अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा सेक्टर-63 स्थित बहलोलपुर गांव में नाली में दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन मिला है, जो हिंडन नदी के पास नाली में लोगों के डर से छिपा हुआ एक पैंगोलिन बैठा था। सूचना मिलने पर थाना फेज-3 की पुलिस ने पेंगोलिन को नाली से निकालकर वन विभाग के सुपुर्द किया है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना हैं कि हिंड्न नदी के किनारे-किनारे पैंगोलिन गांव में पहुंचा होगा। दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन के मिलने की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब रही। व्हाट्सऐप पर कई ग्रुप में लोगों ने इसे शेयर किया।

तस्बीरों में दिखने वाली ये एक गहरे-भूरे या पीले-भूरे रंग का दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन जीव है. इसका वजन करीब 17 किलो व लंबाई तीन फीट है। यह कुछ-कुछ सांप और छिपकली की तरह दिखाई देता है.बहलोलपुर चौकी इंचार्ज सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एक सूचना मिली सेक्टर-63 स्थित बहलोलपुर गांव में नाली में दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन मिला है। जिसको आस-पास में मौजूद लोग परेशान कर भगाने का प्रयास कर रहे थे।

ग्रामीण के डर से वह नाली में छिप गया था । किसी तरह पैंगोलिन को नाली से बाहर निकाला। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। प्रभागीय वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बहलोलपुर गांव से मिले पैंगोलिन को कब्जा में लिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद ही इसे छोड़ा जाएगा। पैंगोलिन अधिकांश यमुना खादर क्षेत्र में पाया जाता है।

प्रभागीय वनाधिकारी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पैंगोलिन उन दुर्लभ जीवों की प्रजाति में शामिल है, जिसकी संख्या दिनों-दिन घटती जा रही है.इस कारण है पैंगोलिन की हड्डियों और मांस की तस्करी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होती है.इसका सबसे ज्यादा प्रयोग ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन (TCM) में किया जाता है. इनका इस्तेमाल यौनवर्धक दवाओं के साथ कई अन्य तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है. तो वहीं कई देशों में इसको नॉनवेज फ़ूड के तौर पर खाया जाता है. क्योंकि इसके मांस की कीमत बाजार में 27 हज़ार रुपये प्रति किलो तक होती है. दो माह पूर्व भी एक पैंगोलिन मिला था। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत ज्यादा होने से इसकी तस्करी होती रहती है। इसलिए जीव की कीमत करीब चार करोड़ रुपये के आसपास है। दुर्लभ प्रजाति का पैंगोलिन के मिलने की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब रही। व्हाट्सऐप पर कई ग्रुप में लोगों ने इसे शेयर किया गया।
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