अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस ने बिहार में एसआईआर प्रक्रिया में आधार कार्ड को 12वें वैध पहचान दस्तावेज के रूप में शामिल करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए भाजपा-चुनाव आयोग पर तीखा प्रहार किया है। इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने पत्रकार वार्ता में कहा कि बिहार में भाजपा-चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ के चलते मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी कर लाखों लोगों के नाम काटे गए थे। कांग्रेस नेताओं ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में बिहार में 16 दिन तक चली वोटर अधिकार यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इसने मतदाताओं को उनके वोटों की संभावित चोरी के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब समझ चुकी है कि उनके अधिकारों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आधार कार्ड को दस्तावेज के रूप में मान्यता देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मिलकर वोट चोरी को एक सोची-समझी साजिश के तहत आगे बढ़ाया। पहले चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया गया और चयन समिति से चीफ जस्टिस को हटाकर गृह मंत्री को शामिल किया गया। फिर चुनाव आयुक्तों को किसी भी तरह की कार्रवाई से बचाने के लिए कानून में संशोधन किया गया। उन्होंने आगे कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी के अलावा मतदान वाले दिन शाम पांच बजे के बाद अचानक वोटिंग प्रतिशत बढ़ जाता है और मतगणना के दिन भी धांधली की जाती है।
उन्होंने वाराणसी में लोकसभा चुनाव का उदाहरण दिया, जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी कई राउंड तक जीत रहे थे,लेकिन फिर लाइव अपडेट बंद हो गया और आखिर में नरेंद्र मोदी को जिता दिया गया। उन्होंने इसे मैच फिक्सिंग का नाम दिया, जिसमें अंपायर (चुनाव आयोग) को पहले ही फिक्स कर लिया जाता है। अल्लावरु ने जोर देकर कहा कि वोट चोरी के दम पर बनी सरकार जनता की समस्याओं जैसे बेरोजगारी, महंगाई, और अपराध की ओर ध्यान नहीं देती। उन्होंने वोट चोरी को हर समस्या की जड़ बताया। बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा को जनता का अपार समर्थन मिला। इसका कारण राहुल गांधी द्वारा जनता के सामने वोट चोरी के सबूत रखना और फिर लोगों को मतदाता सूची से अपना नाम कटने का प्रमाण मिलना था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में 65 लाख 64 हजार लोगों के नाम हटाए। उन्होंने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि वोट चोरी का मतलब अधिकार, आरक्षण, रोजगार, शिक्षा, लोकतंत्र और युवाओं के भविष्य की चोरी है। उन्होंने बताया कि बिहार में मतदाता सूची से जिन लोगों के नाम कटे, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने शुरू से मांग थी कि आधार कार्ड को वैध दस्तावेज माना जाए और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे मान्यता दे दी है। उन्होंने इसे राहुल गांधी के नेतृत्व और जनता के अधिकारों की जीत बताया। वहीं शकील अहमद खान ने कहा कि बिहार में एसआईआर के जरिए वोट चोरी का सिलसिला शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग का गठजोड़ साफ दिखता है, क्योंकि जब भी विपक्ष ने चुनाव आयोग से एसआईआर या अन्य मुद्दे पर सवाल किए, जवाब भाजपा की ओर से आया। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से से निकला नारा ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अब पूरे देश में फैल गया है। उन्होंने भाजपा-जदयू की ओर से बुलाए गए बिहार बंद के हश्र को लेकर तंज भी किया।
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