अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम ने आज गुरुवार को मोबाइल टावर उपकरण रिमोट रेडियो यूनिट (RRU), चोरी करने वाले अंतरराज्यीय एवं अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किए गए है। इनके कब्जे से चोरी के 30 महंगे RRUs बरामद की गई हैं। चोरी के RRUs को कार्गों के रास्ते हांगकांग, और वहां चीन भेजा जाता था, वहां अच्छे दामों में बिक जाता था। बरामद की गई 30 RRUs की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में लगभग एक करोड़ रूपए है। इस मामले में मोबाइल टॉवर इंस्टॉलेशन कॉन्ट्रैक्टर की संलिप्तता सामने आई हैं। आगे पुलिस की जांच जारी है।
दिल्ली,उप आयुक्त क्राइम ब्रांच विक्रम सिंह आईपीएस ने आज जानकारी देते हुए बताया कि रिमोट रेडियो यूनिट (RRU), जिसे आमतौर पर रिमोट रेडियो हेड (RRH) कहा जाता है, मोबाइल टावर का एक अहम हिस्सा होता है। यह डिवाइस वायरलेस नेटवर्क और मोबाइल उपकरणों को जोड़ने का कार्य करता है। हाल ही में देश के कई राज्यों में RRUs की चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी क्रम में, क्राइम ब्रांच की ईस्ट रेंज-I टीम जिसमें इंस्पेक्टर गुरमीत, एसआई संजय, एएसआई आदेश, एचसी मोहित, एचसी महताप, एचसी शिवराम और कॉन्स्टेबल दीपक शामिल थे, ने एक संगठित गैंग का पर्दाफाश किया जो मोबाइल टावर उपकरणों की चोरी और अवैध निर्यात में संलिप्त था। इस कार्रवाई में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया और 30 चोरी किए गए महंगे RRUs बरामद किए गए। आरोपितों से पूछताछ और लगातार छापेमारी से एक बड़े अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा हुआ।
उनका कहना है कि दिनांक 23.08.2025 को गुप्त सूचना के आधार पर सी-109, न्यू जाफराबाद, दिल्ली में छापेमारी की गई। इसमें निम्नलिखित आरोपितों को पकड़ा गया, इनमें जाहिद, पुत्र अब्दुल जब्बार, निवासी – 1076, गली नं. 35, जाफराबाद, दिल्ली (आयु – 34 वर्ष) और चंदरकांत उर्फ़ अतुल, पुत्र अजय कुमार, निवासी – WZ-592, तीसरी मंजिल, बिहाइंड गोयल सन्स, नंगल राय, दिल्ली (आयु – 24 वर्ष) शामिल है। इनके कब्जे से 10 चोरी किए गए RRUs बरामद हुए। जांच में पाया गया कि इनमें से 2 RRUs दिल्ली और आंध्र प्रदेश में दर्ज चोरी के मामलों से तथा 3 RRUs राजस्थान के मामलों से जुड़े हुए हैं। इस संबंध में केस संख्या 221/25, थाना क्राइम ब्रांच, धाराएं 112/317(5)/31(5) BNS के अंतर्गत दर्ज की गई। दोनों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर 2 दिन की पुलिस रिमांड ली गई। जांच के दौरान आरोपितों से मिली जानकारी के आधार पर समीर उर्फ़ मोहम्मद अफताब, पुत्र मोहम्मद सलीम, निवासी – हौज रानी, मालवीय नगर, दिल्ली (स्थायी पता – श्याम लाल लेन, मेटियाब्रुज, कोलकाता) के ठिकानों पर छापेमारी की गई समीर को गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही पर शिपिंग लाइन प्राइवेट लिमिटेड, महिपालपुर, दिल्ली से 20 चोरी किए गए RRUs बरामद किए गए। यह खेप हांगकांग भेजने की तैयारी में थी। पूछताछ में आरोपित ने खुलासा किया कि चोरी किए गए RRUs/BBUs को कार्गो के माध्यम से हांगकांग भेजा जाता था और वहां से चीन तस्करी की जाती थी, जहां उन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जाता था। साथ ही, यह भी सामने आया कि राजस्थान का एक मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन कॉन्ट्रैक्टर सीधे तौर पर चोरी में शामिल था, जिसके पास तकनीकी जानकारी थी। इसके बाद सीकर और जयपुर में भी छापेमारी की गई।
