Athrav – Online News Portal
फरीदाबाद स्वास्थ्य

फरीदाबाद के सभी डॉक्टर मिलकर मिक्सोपैथी का विरोध करेंगे,डॉक्टर प्रदर्शन करेंगें, 11 दिसंबर -2020 को ओपीडी बंद रहेंगें। 

अजीत सिन्हा की रिपोर्ट 
फरीदाबाद: राष्ट्रीय आई एम ए और स्टेट आइ एम ए में के आह्वान पर, आई एम ए फरीदाबाद की इमरजेंसी जनरल बॉडी मीटिंग 4 दिसंबर को की गई। इसमें राष्ट्रीय और स्टेट आई एम ए द्वारा भेजे गए निर्देशों पर चर्चा की गई और यह फैसला लिया गया कि फरीदाबाद के सभी डॉक्टर  मिलकर मिक्सोपैथी का विरोध करेंगे। इस मीटिंग में स्टेट प्रेसिडेंट डॉक्टर प्रभाकर शर्मा और 2021 के स्टेट प्रेसिडेंट डॉक्टर करण पुनिया भी उपस्थित थे। आगामी 8 दिसंबर को 12 से 2 बजे तक विभिन्न स्थानों पर छोटी-छोटी ग्रुप में डॉक्टरों द्वारा मिक्सो पैथी के विरुद्ध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 11 दिसंबर को सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक इमरजेंसी कार्य और कोरोना के कार्यों को छोड़कर बाकी सारे काम बंद रखे जाएंगे। इस बंद में सभी क्लीनिक, अस्पताल और नर्सिंग होम शामिल रहेंगे। इस एमरजैंसी मीटिंग में हरियाणा की सरकारी हॉस्पिटलों के डॉक्टरों की एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ राजेश शयोकंद, सर्वोदय हॉस्पिटल के एमडी डॉ राकेश गुप्ता ,एशियन हॉस्पिटल से डॉक्टर पी. एस. आहूजा भी उपस्थित थे। उन्होंने अपना पूरा साथ देने का वायदा किया। 

यह निर्देश पूरे भारतवर्ष के डॉक्टरों के लिए दिए गए हैं।

डॉ.पुनीता हसीजा प्रधान आईएमए फरीदाबाद व डॉक्टर सुरेश अरोड़ा मीडिया प्रभारी ने बताया कि 19 नवंबर 2020 को सीसीआईएम ने एक नोटिफिकेशन जारी करके आयुर्वेद चिकित्सकों को विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा करने की अनुमति प्रदान की है। आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 226वी‌ मीटिंग हुई।जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय सरकार द्वारा किया गया है,जिससे कि अपरिपक्व शल्य चिकित्सक पैदा होंगे और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ होने की संभावना है। यहां यह बताना जरूरी है कि साढे 5 साल के एमबीबीएस कोर्स के बाद एक सर्जन को बनने के लिए 4 से 5 साल और लग जाते हैं इसके विपरीत आयुर्वेद के डॉक्टरों को शल्य चिकित्सा सिखा कर इस तरह से सर्जरी करने के लिए जो अनुमति दी जा रही है उससे अपरिपक्व शल्य चिकित्सक ही बनेंगे। ऐसा भी महसूस किया जा रहा है कि आयुर्वेद के डॉक्टरों को शल्य चिकित्सा सिखाने के लिए शिक्षक कौन होगे, व इस तरह की शल्य चिकित्सा करने के लिए बेहोशी के डॉक्टर कहां से लाएंगे, और इस में उपयोग की जाने वाली दवाइयां कौन सी होंगी। और अगर इन सब के लिए एलोपैथी का इस्तेमाल किया गया तो यह मिकसोपैथी कहलाई जाएगी। 

इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए ऐसा महसूस किया जा रहा है कि आम लोगों को नुकसान होने की संभावना है। आई एम ए का सरकार से अनुरोध है वह जल्द से जल्द इस नोटिफि केशन को वापस ले जिससे कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होने की संभावना ना रहे। आईएमए को आयुर्वेद और आयुर्वेदिक डॉक्टरों से कोई खिलाफत नहीं है। हम चाहते हैं कि आयुर्वेद के अंदर खूब रिसर्च की जाए और उस को बढ़ावा दिया जाए ।लेकिन आयुर्वेद और एलोपैथी को मिक्स नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह के कार्य करने से मॉडर्न मेडिसिन को और आयुर्वेद को दोनों को खत्म करने की और अग्रसर होने वाली बात है। राष्ट्रीय आह्वान  का पालन करते हुए 2 दिसंबर को मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क के स्टूडेंट ने देशभर में एक प्लेज ली,जिसमें कि उन्होंने कहा कि हम अपने प्रोफेशन और अपने मॉडर्न साइंस की रक्षा करेंगे और  मिक्सो पैथी नहीं होने देंगे। 

Related posts

अरावली में बन रहे कचरा घर के विरोध में लोग केंद्रीय भारी उद्योग एंव ऊर्जा राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर के कार्यालय पर पहुंचे।

Ajit Sinha

नगर निगम की कमिश्नर सोनल गोयल की अपील का नहीं हैं कोई असर,ना ही उनके अधिकारी सुनते हैं, ना ही लोग सुधारते हैं।   

Ajit Sinha

फरीदाबाद: सैनिक कॉलोनी के 30 से अधिक मकानों पर चला एनआईटी नगर निगम का हथौड़ा।

Ajit Sinha
error: Content is protected !!