अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में हमें लोकमाता अहिल्याबाई के पदचिन्हों पर चलना होगा और उनकी तरह न्याय देना होगा, विकास करना होगा और संस्कृति को सहेजना होगा। आज अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम समाज की सेवा करेंगे और बेटियों को शिक्षा और समान अधिकार देंगे। मुख्यमंत्री आज कुरुक्षेत्र के पिपली स्थित अनाज मंडी में मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पाल गडरिया समाज की ओर से मुख्यमंत्री को पगड़ी, शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर के नाम पर दो एकड़ भूमि पर एक म्यूज़ियम का निर्माण कराया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी उनके जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर प्रेरित हो सके। उन्होंने यह भी घोषणा की कि पाल गडरिया समाज की सहमति से किसी एक गांव या शहर में मातेश्वरी अहिल्याबाई होलकर के नाम से प्रवेश द्वार का निर्माण करवाया जाएगा। उन्होंने पाल गडरिया समाज धर्मशाला कुरुक्षेत्र को अपने स्वैच्छिक कोष से 31 लाख रुपये की राशि देने की भी घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने कैबिनेट कृष्ण लाल पंवार, महिपाल ढांडा, रणबीर गंगावा, श्याम सिंह राणा, सांसद नवीन जिंदल और राज्य सभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा की ओर से भी 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि संत-महात्मा, गुरु और महापुरुष न केवल हमारी अमूल्य धरोहर हैं, बल्कि हमारी प्रेरणा भी हैं। उनकी विरासत को संभालने व सहेजने की जिम्मेदारी हम सबकी है। इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा ‘संत-महापुरुष विचार सम्मान एवं प्रसार योजना’ के तहत संतों व महापुरुषों के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। इस समारोह का आयोजन भी इस योजना के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि मातेश्वरी अहिल्याबाई जी का जन्म 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी गांव में हुआ। उस युग में जब महिलाओं को शासन, शिक्षा और स्वतंत्रता से वंचित किया जाता था, तब अहिल्याबाई जी ने समाज की जंजीरों को तोड़ा और नारी शक्ति का एक दिव्य उदाहरण बनकर उभरी। अहिल्याबाई ने यह साबित कर दिखाया है कि जब एक नारी अपने कर्तव्य पथ पर अडिग हो जाती है तो वह युगों को बदल देती है। अहिल्याबाई होलकर जी केवल एक शासक नहीं थी,वे ‘नारी शक्ति’ की जीती-जागती मिसाल थी। अहिल्याबाई ने किसानों को कर में राहत दी,व्यापार को बढ़ावा दिया और वर्ग के लिए समान अवसर सुनिश्चित किए हैं। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2047 तक विकसित भारत के विजन को साकार करने के लिए तेजी से अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि आज जब भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान को गर्व से विश्व के सामने प्रस्तुत कर रहा है, तो यह याद करना आवश्यक है कि उस पहचान को जीवित रखने का अदवितीय कार्य लोकमाता अहिल्याबाई ने किया था। अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर हो या सोमनाथ, मथुरा हो या अयोध्या, बद्रीनाथ हो या रामेश्वरम्- भारत के लगभग हर प्रमुख तीर्थ का पुनर्निर्माण करवाया। उन्होंने न केवल मंदिर बनवाए, बल्कि धर्म, संस्कृति और आस्था को फिर से जीवित किया। उनके इस महान योगदान को नमन करते हुए, वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से काशी विश्वनाथ में उनकी प्रतिमा स्थापित की गई।मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई का जीवन बताता है कि नारी में केवल कोमलता ही नहीं, संकल्प और नेतृत्व का तेज भी होता है। वे प्रेम और पराक्रम, दोनों की प्रतिमा थीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश प्रगति के पथ तेजी से बढ़ रहा है। हमारी बेटियां भी इसमें विशेष योगदान दे रही हैं। पहलगाम हमले की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा हमारी बहन-बेटियों के सामने उनके परिजनों पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया गया था। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठान लिया था कि आतंकवादियों की बची-खुची जमीन को मिटाने का समय आ गया है। इसी सोच के तहत भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त करने का काम किया जिसमे हमारी बेटी व्योमिका सिंह और सोफिया कुरैशी की अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई के दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रदेश सरकार हरियाणा एक-हरियाणवी एक की भावना से सभी वर्गों और क्षेत्रों का समान रूप से विकास सुनिश्चित कर रही है। कोई भी गरीब भूखा न रहे, इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 49 लाख बी.पी. एल. परिवारों को हर महीने मुफ्त अनाज दिया जा रहा है। इसके अलावा ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को लगभग 15 लाख रसोई गैस कनेक्शन मुफ्त दिए हैं। प्रदेश में 17 लाख से अधिक बी.पी.एल. और ए.ए.वाई. परिवारों को 500 रुपये की दर से गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। इसी तरह से हर गरीब के सिर पर छत मुहैया करवाने के लिए ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत 65 हजार 356 मकान बनवाये गए तथा 41 हजार 529 मकान निर्माणाधीन हैं। मकान की मरम्मत के लिए भी डा. भीमराव अम्बेडकर आवास नवीनीकरण योजना के तहत 80 हजार रुपये की राशि दी जाती है।उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों को इलाज के खर्च की चिंता न हो, इसके लिए ‘आयुष्मान भारत-चिरायु’ योजना के तहत गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक की मुफ्त इलाज सुविधा दी जा रही है। अब तक प्रदेश में 20 लाख 66 हजार मरीजों का 2761 करोड़ रुपये का मुफ्त इलाज किया गया है। इसके अलावा 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज सुविधा मुहैया करवाई जा रही है।
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