अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नॉएडा:भारत सरकार कॉल गेटवे को दरकिनार फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के जरिये इंटरनेशनल कॉल से करोड़ों का चूना लगाने के आरोपी को थाना सेक्टर -20 की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। नोएडा पुलिस ने यह कार्रवाई दूरसंचार विभाग दिल्ली के सहायक निदेशक कमल देव त्रिपाठी, जिया उर्रहमान और सहायक मंडल अभियंता अंकित शुक्ला से मिली इनपुट के आधार पर की गई है। पुलिस ने बताया कि इसमें कई विदेशी लोग भी शामिल हैं। आरोपी के कब्जे से अवैध टेलिफोन एक्सचेंज में इस्तेमाल होने वाला सामान भी बरामद किया गया है।
एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि थाना सेक्टर 20 क्षेत्र के ए-44 सेक्टर-2 और ई-14बी सेक्टर-8 में सुमित कुमार बिसडाह नामक व्यक्ति इंडियन टेलिफोन नंबर पर इंटरनैशनल वॉइस कॉल को ट्रांसफर कर अवैध तरीके से टेलिकॉम एक्सचेंज चला रहा है। इस अवैध टेलीकॉम सेटअप से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा होने के साथ भारत सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा रहा है।
एडीसीपी ने बताया कि इस सूचना पर दूरसंचार विभाग और थाना सेक्टर-20 की पुलिस ने ए- 44 सेक्टर -2 और ई-14बी सेक्टर-08 में छापा मारा। वहां सुमित कुमार बिसडाह द्वारा प्रयोग में लाए जा टेलीकॉम सेटअप और दस्तावेजों के साथ ही मौके पर मौजूद कर्मचारियों से मिली जानकारी और सबूत के आधार पर अभियुक्त यूपी के बांदा जिले के रहने वाले सुमित कुमार बिसडाह को गिरफ्तार किया। वह फिलहाल दिल्ली के लक्ष्मी नगर में किराए के मकान में रह रहा है। पुलिस ने मौके से 2 लैपटॉप, 2 एसआईपी सर्वर, 2 अन्य सर्वर, 4 सीपीयू, 4 राउटर, 6 स्विच, 1 एसआईपी ट्रंक डिवाइस, 12 वीओआईपी डायलर, 1 लैंडलाइन फोन, 2 जी-पॉन ओएनटी, 2 स्पेक्ट्रा नेट डिवाइस बरामद किए हैं। पुलिस अब इस बात की पड़ताल कर रही है कि सुमित यह अवैध धंधा कितने दिनों से कर रहा था और इससे सरकार को कितने राजस्व की हानि हुई है। पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा के बाबत भी इस मामले की जांच कर रही है।
एडीसीपी ने बताया कि इस फर्जी टेलिकॉम सेटअप चलाने में आधा दर्जन से अधिक विदेशी लोगों के नाम भी सामने आए है। इस कंपनी में उनका सहयोग हो सकता है। उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। यह टेलिकॉम सेंटर इस साल जनवरी में किराए की बिल्डिंग में शुरू हुआ था। फर्जी टेलिकॉम सेटअप से देश की सुरक्षा को भी खतरा बना रहता है। वहीं टेलिकॉम कंपनी को इंटरनैशनल कॉल से होने वाली कमाई भी खत्म हो रही थी। इसे टेलिकॉम कंपनियों को भारी नुकसान भी हो रहा था। ReplyForward