अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़:साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 की अवधि में हरियाणा पुलिस की साइबर शाखा ने जो प्रदर्शन किया है, वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणास्पद मॉडल बनकर उभरा है। साइबर अपराधों की रोकथाम, ठगों की गिरफ्तारी और पीड़ितों को धनवापसी दिलाने संबंधी मामलों में राज्य ने असाधारण सफलता प्राप्त की है। जनवरी से अप्रैल-2024 की तुलना में अप्रैल-2025 में ठगी गई कुल राशि 71.6 करोड़ रूप्ये से घटकर 35.5 करोड़ रूप्ये रह गई। यह एक महत्वपूर्ण गिरावट है, जो या तो उच्च-मूल्य वाले साइबर फ्रॉड में कमी या फिर समयबद्ध कार्रवाई और रोकथाम की सफलता को दर्शाती है। रिकवरी के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। जहां अप्रैल-2024 में केवल 19.5 प्रतिशत राशि ही वापस मिल पाई थी, वहीं अप्रैल-2025 में यह दर बढ़कर 38.2 प्रतिशत तक पहुंच गई है जोकि लगभग दोगुनी है।
डीजीपी हरियाणा ने कहा कि ‘अब पुलिसिंग का अर्थ साइबर स्पेस में सक्रियता भी है‘
हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इन उपलब्धियों पर कहा कि ‘हरियाणा का यह प्रदर्शन केवल आँकड़ों की बात नहीं है, यह उस दृष्टिकोण का परिचायक है, जिसमें साइबर अपराध से निपटना मिशन मोड में लिया गया। हमारी टीमों ने समय रहते कार्रवाई की, तकनीक का विवेकपूर्ण प्रयोग किया और आम नागरिकों को जोड़कर साइबर सुरक्षा की एक नई संस्कृति स्थापित की है। आज पुलिसिंग केवल भौतिक उपस्थिति तक सीमित नहीं रह गई है। साइबर डोमेन में रोकथाम और रिकवरी दोनों ही पुलिस की सफलता के नए मापदंड बन चुके हैं।‘सितंबर 2023 से अप्रैल 2025 तक की अवधि में हरियाणा की साइबर जांच प्रणाली ने उल्लेखनीय प्रगति की। जहाँ पहले केवल 24 प्रतिशत ठगी गई राशि ही केस में ट्रेस होकर सामने आती थी, अब यह आंकड़ा बढ़कर 64 प्रतिशत तक पहुँच गया है। यह 2.7 गुना यानि 166 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि है, जो हरियाणा की साइबर इकाई की तकनीकी दक्षता और जांच के स्तर को दर्शाता है। इसी अवधि में औसत दैनिक गिरफ्तारी दर लगभग दोगुनी हो गई। मोबाइल नंबर ब्लॉकिंग और आईएमईआई नंबर ब्लैकलिस्टिंग की कार्यवाही में भी रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई। इनमें क्रमशः 3.5 गुना और दो गुना वृद्धि दर्ज की गई। बैंक खातों की त्वरित फ्रीज़िंग ने भी धोखाधड़ी के ट्रांजेक्शनों पर त्वरित रोक लगाने में बड़ी भूमिका निभाई।इसी तरह जनवरी से अप्रैल 2025 तक की चार महीनों की अवधि में भी हरियाणा पुलिस ने प्रभावशाली उपलब्धियाँ हासिल कीं। रिकवरी की दर 18 प्रतिशत से बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई है। मोबाइल नंबरों की ब्लॉकिंग 6.6 गुना बढ़कर 12,482 तक और आईएमईआई ब्लैकलिस्टिंग 9 गुना बढ़कर 1,355 तक पहुँच गई। इसी दौरान जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या 182 से बढ़कर 335 हो गई, जबकि इनमें भाग लेने वाले नागरिकों की संख्या 45,920 से बढ़कर 67,144 हो गई। यह 46 प्रतिशत की वृद्धि है। फरवरी-2025 से लेकर अप्रैल तक म्यूल अकाउंट टारगेट टीम ने 2054 मल्टीपल रिपोर्टिड बैंक खातों को ब्लॉक करवाया और उनमें 20.45 करोड़ रूप्ये होल्ड किए। इन्ही बैंक खातों से लिंक 2009 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक करवाया। इसके अलावा, फेक वैबसाइट्स तथा साइबर ठगी में इस्तेमाल होने वाली मोबाइल एप्लीकेशन को ब्लॉक करने के लिए भी साइबर शाखा में एक यूआरएल हंटिग टीम स्थापित की गई है जिसने पिछले 2 माह में ऐसे 355 वैबसाइट्स व एप्लीकेशन/सोशल मीडिया अकाउंटस को ब्लॉक किया है। