अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब सरकार द्वारा हरियाणा का पानी रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कोई भीख नहीं मांग रहा है बल्कि यह प्रदेश के हिस्से का पानी है, जो पंजाब सरकार को देना ही पड़ेगा। पंजाब को हरियाणा के पानी में कटौती करने का कोई अधिकार नहीं है। यह बीजेपी सरकार की बड़ी विसफलता है कि वो लगातार हरियाणा की हिस्सेदारी में लगातार हो रही कटौती के बावजूद चुपी साधे बैठी है। एकदम से पंजाब में 9500 क्यूसेक पानी को घट कर 4000 क्यूसेक कर डाला। बावजूद इसके हरियाणा सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई गई।
हुड्डा ने कहा कि पंजाब सरकार के इस असंवैधानिक कदम से हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक और महेंद्रगढ़ समेत कई जिलों में पानी का संकट पैदा हो जाएगा और आने वाली फसल की सिंचाई भी मुश्किल हो जाएगी। बावजूद इसके बीजेपी हाथ पर हाथ धरे बैठी है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद से ही हरियाणा के हितों की पैरवी किसी भी मंच पर मुखरता से नहीं की। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसवाईएल पर हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बावजूद आज तक सरकार पानी नहीं ले पाई। जबकि प्रदेश और केंद्र दोनों जगह तीसरे टर्म से बीजेपी की सरकार है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड में भी हरियाणा के लोगों की नियुक्ति से लेकर हरियाणा के अधिकारों तक में कटौती कर दी गई। लेकिन प्रदेश सरकार ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं करवाई।
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