अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पलवल: पराली जलाने की घटनाओं से वातावरण प्रदूषित हो रहा है। इस परउच्चतम न्यायालय एवं हरियाणा सरकार तथा पुलिस महानिदेशक हरियाणा ओपी सिंह ने कड़ा संज्ञान लिया है। इन घटनाओं के कारण जहाँ वातावरण में ऑक्सीजन की कमी होती है वहीं सांस लेने में भी कठिनाइयां होती है। पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने पराली जलाने से कई तरह के नुकसान पर प्रकाश डालते हुए डाला जिनमें निम्न नुकसान हो सकते हैं:
– पर्यावरण प्रदूषण: पराली जलाने से वातावरण में धुआं और जहरीली गैसें जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और नाइट्रोजन ऑक्साइड फैलती हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है।
– स्वास्थ्य समस्याएं: पराली जलाने से निकलने वाला धुआं सांस की दिक्कतें और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
– मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कमी: पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद कीट, बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति घट जाती है।
– आगजनी की घटनाएं: पराली जलाने से आगजनी की बड़ी घटनाएं हो सकती हैं, जिससे किसानों को भी नुकसान हो सकता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेशों के तहत, जो भी व्यक्ति पराली जलाते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ –
भारी जुर्माना
एफआईआर दर्ज
अन्य कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है ।
पुलिस अधीक्षक ने आमजन को जागरूक करते हुए कहा कि आज पराली जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में खुद जागरूक होना अत्यंत आवश्यक हो गया है। अतः आज राष्ट्र निर्माण में अहम पराली न जलाने बारे खुद भी जागरूक हों तथा औरों को भी करें।वहीं एसपी ने कड़े शब्दों में कहा कि जो भी कोई पराली जलाकर वायु प्रदूषण का काम करेगा उसके खिलाफ पुलिस विभाग कड़ी कार्रवाई करेगा। वहीं, थानों में तैनात एसएचओ को अपने अधिकार क्षेत्र में निजी तौर पर गश्त कर पराली जलाने की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है।
एसपी पलवल ने कहा –
“पराली जलाना केवल खेत में आग लगाना नहीं, बल्कि आने वाले कल के स्वास्थ्य और पर्यावरण को खाक करना है । किसान वैकल्पिक उपाय अपनाकर पलवल को प्रदूषण मुक्त बनाने में पुलिस का साथ दें।”
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