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध के विरुद्ध अपनाई गई ‘ज़ीरो टॉलरेंस‘ नीति का प्रत्यक्ष परिणाम यह रहा कि औसत दैनिक गिरफ्तारियों की संख्या गत वर्ष 18 से बढ़कर अब 21 तक पहुँच गई यानी प्रतिदिन तीन और अपराधी क़ानूनी शिकंजे में लाए गए, जो धरातल पर की गई कार्रवाई को दर्शाता हैै। वर्ष-2023 में यह दर मात्र 5 प्रतिशत थी। हरियाणा पुलिस ने साइबर सुरक्षा को जन-आंदोलन का रूप देने में उल्लेखनीय प्रयास किए। इस एक वर्ष में साइबर जागरूकता कार्यक्रमों की संख्या में 70 प्रतिशत और नागरिक सहभागिता में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। पुलिस की टीमें स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और संस्थानों में जाकर सोशल मीडिया और मोबाइल फ्रॉड के विषय में जागरूकता फैला रही हैं। इन प्रयासों का परिणाम है कि लोग अब सतर्क हो गए हैं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर रिपोर्ट कर रहे हैं।कपूर ने बताया कि तकनीक के इस दौर में साइबर अपराध देशभर के लिए एक बड़ी चुनौती है। हरियाणा पुलिस ने इस समस्या से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के साथ साथ व्यवस्था परिवर्तन का कार्य किया है। साइबर अपराधियों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों का बारिकी से अध्ययन करते हुए साइबर अपराध रोकने के लिए रणनीति तैयार की गई है। सितंबर 2023 में साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तैनात तकनीकी रूप से दक्ष पुलिस कर्मियों की संख्या को 12 से बढ़ाकर 70 कर दिया गया । इसी कड़ी में बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की गई और उन्हें हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया गया परिणामस्वरूप आज 10 बड़े बैंको के 16 नोडल अधिकारी एक प्लैटफॉर्म पर मिलकर साइबर अपराध रोकने के लिए कार्य कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध नियंत्रण को लेकर किए गए इन कार्यों के परिणामस्वरूप सितंबर 2023 में साइबर फ्रॉड में ब्लॉक की गई राशि की दर व साइबर थानों द्वारा की जा रही रिकवरी जो सिंतबर-2023 में 8.24 प्रतिशत थी वह अप्रैल-2025 में बढ़कर 38.19 प्रतिशत हो गई, जोकि देशभर में सर्वाधिक है। इतना ही नही, अगर कोई शिकायतकर्ता साइबर फ्रॉड के 6 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज करवाता है, तो ठगी गई राशि को 70 प्रतिशत तक ब्लॉक किया जा रहा है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। हरियाणा पुलिस सितंबर 2023 तक देशभर में साइबर फ्रॉड की ब्लॉक की गई राशि की दर के मामले में 23वें स्थान पर थी, लेकिन अब यह पहले स्थान पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि और साइबर हेल्पलाइन 1930 के कुशल क्रियान्वयन के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री, भारत सरकार अमित शाह द्वारा हरियाणा पुलिस को 10 सितंबर 2024 को सम्मानित भी किया गया। हरियाणा पुलिस की साइबर शाखा ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि नेतृत्व स्पष्ट हो, तकनीकी क्षमता सुदृढ़ हो और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित हो, तो साइबर अपराध की रोकथाम और उससे हुई क्षति की भरपाई-दोनों संभव हैं। जहाँ देश के अन्य राज्य साइबर ठगी की चुनौती से जूझ रहे हैं, हरियाणा अपने ठोस, तकनीक-आधारित और समन्वित प्रयासों से देश को एक नया दिशा-सूचक मॉडल दे रहा है। यह दर्शाता है कि सुरक्षा केवल हथियारों से नहीं, सूचना, सतर्कता और रणनीति से भी सुनिश्चित की जा सकती है।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments