अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों के हित में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में हुई आगजनी की घटनाओं से हुए फसलों के नुकसान की भरपाई सरकार करेगी। अभी तक लगभग 801 एकड़ में नुकसान की जानकारी मिली है। उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन घटनाओं की रिपोर्ट ले और नुकसान का आकलन करें। इसके अलावा, कुछ स्थानों पर किसानों को पशु धन की हानि या कोई अन्य नुकसान भी हुआ है, उस की भरपाई भी सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे उपायुक्त कार्यालय में जाकर अपने नुकसान के सम्बन्ध में आवेदन करें ताकि जल्द से जल्द मुआवजे का पैसा उनके खातों में डाला जा सके। किसानों को किसी प्रकार की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा आज पंचकूला जिले के सुख दर्शनपुर गांव में स्थित श्री माधव गौशाला में श्री राधा कृष्ण मंदिर के लोकार्पण अवसर पर आयोजित कार्य क्रम को संबोधित करते हुए की। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने गौशाला परिसर में बने श्री राधा कृष्ण मंदिर का लोकार्पण कर पूजा अर्चना की और पौधारोपण कर गौ माता को चारा भी खिलाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने कोष से 21 लाख रुपये तथा शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी अपनी और से 11 – 11 लाख रुपये माधव गौशाला को देने की घोषणा की। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राधा-कृष्ण का यह मंदिर भक्तों के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनेगा। यह मंदिर हमें प्रेम,करूणा और भक्ति की भावना से ओतप्रोत करेगा , जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक ऐसा प्रदेश है जहां गौ माता को माँ के समान पूजा जाता है। गौमाता की सेवा करना हमारे धर्म और संस्कृति का अभिन्न अंग है और यह गौशाला इस परंपरा को सजीव बनाये हुए है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने गौ संरक्षण को प्राथमिकता दी है। इसके लिए गौशालाओं को आर्थिक सहायता, चारा और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु विशेष योजनाएं लागू की हैं। गौवंश की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं और निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि माधव गौशाला को गायों के संरक्षण एवं रखरखाव के लिए वर्ष 2022 से लेकर 2024-25 तक लगभग 47 लाख रुपये की अनुदान सहायता दी गई है।नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश में गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इस वर्ष गौशालाओं का बजट 595 करोड़ रुपये किया गया है, जबकि 2014 से पहले यह बजट मात्र 2 करोड़ रुपये था। चारे के लिए जमीन की व्यवस्था करने हेतु प्रदेश सरकार ने व्यवस्था की है और अब गौशालाएं चारे के लिए गौ चरान की भूमि उपयोग कर सकेगी। गौ हित को लेकर सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।उन्होंने कहा कि गौमाता बेसहारा न रहे, इसके लिए तीन गौ अभ्यारण्य स्थापित किए हैं। इनमें एक गांव नैन, जिला पानीपत में और दूसरा गांव ढंदुर, जिला हिसार में और तीसरा पंचकूला में बनाया गया है। इनमें शैड, पानी व चारे की व्यवस्था की गई है। इनके लिए 8 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। इनमें लगभग 6,500 बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसहारा गौवंश के पुनर्वास के लिए 200 गौशालाओं को शेड बनाने के लिए 10 लाख रुपये प्रति गौशाला अनुदान दिया जाने की घोषणा की थी। ऐसी 50 गौशालाओं में शेड बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक हरियाणा में 215 पंजीकृत गौशालाओं में केवल 1 लाख 74 हजार गौवंश था लेकिन, इस समय राज्य में 683 पंजीकृत गौशालाएं हैं। इनमें 4 लाख बेसहारा गौवंश का पालन-पोषण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पंजीकृत गौशालाओं को पिछले दस वर्षों में चारे के लिए 270 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। पिछले वित्त वर्ष में 608 गौशालाओं को चारे के लिए 166 करोड़ रुपये की राशि दी गई है।
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