर करते हैं, इस तरह की जगह पर साफ पानी किसी ना किसी तरह जमा हो जाता है तो उसके लिए बहुत सावधान रहें। खासतौर पर घर की छत पर, गमलों के आसपास, फूलदान के अंदर, फ्रिज के नीचे ट्रे के अंदर पानी एकत्रित हो जाता है। ऐसे में ध्यान रखें कि कहीं भी साफ पानी इकट्ठा न हो, अगर इकट्ठा है तो जल्द से जल्द उसे उडेल दिया जाए और उसको स्थिर न रखा जाए। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केजरीवाल सरकार का लक्ष्य मानसून के दौरान वेक्टर बोर्न डिजीज से निपटने की मजबूत तैयारी करना है। सभी विभागों के मिलकर कार्य करने से दिल्लीवासियों को डेंगू सहित अन्य वेक्टर बोर्न डिजीज से बचाया जा सकता है। केजरीवाल द्वारा दिल्ली के स्कूली बच्चों को डेंगू की रोकथाम में बड़े स्तर पर शामिल किया जाएगा और दिल्ली के सभी स्कूलों में डेंगू होमवर्क के नाम से स्कूली छात्रों को एक कार्ड दिया जाएगा। उस कार्ड को बच्चे अपने पेरेंट्स से भरवाए। कार्ड के जरिए बच्चे हर हफ्ते सुनिश्चित करेंगे कि क्या उन्होंने अपने घर की पूरी चेकिंग की। डेंगू पर रोकथाम के लिए सरकार की ओर से प्रयोगशालाओं में डेंगू वायरस के सीरोटाइप का निर्धारण किया जाएगा। इसके साथ ही संवेदनशील स्थानों पर मच्छरों की निगरानी और नियंत्रण के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे। इससे डेंगू सहित वेक्टर बोर्न डिजीज की रोकथाम में काफी ज्यादा मदद मिलेगी।उल्लेखनीय है कि केजरीवाल सरकार का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग अस्पतालोंमें सार्वजनिक प्रणाली के माध्यम से डेंगू से बचाव के लिए जरुरी अभियान चलाएगा। मच्छर नियंत्रण उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर (डीबीसी) पुलिस स्टेशनों और सरकारी भवनों का भी निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के प्रतिनिधियों को मेट्रो स्टेशनों और मेट्रो रेल के अंदर डीजीएचएस द्वारा जन जागरूकता संबंधी संदेश दिए जाएंगे। इससे बड़ी संख्या में यात्रियों तक डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी पहुंचाने में मदद मिलेगी। जहां डीडीए, पीडब्ल्यूडी या एमसीडी जैसे विभागों द्वारा निर्माण कार्य चल रहा हैं,ऐसी कंस्ट्रक्शन साइट्स और खास कर पुलिस के मालखाने,अन्य किसी विभाग के मालखाने और रिकॉर्ड रूम आदि जगहों में अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि यहां पानी इकट्ठा ना हो और मच्छर ना पनप पाए। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि विभिन्न इलाकों में डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स घर-घर जा रहे हैं या नहीं। साथ ही डीबीसी जिन-जिन घरों में दौरा कर रहे हैं, उन घरों की दीवार पर तारीख अंकित करेंगे कि घर के अंदर कब आए थे। ताकि पता चल सके कि डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स ने किस दिन घर की चेंकिग की। एमसीडी अधिकारी हर दिन अपने इलाकों में एक बार रेंडम चेकिंग करेंगे।

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