बरामदगी
1. 10 महंगे चोरी किए गए RRUs – जाहिद और चंदरकांत @ अतुल से
2. 20 महंगे चोरी किए गए RRUs – शिपिंग लाइन प्रा. लि., महिपालपुर से समीर @ मोहम्मद आफताब की निशानदेही पर
3. RRUs की जांच के लिए उपयोग किए जाने वाले महंगे उपकरण
कुल बरामदगी = 30 RRU
जांच में पाया गया कि बरामद 20 RRUs में से 11 RRUs दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश (वेस्ट) में दर्ज चोरी के मामलों से जुड़े हुए हैं।
मोडस ऑपरेंडी (अपराध की कार्यप्रणाली) मोबाइल टॉवर इंस्टॉलेशन कॉन्ट्रैक्टर और उसके स्टाफ को RRUs की इंस्टॉलेशन और हटाने की तकनीकी जानकारी थी। चोरी के बाद राजस्थान रोडवेज बस सेवाओं (खाटूश्याम जी और जयपुर से) के जरिए RRUs को दिल्ली लाया जाता था। दिल्ली पहुंचने के बाद, उन्हें कार्गो एजेंट्स के माध्यम से हांगकांग भेजा जाता था, जहां दस्तावेजों में उन्हें “एम्प्लीफायर” के नाम से दर्ज किया जाता था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय कुरियर कंपनियों के जरिए हांगकांग और फिर चीन तक तस्करी की जाती थी।
आरोपितों का प्रोफाइल
1. चंद्रकांत @ अतुल
उम्र – 24 वर्ष
शिक्षा – कक्षा 8 तक
आर्थिक स्थिति कमजोर, दिल्ली में किराए के मकानों में रहा।
शुरुआत में नाई की दुकान पर काम करता था, बाद में अवैध गतिविधियों में शामिल हो गया।
चोरी किए गए RRUs की टेस्टिंग और पैकिंग का काम करता था।
2. जाहिद
उम्र – 34 वर्ष
शिक्षा – कक्षा 12 तक
पहले अपने बड़े भाई की जैकेट की दुकान पर काम करता था।
समीर के संपर्क में आने के बाद चोरी किए गए RRUs को स्टोर करना और लोडिंग-अनलोडिंग का काम करने लगा। पिछले 4-5 महीनों से इस गैंग का सक्रिय सदस्य था। 22.08.2025 को 5 RRUs के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया।
3. समीर @ मोहम्मद अफताब
उम्र – 26 वर्ष
स्थायी पता – श्याम लाल लेन, मेटियाब्रुज, कोलकाता
शिक्षा – कक्षा 6 तक
8 साल से दिल्ली में परिवार के साथ रह रहा था।
शुरू में छोटे-मोटे कारोबार में था, बाद में चोरी के RRU/BBU का धंधा शुरू किया।
दिल्ली, मेरठ और राजस्थान से RRUs खरीदकर हांगकांग निर्यात करता था।
प्रति यूनिट ₹30,000–50,000 का मुनाफा कमाता था।
अब तक सैकड़ों RRU चीन तक तस्करी कर चुका है।
सुलझाए गए मामले
इस कार्रवाई से दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश (वेस्ट) और आंध्र प्रदेश में दर्ज 16 RRU चोरी के मामलों का खुलासा हुआ है।
निष्कर्ष
क्राइम ब्रांच की यह सफलता लगातार निगरानी, समन्वित प्रयासों और अथक फील्ड वर्क का परिणाम है। इस कार्रवाई ने अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस बड़े गिरोह को उजागर कर भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
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